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शारदीय नवरात्रि 2019ः यहां 70 सालों से होती है दुर्गा प्रतिमा की स्थापना - पंडालो में मूर्ती स्थापना

मां दुर्गा की अराधना का पर्व नवरात्र, जिसे शक्ति उपासना का पर्व भी कहा जाता है. नवरात्रि के इन नौ दिनों तक भक्त माता की आराधना और पूजा करते हैं. इसी के साथ दुर्गा पंडालो में भी भक्तों का तांता देखने को मिलता है. आज हम आपको बलौदाबाजार के एक ऐसे पंडाल के बारे में बताएंगे जहां लगभग 70 सालों से माता की प्रतिमा विराजित की जा रही है.

बलौदाबाजार के दुर्गा चौक से शुरु हुई मूर्ति स्थापनामा
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Published : Sep 29, 2019, 10:29 AM IST

Updated : Sep 29, 2019, 11:09 AM IST

बलौदाबाजार: शक्ति अराधना के महापर्व नवरात्रि की शुरुआत आज से हो गई है. भक्त मां के स्वागत की तैयारी जोर-शोर से कर रहे हैं. शारदीय नवरात्रि में नौ दिनों तक मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाएगी. पंडालों में माता की मूर्ति विराजित की जाएगी. नवरात्रि के पहले दिन के साथ पंडालों में मूर्ति स्थापना की तैयारी पूरी कर ली गई है. बलौदाबाजार जिले में सबसे पुराने, दुर्गा चौक की प्रतिमा इस बार भी आकर्षण का केंद्र रहेगी.

1952 से माता की प्रतिमा बैठाई जा रही है
नवरात्र का इंतजार तो सभी को बेसब्री से रहता है. बलौदाबाजार में भी इसकी धूम देखी जा सकती है. नगर में कई पंडाल सजाए जा रहे हैं लेकिन शहर के सबसे पुराने पूजा पंडाल का अलग ही महत्व है. बलौदाबाजार में दुर्गा बैठाने की शुरुआत इसी चौक से हुई थी. 1952 में पहली बार शहर में मां दुर्गा की मूर्ति विराजित की गई थी.

बलौदाबाजार के दुर्गा चौक से शुरु हुई मूर्ति स्थापना

सोहनलाल 52 साल से बना रहे माता की मूर्ति
दुर्गा चौक में पेशे से शिक्षक सोहनलाल यादव हर साल मूर्ति बनाते थे. उन्होंने 52 साल तक माता की मूर्ति बनाई. उम्र ज्यादा हो जाने के बाद और स्वास्थ्य में खराबी होने के बाद उन्होंने मूर्ति बनाना बंद कर दिया. सोहनलाल कहते हैं कि उन्होंने 52 साल तक मूर्ति बनाई लेकिन वो खुद मूर्ति पूजा को नहीं मानते हैं. उनका मानना है कि जिसने हमें बनाया हम क्या उनको बनाएंगे. उनका कहना हैं कि वे भगवान को अंतर्मन से मानते हैं.

सैय्यद चौक ने नाम से जाना जाता था दुर्गा चौक
सोहनलाल बताते हैं कि जिस चौक को आज दुर्गा चौक कहा जाता है उस चौक का नाम पहले मुसलमानों की अधिक संख्या के चलते सय्यद चौक हुआ करता था. लेकिन आज ये चौक दुर्गा चौक के नाम से मशहूर है.

आपसी भाईचारे का की मिसाल है दुर्गा चौक
इस चौक की एक और खासियत आपको बताते हैं. मोहल्ले में रहने वाले लोग जाति धर्म से ऊपर उठकर नवरात्रि के पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं. नवरात्रि में आपसी भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए हैं मुस्लिम भाई भी हर संभव नवरात्रि में मदद करते हैं.

बलौदाबाजार: शक्ति अराधना के महापर्व नवरात्रि की शुरुआत आज से हो गई है. भक्त मां के स्वागत की तैयारी जोर-शोर से कर रहे हैं. शारदीय नवरात्रि में नौ दिनों तक मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाएगी. पंडालों में माता की मूर्ति विराजित की जाएगी. नवरात्रि के पहले दिन के साथ पंडालों में मूर्ति स्थापना की तैयारी पूरी कर ली गई है. बलौदाबाजार जिले में सबसे पुराने, दुर्गा चौक की प्रतिमा इस बार भी आकर्षण का केंद्र रहेगी.

