बलौदाबाजार: शक्ति अराधना के महापर्व नवरात्रि की शुरुआत आज से हो गई है. भक्त मां के स्वागत की तैयारी जोर-शोर से कर रहे हैं. शारदीय नवरात्रि में नौ दिनों तक मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाएगी. पंडालों में माता की मूर्ति विराजित की जाएगी. नवरात्रि के पहले दिन के साथ पंडालों में मूर्ति स्थापना की तैयारी पूरी कर ली गई है. बलौदाबाजार जिले में सबसे पुराने, दुर्गा चौक की प्रतिमा इस बार भी आकर्षण का केंद्र रहेगी.
1952 से माता की प्रतिमा बैठाई जा रही है
नवरात्र का इंतजार तो सभी को बेसब्री से रहता है. बलौदाबाजार में भी इसकी धूम देखी जा सकती है. नगर में कई पंडाल सजाए जा रहे हैं लेकिन शहर के सबसे पुराने पूजा पंडाल का अलग ही महत्व है. बलौदाबाजार में दुर्गा बैठाने की शुरुआत इसी चौक से हुई थी. 1952 में पहली बार शहर में मां दुर्गा की मूर्ति विराजित की गई थी.
सोहनलाल 52 साल से बना रहे माता की मूर्ति
दुर्गा चौक में पेशे से शिक्षक सोहनलाल यादव हर साल मूर्ति बनाते थे. उन्होंने 52 साल तक माता की मूर्ति बनाई. उम्र ज्यादा हो जाने के बाद और स्वास्थ्य में खराबी होने के बाद उन्होंने मूर्ति बनाना बंद कर दिया. सोहनलाल कहते हैं कि उन्होंने 52 साल तक मूर्ति बनाई लेकिन वो खुद मूर्ति पूजा को नहीं मानते हैं. उनका मानना है कि जिसने हमें बनाया हम क्या उनको बनाएंगे. उनका कहना हैं कि वे भगवान को अंतर्मन से मानते हैं.
सैय्यद चौक ने नाम से जाना जाता था दुर्गा चौक
सोहनलाल बताते हैं कि जिस चौक को आज दुर्गा चौक कहा जाता है उस चौक का नाम पहले मुसलमानों की अधिक संख्या के चलते सय्यद चौक हुआ करता था. लेकिन आज ये चौक दुर्गा चौक के नाम से मशहूर है.
आपसी भाईचारे का की मिसाल है दुर्गा चौक
इस चौक की एक और खासियत आपको बताते हैं. मोहल्ले में रहने वाले लोग जाति धर्म से ऊपर उठकर नवरात्रि के पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं. नवरात्रि में आपसी भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए हैं मुस्लिम भाई भी हर संभव नवरात्रि में मदद करते हैं.