बलौदा बाजारः शहर में उद्योग लगाने के नाम पर विकास के कई दावे किए जाते हैं, लेकिन उद्योग लगने के बाद लोगों को इससे होने वाली समस्याओं से शासन प्रशासन निजात नहीं दिला पाता. ऐसा ही स्थिति फिलहाल बलौदा बाजार की है.
दरअसल, शहर में पानी की समस्या काफी गंभीर हो गई है. कहा जा रहा कि जब तक बलौदा बाजार में सीमेंट प्लांट स्थापित नहीं थे, तब तक यहां पानी की समस्या ज्यादा नहीं थी. जैसे-जैसै शहर में सीमेंट प्लांट की संख्या बढ़ती गई, प्लांट में होने वाली खुदाई की वजह से पानी का लेवल भी गिरता गया. शहर में पानी का लेवल एक वक्त जहां महज 90 फीट था, वो आज 350 से 400 फीट तक नीचे चला गया है.
जल स्त्रोत में भी जल स्तर हुआ कम
सीमेंट प्लांट की खदानों में गड्ढे में इतनी खुदाई कर दी गई है कि क्षेत्र का पानी उन खदानों में जाकर जमा हो जाता है. बारिश के दौरान भी वाटर रिचार्जिंग के लिए जमा होने वाला पानी भी गहरी खदानों में जाकर जमा हो जाता है. इसके कारण इलाके के आस-पास के जल स्त्रोत में भी जल स्तर काफी कम हो गया है, जिसके कारण गर्मी के समय में पानी की किल्लत हो रही है. जल स्तर घटने से लोगों के घरों के बोर भी सूखते जा रहे हैं.
खदानों की लापरवाही
नियम के तहत खदानों में खुदाई के बाद उसे वापस मिट्टी से भरना होता है, लेकिन संयंत्र खुदाई करके उसमें से पत्थरों को निकाल कर उसे वैसे ही छोड़ देते हैं, जिससे वहां पानी एकत्र हो जाता है. आमजन इन खदानों में एकत्र जल का उपयोग भी नहीं कर पाते हैं.