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बलौदा बाजार में लॉकडाउन के बीच मनरेगा से दिया गया सबसे ज्यादा रोजगार - लॉकडाउन में रोजगार

बलौदा बाजार जिला मई माह में मनरेगा के तहत काम देने के मामले में पहला स्थान हासिल किया है. पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग से जारी आंकड़ों के अनुसार जिला राज्य में पहले स्थान पहुंच गया है. जिले में मई माह में मनरेगा के तहत कुल 59 हजार 521 श्रमिकों को रोजगार मिला है. पहला स्थान हासिल करने पर कलेक्टर सुनील कुमार जैन मनरेगा के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी है.

Highest employment given to MNREGA amid lockdown
लॉकडाउन के बीच मनरेगा से दिया गया सबसे ज्यादा रोजगार
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Published : May 3, 2021, 9:14 PM IST

बलौदा बाजारः लॉकडाउन में सभी काम-धंधे ठप पड़े हुए हैं. ऐसे में जिला प्रशासन ग्रामीणों को रोजगार देने में जुटा हुआ है. लॉकडाउन के दौरान मनरेगा के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार दिया जा रहा है. लॉकडाउन के बीच काम देने के मामले में बलौदा बाजार पूरे राज्य में पहले स्थान पर है. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 69 हजार से ज्यादा ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है. जिससे ग्रामीणों की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है.

59 हजार 521 श्रमिकों को मिला काम

पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के जारी आंकड़ों के अनुसार बलौदा बाजार मनरेगा के तहत सबसे ज्यादा काम देने वाला जिला बन गया है. राज्यभर में मनरेगा के तहत किए गए मई माह के आंकड़े जारी किए गए हैं. जिसमें श्रमिकों को रोजगार देने में बलौदाबाजार जिला राज्य में पहले स्थान पर बना हुआ है. सहायक परियोजना अधिकारी मनरेगा केके साहू ने बताया कि, रजिस्टर्ड श्रमिकों को मांग के अधार पर रोजगार दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मई माह के पहले सप्ताह में जिले में कुल 69 हजार 521 श्रमिक काम कर रहे हैं. जिसमें जनपद पंचायत कसडोल में 20 हजार 505, बिलाईगढ़ में 18 हजार 166, सिमगा में 12 हजार 593, बलौदा बाजार में 6 हजार 943, भाटपारा में 5 हजार 926 और पलारी विकासखंड में भी 5 हजार 388 श्रमिक काम कर रहे हैं.

कांकेर में लॉकडाउन के दौरान मजदूरों का फिर सहारा बना मनरेगा

कोरोना गाइडलाइन का हो रहा है पालन

लॉकडाउन के दौरान ग्रामीणों को उनके गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराये जाने से ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है. कोरोना संक्रमण के चलते सभी कार्यस्थलों में कोविड गाइडलाइन का पालन कराया जा रहा है. जिसकी निगरानी भी की जा रही है. नियमों के तहत एक साथ 2-3 कार्य को शुरू कर अलग-अलग मोहल्लों में श्रमिकों से काम कराया जा रहा है. मजदूरों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जा रहा है. साथ ही मास्क और सैनिटाइजर को अनिवार्य किया गया है.

कलेक्टर ने दी कर्मचारी-अधिकारी को बधाई

कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने जिला पंचायत की इस उपलब्धि के लिए मनरेगा में कार्यरत सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि जिले का यह स्थान हमेशा बना रहे इसके लिए हमेशा प्रयास होना चाहिए. कलेक्टर ने मनरेगा कार्य के दौरान कोविड गाइडलाइन का पालन करने का भी निर्देश दिया. प्रभारी जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हरिशंकर चौहान ने भी टीम को बधाई दी है. उन्होंने सभी को सतर्क रहकर काम करने की अपील की.

