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पोला के लिए मिट्टी के रंग-बिरंगे बैलों से सजा बलौदाबाजार - मिट्टी के बैलों की पूजा

छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्योहार पोला की तैयारी बाजार में हर जगह देखने को मिल रही है.

रंग-बिरंगे बैलों से सजा बलौदाबाजार
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Published : Aug 28, 2019, 3:14 PM IST

बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ अपनी संस्कृति और त्योहारों के लिए दुनियाभर में मशहूर है. यहां के प्रमुख त्योहारों में से एक त्योहार है पोला, जिसे हर साल भादो की अमावस्या को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इसमें अन्नदाता के साथी यानी बैल को सजाकर विशेष पूजा की जाती है.

रंग-बिरंगे बैलों से सजा बलौदाबाजार

छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है इसलिए यहां कृषि कार्य में बैल का विशेष योगदान होता है, जहां बोआई से लेकर बियासी तक किसान बैल का उपयोग करते हैं.

पढ़ें - प्रदेश में बनाया जा सकता है एक और जिला, सीएम ने दिए संकेत

पोला के लिए बिक रहे मिट्टी के बैल
इस साल 30 अगस्त को पोला मनाया जाएगा, जिसके लिए बाजार में मिट्टी के बैल बिकने के लिए सज चुके हैं. पोला के पहले इन बैलों की खूब बिक्री होती है और मिट्टी के इन बैलों की पूजा करने के बाद बच्चे मिट्टी के बर्तनों और मिट्टी के बैलों के साथ खेलते हैं.

बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ अपनी संस्कृति और त्योहारों के लिए दुनियाभर में मशहूर है. यहां के प्रमुख त्योहारों में से एक त्योहार है पोला, जिसे हर साल भादो की अमावस्या को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इसमें अन्नदाता के साथी यानी बैल को सजाकर विशेष पूजा की जाती है.

रंग-बिरंगे बैलों से सजा बलौदाबाजार

छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है इसलिए यहां कृषि कार्य में बैल का विशेष योगदान होता है, जहां बोआई से लेकर बियासी तक किसान बैल का उपयोग करते हैं.

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पोला के लिए बिक रहे मिट्टी के बैल
इस साल 30 अगस्त को पोला मनाया जाएगा, जिसके लिए बाजार में मिट्टी के बैल बिकने के लिए सज चुके हैं. पोला के पहले इन बैलों की खूब बिक्री होती है और मिट्टी के इन बैलों की पूजा करने के बाद बच्चे मिट्टी के बर्तनों और मिट्टी के बैलों के साथ खेलते हैं.

Intro: बलौदाबाजार - छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है और छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा भी कहा जाता है,छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा बनाने में बैलों का काफी महत्वपूर्ण योगदान है, छत्तीसगढ़ के कृषि कार्यों में बैलों के योगदान का महत्व इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर वर्ष भादो माह की अमावस्या के दिन पोला त्यौहार बड़े ही धूम धाम से पूरे छत्तीसगढ़ में मनाया जाता है।
Body:छत्तीसगढ़ राज्य अपनी संस्कृति और त्योहारों के लिए मशहूर है,छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्योहारों में से एक त्यौहार है पोला, पोला त्यौहार के दिन बैलों को सजा कर इनकी विशेष पूजा की जाती है,छत्तीसगढ़ के कृषि कार्यों में बैलों का विशेष योगदान रहता है और बोआई से लेकर बियासी तक किसान बैलों का उपयोग करते हैं, हर साल पोला के पहले तक किसान बियासी का कार्य पूरा कर लेते हैं जिसके बाद पोला त्यौहार को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और किसान बैलों की पूजा करते हैं, इस साल छत्तीसगढ़ में 30 अगस्त को पोला त्यौहार मनाया जाएगा जिसके लिए बाजारों में मिट्टी के बैल बिकने के लिए सज चुके हैं, पोला के पहले इन बैलों की खूब बिक्री होती है और मिट्टी के इन बैलों की पूजा करने के बाद छोटे बच्चे मिट्टी के बर्तनों और मिट्टी के बैलों साथ खेलते हैं,छत्तीसगढ़ में पोला त्यौहार का अपना अलग ही महत्व है। जिसके लिए जिले के अनेको स्थानो में मिट्टी के नन्दी बैल की दुकाने सज चुकी है.

Conclusion:बाईट 01 :- महिला दुकानदार

बाईट 02 :- ग्राहक ग्रमीण
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