बलौदाबाजार: कस्टम मिलिंग के लिए आवंटित धान के उठाव में भारी लापरवाही की शिकायत मिलने पर जिले के 28 राइस मिलर्स को शो कॉज नोटिस थमाया गया है. कलेक्टर ने उन्हें नोटिस जारी करते हुए दो दिन में जवाब देने को कहा है. अगर राइस मिलर्स का जवाब नहीं आया, तो एकपक्षीय कार्रवाई भी संभव है.
बलौदाबाजार की समितियों में रखा करोड़ों का धान हो रहा बर्बाद
शो कॉज नोटिस जारी
दरअसल राइस मिल मालिकों के आवेदन पर ही खाद्य विभाग ने कस्टम मिलिंग के लिए संग्रहण केन्द्रों पर रखे धान आवंटित किए थे, लेकिन ज्यादातर राइस मिलर्स द्वारा धान के उठाव में काफी देरी की गई. उनके ढीले-ढाले रवैये और बार-बार चेतावनी देने के बावजूद भी मासिक विवरणी जमा नहीं करने पर जिला प्रशासन ने नोटिस जारी किया है. जिले के खाद्य अधिकारी चित्रकान्त ध्रुव ने बताया कि 28 राइस मिलर्स को कस्टम मिलिंग से जुड़े विभिन्न कारणों को लेकर कलेक्टर ने नोटिस जारी किया है.
इन राइस मिलर्स को दिया गया शो कॉज नोटिस
- सनराइज इंडस्ट्रीज कसडोल
- श्रीराम इंडस्ट्रियल यूनिट 2 सिमगा
- श्री करनी ट्रेडर्स भाटापारा
- रौनक राइस मिल पलारी
- कविता राइस प्रोडक्ट्स सिमगा
- आदित्य राइस एंड कसडोल
- अक्षय राइस मिल पलारी
- गायत्री फूड्स कसडोल
- मेसर्स लक्ष्मी राइस मिल बलौदाबाजार
- मेसर्स तारणी राइस मिल बिलाईगढ़
- पीतावली राइस मिल कसडोल
- प्यारा सिंह एग्रो इंडस्ट्रीज सिमगा
- सावित्री राइस मिल बिलाईगढ़
- सेठ सवरिया राइस मिल बिलाईगढ़
- श्री सिंघानिया राइस मिल बिलाईगढ़
- सुमित्रा राइस मिल
- श्री राम एग्रो इंड कसडोल
- तिरुपति राइस इंड भाटापारा
- श्री कृष्णा राइस इंड कसडोल
- राहुल इंड भाटापारा
- अभय एग्रो भाटापारा
- श्री चांडक इंड भाटापारा
- अभिनव इंडस्ट्रीज भाटापारा
- गोपाल राइस मिल बलौदाबाजार
- सजल फूड्स ढाबाडीह बलौदाबाजार
- सेठ बंशीधर केडिया राइस मिल बलौदाबाजार
- श्री सत्यम शिवम सुंदरम राइस मिल भाटापारा
- श्री श्याम एग्रोटेक सिमगा
बलौदाबाजार में समितियों से धान का उठाव ना होने से खुले में रखा धान खराब हो रहा है. जिले में 1 लाख 84 हजार मीट्रिक टन धान का उठाव अब भी बाकी है, जो सुरक्षित रखरखाव के अभाव में बर्बाद हो रहा है.
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खुले में रखे हैं करोड़ों रुपए का धान
जिला खाद्य विपणन अधिकारी (District Food Marketing Officer) केशव कर्ष ने बताया कि जिले में 31 जनवरी 2021 तक धान खरीदी की गई. जिसमें 1 लाख 61 हजार 221 पंजीकृत किसानों से 66 लाख 94 हजार 44 क्विंटल धान खरीदा गया है. 1 लाख 84 हजार मीट्रिक टन धान का उठाव अब भी बाकी है. जिसे 30 मई तक उठाने के निर्देश दिए गए हैं. सवाल ये है कि अब तक कभी भी इतने समय तक किसी भी सहकारी समितियों में धान नहीं रहता था. लेकिन इस साल धान का उठाव नहीं हो रहा है. सभी समितियों में धान खुले में ही पड़े हुए हैं. लगातार तेज धूप और बेमौसम बारिश से जगह-जगह धान खराब भी होने लगे हैं. ऐसे में समितियों के साथ-साथ सरकार का भी नुकसान हो रहा है.