बलौदा बाजार: अधिकारियों की उदासीन रवैये के कारण आदिवासी दिव्यांग नंदकुमार ध्रुव के लिए जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है. बलौदा बाजार के लटुवा ग्राम पंचायत में रहने वाले दिव्यांग नंदकुमार ध्रुव को किसी शासकीय योजना का लाभ नहीं मिल रहा. नंदकुमार ध्रुव ने एमए तक की पढ़ाई भी की है, लेकिन रोजगार के साधन नहीं होने से नंदकुमार के सामने जीवन यापन करने की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है.
6 महीनों से बंद है पेंशन
दिव्यांगों के लिए चल रही सरकारी योजनाओं को नंदकुमार ध्रुव की यह हालत अंगूठा दिखा रही है. अधिकारियों की उदासीनता के कारण दिव्यांग को 6 महीनों से पेंशन का लाभ नहीं मिला है.
नहीं मिली इलेक्ट्रॉनिक ट्राईसाइकल
नंदकुमार को सरकारी योजना के नाम पर 8 साल पहले एक ट्राईसाइकल मिली थी, जिसकी हालत अब खस्ता हो चुकी है. समाज कल्याण विभाग की तरफ से मिलने वाली इलेक्ट्रॉनिक ट्राईसाइकल भी नंदकुमार को अब तक नहीं मिला है.
पोस्ट ग्रेजुएट मगर रोजगार नहीं
नंदकुमार ध्रुव ने एमए तक की पढ़ाई की है, लेकिन उसके पास रोजगार के साधन नहीं है. दिव्यांग का कहना है की वह काम करना चहता है, लेकिन उसे शहर जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
कोई नहीं सुन रहा गुहार
जब जिम्मेदार अधिकारियों से बात की गई तो उनका कहना था कि दिव्यांग की पेंशन सचिव के पास है. वह ग्राम पंचायत में जाकर उसे ले सकता है. वहीं दिव्यांग का कहना है कि उसने सरपंच से कई बार संपर्क किया लेकिन सरपंच ने उसकी समस्याओं का कोई निराकरण नहीं किया. समाज कल्याण विभाग से इलेक्ट्रॉनिक ट्राईसाइकल की बात पर विभाग के अधिकारी ने बताया कि दिव्यांग का नाम लिस्ट में तो है, लेकिन सामान उपलब्ध नहीं है.