बलौदाबाजार : राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में रोका-छेका अभियान शुरू किया गया है, लेकिन नगर पालिका भाटापारा में इसका कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है, इसके कारण मुख्य मार्गों पर बैठे मवेशियों के कारण राहगीर रोजाना दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं.
छत्तीसगढ़ सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के फसलों के संरक्षण को लेकर रोका-छेका अभियान की शुरुआत की है. वहीं शहरी क्षेत्रों में भी इस अभियान को लागू कर मवेशियों को संरक्षित कर दुर्घटना में कमी लाने की योजना है. लेकिन भाटापारा नगर पालिका क्षेत्र में अधिकतर जगहों में पशु मालिकों की लापरवाही के कारण खुले में सड़कों पर मवेशी घूमते नजर आ रहे हैं.
'नहीं हो रहा रोका-छेका का क्रियान्वयन'
राहगीरों की शिकायत है कि राज्य सरकार के रोका-छेका अभियान का क्रियान्वयन भाटापारा नगर पालिका में नहीं हो पा रहा है. मुख्य मार्गों के बीचों बीच मवेशी बैठे रहते हैं, जिससे लोग रोजाना दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. लोगों ने बड़ी घटना की आशंका जताते हुए नगर निगम प्रशासन ने जल्द इस समस्या को सुलझाने की गुजारिश की है.
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पशुओं के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई
नगर पालिका के सीएमओ आशीष तिवारी ने बताया कि, पालिका क्षेत्र में लगभग 500 पशु मालिक हैं, जिनके पास लगभग 4 हजार पशुओं की गणना कराई गई है. पशु मालिकों से घोषणा पत्र भरवाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पालिका के काऊ कैचर की हालत जर्जर हो गई थी, मरम्मत कराकर इसे काम में लाया जा रहा है. वहीं नए काऊ कैचर की मांग की गई है. इसके अलावा नगर में कांजी हाउस नहीं होने की वजह से गौठान के लिए प्रस्ताव प्रेषित किया जा रहा है. तात्कालिक व्यवस्था के लिए गौशाला में बातचीत की गई है. आवारा घूमने वाले पशु मालिकों के खिलाफ जुर्माना की कार्रवाई कर पशुओं को गौशाला भेजने की बात कही.
रोका-छेका और गौठान भावनाएं पैदा करने वाले मुद्दे
रोका-छेका के विषय मे वरिष्ठ विधायक और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शिवरतन शर्मा ने कहा कि भूपेश सरकार के पास कोई काम नहीं है. सामान्य जनता और किसानों की भावनाओं के साथ खेला जा रहा है.