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पलारी नगर पंचायत: एक-दो नहीं समस्याओं का अंबार है यहां - बलौदा बाजार

नगर पंचायत पलारी में समस्याओं का अंबार है. कुछ साल पहले शहर में एक मिनी स्टेडियम का निर्माण कराया गया था, लेकिन रखरखाव में लापरवाही के कारण खेल मैदान आज चारागाह जैसा दिख रहा है. वार्ड 2, 3 और 13 में सालों भर पानी की समस्या बनी रहती है. कई वार्डों में आज तक जल आवर्धन योजना चालू नहीं हुआ है.

lot of basic problem in palari nagar panchayat in balodabazar
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Published : Oct 19, 2019, 12:01 AM IST

बलौदा बाजार: पलारी नगर को 2003 में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत का दर्जा दिया गया. 2004 में यहां पहली बार नगरीय निकाय का चुनाव हुआ. इसमें बीजेपी के कुलदीपक वर्मा चुनकर आये और पलारी का पहला नगर पंचायत अध्यक्ष के रूप में अपना दायित्व संभाला.

एक-दो नहीं समस्याओं का अंबार है यहां

15 वार्ड वाले पलारी नगर पंचायत की जनसंख्या 2011 के जनगणना मुताबिक 8568 है. वहीं 2014 के चुनाव के मुताबिक शहर में कुल 7173 मतदाता रहते हैं. इसमें 3614 महिला मतदाता और 3559 पुरुष मतदाताओं की संख्या है. क्षेत्र में ओबीसी समाज के लोगों की बाहुल्यता है. इस बार अध्यक्ष पद भी ओबीसी के लिए आरक्षित है.

नगर पंचायत पलारी में समस्याओं का अंबार है. कुछ साल पहले शहर में एक मिनी स्टेडियम का निर्माण कराया गया था, लेकिन रखरखाव में लापरवाही के कारण खेल मैदान आज चारागाह जैसा दिख रहा है. शहर में गार्डन तो है, लेकिन साफ-सफाई के अभाव में वो भी कबाड़ बना है. वार्ड 2, 3 और 13 में सालों भर पानी की समस्या बनी रहती है. कई वार्डों में आज तक जल आवर्धन योजना चालू नहीं हुआ है. शहर में नाली तो है, लेकिन खुला रहने के कारण शहरभर का कचरा उसी में पड़ा रहता है. जिससे गंदगी का अंबार लगा रहता है.

बलौदा बाजार: पलारी नगर को 2003 में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत का दर्जा दिया गया. 2004 में यहां पहली बार नगरीय निकाय का चुनाव हुआ. इसमें बीजेपी के कुलदीपक वर्मा चुनकर आये और पलारी का पहला नगर पंचायत अध्यक्ष के रूप में अपना दायित्व संभाला.

एक-दो नहीं समस्याओं का अंबार है यहां

15 वार्ड वाले पलारी नगर पंचायत की जनसंख्या 2011 के जनगणना मुताबिक 8568 है. वहीं 2014 के चुनाव के मुताबिक शहर में कुल 7173 मतदाता रहते हैं. इसमें 3614 महिला मतदाता और 3559 पुरुष मतदाताओं की संख्या है. क्षेत्र में ओबीसी समाज के लोगों की बाहुल्यता है. इस बार अध्यक्ष पद भी ओबीसी के लिए आरक्षित है.

नगर पंचायत पलारी में समस्याओं का अंबार है. कुछ साल पहले शहर में एक मिनी स्टेडियम का निर्माण कराया गया था, लेकिन रखरखाव में लापरवाही के कारण खेल मैदान आज चारागाह जैसा दिख रहा है. शहर में गार्डन तो है, लेकिन साफ-सफाई के अभाव में वो भी कबाड़ बना है. वार्ड 2, 3 और 13 में सालों भर पानी की समस्या बनी रहती है. कई वार्डों में आज तक जल आवर्धन योजना चालू नहीं हुआ है. शहर में नाली तो है, लेकिन खुला रहने के कारण शहरभर का कचरा उसी में पड़ा रहता है. जिससे गंदगी का अंबार लगा रहता है.

Intro:नगर पंचायत पलारी परिचय - सिद्धेश्वर की नगरी पलारी 2003 में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में आया. वर्ष 2004 में यहां पहली बार चुनाव हुआ. जिसमें भाजपा की कुलदीपक वर्मा ने निर्दलीय प्रत्याशी महावीर सिंह साहू को परास्त किया और पहली बार अध्यक्ष बनें. वही 2014 के चुनाव में घुसने बाई वर्मा भाजपा प्रत्यासी ने राज भारतीय वर्मा कांग्रेस प्रत्यासी को परास्त किया और अध्यक्ष बनी. 15 वॉर्ड के इस नगर पंचायत की जनसंख्या 2011 के जनगणना अनुसार 8568 है. और 2014 के चुनाव के अनुसार यहां 7173 मतदाता है जिसमें महिला 3614 मतदाता और पुरुष मतदाता 3559 है. नगर में समस्याओं की कमी नहीं है. वर्तमान में सीटों के आरक्षण के बाद नगर पंचायत obc के लिए आरक्षित है.


Body:मुद्दे - नगर पंचायत पलारी में मुद्दे की कमी नहीं है लेकिन हर बार की तरह इस बार भी विकास के मुद्दे इस नगर में आगे हैं.

समस्या - नगर पंचायत पलारी में समस्याओं की कोई कमी नहीं है यहां खेल के लिए मिनी स्टेडियम तो है लेकिन रखरखाव ठीक नहीं है. गार्डन तो है लेकिन साफ सफाई नहीं है. वार्ड 2,3 और 13 में पानी की समस्या हमेशा बनी रहती है. जल आवर्धन योजना अभी तक चालू नहीं हुआ है. बात करे तालाब की तो साफ सफाई गहरी करण भी नहीं किया जाता. नाली है लेकिन नाली हमेशा खुला रहता है. इसके अलावा गौठान की भी समस्या है.


प्रमुख दावेदार - पलारी नगर पंचायत के obc के लिए आरक्षित होने के बाद यहां दावेदार की लंबी लिस्ट है अगर बात की जाए कांग्रेस की तो प्रबल दावेदार में गोपी साहू का नाम सबसे पहले है उसके बाद संतोष देवांगन,झड़ी राम कन्नोजे, भूषण ठेठपार, गणेश शंकर जायसवाल इन सभी के नाम शामिल है. वही बात की जाए भाजपा की तो यशवर्धन वर्मा, नंद वर्मा, राजेंद्र साहू, आत्मदेव वर्मा, ताजेंद्र तनोजे का नाम शामिल है.


Conclusion:
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