बलौदाबाजार: कसडोल जनपद पंचायत में पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों के द्वारा हड़ताल करने से पंचायत स्तर का काम पूरी तरह से बंद हो गया है. 26 दिसंबर से पंचायत सचिव काम बंद कलम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं. वहीं अब रोजगार सचिवों ने भी तीन सूत्रीय मांगों के साथ 30 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया है. पहले पंचायत सचिवों की हड़ताल और अब रोजगार सहायकों के द्वारा हड़ताल करने से पंचायत स्तर पर काम काफी प्रभावित हो रहा है.
पूरे छत्तीसगढ़ में 10 हजार 600 ग्राम पंचायत हैं, जिसमें पंचायत सचिव और रोजगार सहायकों के कंधों पर पंचायत स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है. साथ ही सरपंच के साथ मिलकर गांव के विकास करने में भी पंचायत सचिव और रोजगार सहायकों की अहम भूमिका रहती है. ग्राम पंचायतों में मनरेगा के माध्यम से ग्रामीणों को अपने ही गांवों में कम से कम 90 दिनों का रोजगार मिलता है और कोरोना काल में छत्तीसगढ़ ने 100 दिनों का रोजगार देकर पूरे देश में तीसरा स्थान हासिल किया था. ऐसे में पंचायत सचिव और रोजगार सहायकों की हड़ताल से लोगों को भारी नुकसान हो रहा है.
पंचायत सचिव और रोजगार सहायक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
पंचायत सचिवों की एक सूत्रीय मांग और रोजगार सहायकों की तीन सूत्रीय मांगें
पंचायत सचिव संघ के जिलाध्यक्ष कामता प्रसाद साहू ने बताया कि राज्य में पंचायत सचिवों की एक सूत्रीय मांग है कि परिवीक्षा अवधि पूरा कर चुके पंचायत सचिवों को सरकार नियमितीकरण करे. रोजगार सहायकों की तीन सूत्रीय मांगें हैं. पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों ने अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.