'मनरेगा के लंबित भुगतान की जिम्मेदारी ले भूपेश सरकार'

पौधारोपण की तैयारी शुरू

जिले में बरसात आने से पहले पौधारोपण की तैयारी भी शुरू कर दी गई है. वर्तमान में पैधारोपण के लिए गड्डे की खुदाई की जा रही है. सभी स्थनों पर 20 मई तक गड्डा खोदने का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. प्रभारी जिला पंचायत सीईओ ने सभी जनपद सीईओ, मनरेगा के कर्मचारियों और तकनीकी सहायकों को पौधारोपण के कार्य में सहयोग करने की अपील की है.

Data released by the Panchayat and Rural Development Department
पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग से जारी आंकड़े

बलौदा बाजारः लॉकडाउन में सभी काम-धंधे ठप पड़े हुए हैं. ऐसे में जिला प्रशासन ग्रामीणों को रोजगार देने में जुटा हुआ है. लॉकडाउन के दौरान मनरेगा के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार दिया जा रहा है. लॉकडाउन के बीच काम देने के मामले में बलौदा बाजार पूरे राज्य में पहले स्थान पर है. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 69 हजार से ज्यादा ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है. जिससे ग्रामीणों की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है.

59 हजार 521 श्रमिकों को मिला काम

पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के जारी आंकड़ों के अनुसार बलौदा बाजार मनरेगा के तहत सबसे ज्यादा काम देने वाला जिला बन गया है. राज्यभर में मनरेगा के तहत किए गए मई माह के आंकड़े जारी किए गए हैं. जिसमें श्रमिकों को रोजगार देने में बलौदाबाजार जिला राज्य में पहले स्थान पर बना हुआ है. सहायक परियोजना अधिकारी मनरेगा केके साहू ने बताया कि, रजिस्टर्ड श्रमिकों को मांग के अधार पर रोजगार दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मई माह के पहले सप्ताह में जिले में कुल 69 हजार 521 श्रमिक काम कर रहे हैं. जिसमें जनपद पंचायत कसडोल में 20 हजार 505, बिलाईगढ़ में 18 हजार 166, सिमगा में 12 हजार 593, बलौदा बाजार में 6 हजार 943, भाटपारा में 5 हजार 926 और पलारी विकासखंड में भी 5 हजार 388 श्रमिक काम कर रहे हैं.

कांकेर में लॉकडाउन के दौरान मजदूरों का फिर सहारा बना मनरेगा

कोरोना गाइडलाइन का हो रहा है पालन

लॉकडाउन के दौरान ग्रामीणों को उनके गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराये जाने से ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है. कोरोना संक्रमण के चलते सभी कार्यस्थलों में कोविड गाइडलाइन का पालन कराया जा रहा है. जिसकी निगरानी भी की जा रही है. नियमों के तहत एक साथ 2-3 कार्य को शुरू कर अलग-अलग मोहल्लों में श्रमिकों से काम कराया जा रहा है. मजदूरों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जा रहा है. साथ ही मास्क और सैनिटाइजर को अनिवार्य किया गया है.

कलेक्टर ने दी कर्मचारी-अधिकारी को बधाई

कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने जिला पंचायत की इस उपलब्धि के लिए मनरेगा में कार्यरत सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि जिले का यह स्थान हमेशा बना रहे इसके लिए हमेशा प्रयास होना चाहिए. कलेक्टर ने मनरेगा कार्य के दौरान कोविड गाइडलाइन का पालन करने का भी निर्देश दिया. प्रभारी जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हरिशंकर चौहान ने भी टीम को बधाई दी है. उन्होंने सभी को सतर्क रहकर काम करने की अपील की.

'मनरेगा के लंबित भुगतान की जिम्मेदारी ले भूपेश सरकार'

पौधारोपण की तैयारी शुरू

जिले में बरसात आने से पहले पौधारोपण की तैयारी भी शुरू कर दी गई है. वर्तमान में पैधारोपण के लिए गड्डे की खुदाई की जा रही है. सभी स्थनों पर 20 मई तक गड्डा खोदने का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. प्रभारी जिला पंचायत सीईओ ने सभी जनपद सीईओ, मनरेगा के कर्मचारियों और तकनीकी सहायकों को पौधारोपण के कार्य में सहयोग करने की अपील की है.

Data released by the Panchayat and Rural Development Department
पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग से जारी आंकड़े
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