1952 से माता की प्रतिमा बैठाई जा रही है
नवरात्र का इंतजार तो सभी को बेसब्री से रहता है. बलौदाबाजार में भी इसकी धूम देखी जा सकती है. नगर में कई पंडाल सजाए जा रहे हैं लेकिन शहर के सबसे पुराने पूजा पंडाल का अलग ही महत्व है. बलौदाबाजार में दुर्गा बैठाने की शुरुआत इसी चौक से हुई थी. 1952 में पहली बार शहर में मां दुर्गा की मूर्ति विराजित की गई थी.

बलौदाबाजार के दुर्गा चौक से शुरु हुई मूर्ति स्थापना

सोहनलाल 52 साल से बना रहे माता की मूर्ति
दुर्गा चौक में पेशे से शिक्षक सोहनलाल यादव हर साल मूर्ति बनाते थे. उन्होंने 52 साल तक माता की मूर्ति बनाई. उम्र ज्यादा हो जाने के बाद और स्वास्थ्य में खराबी होने के बाद उन्होंने मूर्ति बनाना बंद कर दिया. सोहनलाल कहते हैं कि उन्होंने 52 साल तक मूर्ति बनाई लेकिन वो खुद मूर्ति पूजा को नहीं मानते हैं. उनका मानना है कि जिसने हमें बनाया हम क्या उनको बनाएंगे. उनका कहना हैं कि वे भगवान को अंतर्मन से मानते हैं.

सैय्यद चौक ने नाम से जाना जाता था दुर्गा चौक
सोहनलाल बताते हैं कि जिस चौक को आज दुर्गा चौक कहा जाता है उस चौक का नाम पहले मुसलमानों की अधिक संख्या के चलते सय्यद चौक हुआ करता था. लेकिन आज ये चौक दुर्गा चौक के नाम से मशहूर है.

आपसी भाईचारे का की मिसाल है दुर्गा चौक
इस चौक की एक और खासियत आपको बताते हैं. मोहल्ले में रहने वाले लोग जाति धर्म से ऊपर उठकर नवरात्रि के पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं. नवरात्रि में आपसी भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए हैं मुस्लिम भाई भी हर संभव नवरात्रि में मदद करते हैं.

Intro:बलौदाबाजार - कल से पूरे देश में शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो रहा है और देवी मां दुर्गा नौ दिनो तक विराजमान रहेगी. शारदीय नवरात्रि में देवी मां दुर्गा की अलग-अलग नौ रुपों की पूजा 9 दिनों तक की जाएगी बलौदाबाजार जिले में भी देवी मां दुर्गा के आगमन की तैयारी बड़े ही धूमधाम से की जा रही है. बलौदाबाजार जिले के सबसे पुराने मूर्ति स्थापित करने वाले स्थान दुर्गा चौक में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी तैयारियां जोरों पर है.


Body:हिंदू धर्म में भक्तों को नवरात्रि का हर वर्ष बेसब्री से इंतजार रहता है. बलौदाबाजार जिले में भी नवरात्रि की धूम देखी जा रही है. नगर में पंडालों को सजाया जा रहा है लेकिन बलौदाबाजार जिले के दुर्गा चौक में बैठने वाली दुर्गा का अलग ही महत्व है. बलौदाबाजार नगर में दुर्गा बैठाने की परंपरा की शुरुआत यहीं से हुई थी. बलौदाबाजार में 1952 में पहली बार किसी चौक में दुर्गा बैठाया गया था. बलौदाबाजार के दुर्गा चौक में पेसे से शिक्षक सरोज कुमार यादव हर वर्ष मूर्ति को बनाते थे. और इस तरह उन्होंने 52 वर्षों तक माता की मूर्ति को बनाया. आयु अधिक हो जाने के बाद एवं स्वास्थ्य में खराबी होने के बाद शिक्षक ने मूर्ति बनाना बंद कर दिया. सरोज कुमार यादव कहते हैं कि उन्होंने 52 साल तक मूर्ति बनाई लेकिन वो खुद मूर्ति पूजा को नहीं मानते हैं और भगवान को अंतर्मन से मांगते हैं उनका यह भी कहना है कि जिस चौक को आज दुर्गा चौक कहा जाता है उस चौक का नाम पहले मुसलमानों की अधिक संख्या के चलते पहले सय्यद था. लेकिन आज दुर्गा चौक है. इस मोहल्ले में रहने वाले लोग जाति धर्म से ऊपर उठकर नवरात्रि के पर्व को बड़े धूमधाम से मनाते हैं और नवरात्रि में आपसी भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए हैं मुस्लिम भाई भी हर संभव नवरात्रि में मदद करते हैं.


Conclusion:बाइट01 - इंदु - स्थानीय भक्त

बाइट 02 - छोटेलाल फैकर - समिति सदस्य

बाइट 03- सोहन लाल यादव- मूर्तिकार बलोदा बाजार
Last Updated : Sep 29, 2019, 11:09 AM IST
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