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बारिश बर्बाद कर रही है किसानों की मेहनत, पल्ला झाड़ रहे जिम्मेदार - paddy waste

बिलाईगढ़ में भारी बारिश के कारण सैकड़ों बोरा धान खराब हो गया है. वहीं जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं.

paddy damage
धान खराब
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Published : May 5, 2020, 8:04 PM IST

Updated : May 5, 2020, 8:48 PM IST

बिलाईगढ़ : छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों का एक-एक दाना खरीदने का वादा किया था. वहीं मंडी में धान सुरक्षित रहे, इसके लिए भी करोड़ों रुपये खर्च कर किए थे. लेकिन बारिश में धान के सैकड़ों बोरे भीग कर खराब हो गए. दूसरी तरफ मंडी के रख-रखाव के लिए जो मंडी समिति बनाई गई थी, वो अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते दिखी.

सैकड़ो बोरी धान खराब

पूरा मामला बिलाईगढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत नगरदा का है, जहां मंडी में फड़ प्रभारी लकेश्वर चंद्रा और मंडी समिति की ओर से धान का सही रख रखाव नहीं किया गया. इस कारण तेज बारिश ओले से सैकड़ों धान के बोरे खराब हो गए. धान पूरी तरह भीग जाने के कारण पूरा काला हो चुका है.

पढ़ें : रायपुर: ऑनलाइन नाट्यकला सिखा रहे पति-पत्नी, बच्चे-बुजुर्ग कर रहे एक्टिंग

मंडी प्रभारी लकेश्वर चंद्रा का कहना है कि धान का उठाव सही समय पर नहीं हुआ है, इसलिए वे कुछ नहीं कर सकते हैं. समिति की ओर से प्लास्टिक कवर उपलब्ध कराया गया था, लेकिन बेमौसम बारिश से सब फट गया. जिसकी वजह से पूरा धान खराब हो गया है. वहीं शाखा प्रबंधक आरके धावलकर का कहना है कि, इस बात की जानकारी मिली है. जांच में दोषी पाए जाने वाले पर उचित कार्रवाई की जाएगी.

लॉकडाउन ने वैसे भी किसानों की कमर तोड़ रखी है. बारिश ने और मुसीबत बढ़ा दी है. कर्ज लेकर खेती करने वाला अन्नदाता भला कैसे इस संकट से उबर पाएगा. दोहरी मार से प्रदेश के किसान बुरी तरह टूटने लगे हैं. इन्हें सरकार से आस है कि शायद कुछ मदद हो जाए.

बिलाईगढ़ : छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों का एक-एक दाना खरीदने का वादा किया था. वहीं मंडी में धान सुरक्षित रहे, इसके लिए भी करोड़ों रुपये खर्च कर किए थे. लेकिन बारिश में धान के सैकड़ों बोरे भीग कर खराब हो गए. दूसरी तरफ मंडी के रख-रखाव के लिए जो मंडी समिति बनाई गई थी, वो अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते दिखी.

सैकड़ो बोरी धान खराब

पूरा मामला बिलाईगढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत नगरदा का है, जहां मंडी में फड़ प्रभारी लकेश्वर चंद्रा और मंडी समिति की ओर से धान का सही रख रखाव नहीं किया गया. इस कारण तेज बारिश ओले से सैकड़ों धान के बोरे खराब हो गए. धान पूरी तरह भीग जाने के कारण पूरा काला हो चुका है.

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मंडी प्रभारी लकेश्वर चंद्रा का कहना है कि धान का उठाव सही समय पर नहीं हुआ है, इसलिए वे कुछ नहीं कर सकते हैं. समिति की ओर से प्लास्टिक कवर उपलब्ध कराया गया था, लेकिन बेमौसम बारिश से सब फट गया. जिसकी वजह से पूरा धान खराब हो गया है. वहीं शाखा प्रबंधक आरके धावलकर का कहना है कि, इस बात की जानकारी मिली है. जांच में दोषी पाए जाने वाले पर उचित कार्रवाई की जाएगी.

लॉकडाउन ने वैसे भी किसानों की कमर तोड़ रखी है. बारिश ने और मुसीबत बढ़ा दी है. कर्ज लेकर खेती करने वाला अन्नदाता भला कैसे इस संकट से उबर पाएगा. दोहरी मार से प्रदेश के किसान बुरी तरह टूटने लगे हैं. इन्हें सरकार से आस है कि शायद कुछ मदद हो जाए.

Last Updated : May 5, 2020, 8:48 PM IST
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