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रोजगार और पेंशन के लिए भटक रहा है दिव्यांग, डिग्री भी नहीं दिला पा रही नौकरी

बलौदाबाजार के लटुवा ग्राम पंचायत में रहने वाले दिव्यांग नंदकुमार ध्रुव को किसी शासकीय योजना का लाभ नहीं मिल रहा.

दिव्यांग का हाल
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Published : Jul 20, 2019, 2:10 PM IST

Updated : Jul 20, 2019, 6:34 PM IST

बलौदा बाजार: अधिकारियों की उदासीन रवैये के कारण आदिवासी दिव्यांग नंदकुमार ध्रुव के लिए जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है. बलौदा बाजार के लटुवा ग्राम पंचायत में रहने वाले दिव्यांग नंदकुमार ध्रुव को किसी शासकीय योजना का लाभ नहीं मिल रहा. नंदकुमार ध्रुव ने एमए तक की पढ़ाई भी की है, लेकिन रोजगार के साधन नहीं होने से नंदकुमार के सामने जीवन यापन करने की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है.

भटक रहा है दिव्यांग


6 महीनों से बंद है पेंशन
दिव्यांगों के लिए चल रही सरकारी योजनाओं को नंदकुमार ध्रुव की यह हालत अंगूठा दिखा रही है. अधिकारियों की उदासीनता के कारण दिव्यांग को 6 महीनों से पेंशन का लाभ नहीं मिला है.


नहीं मिली इलेक्ट्रॉनिक ट्राईसाइकल
नंदकुमार को सरकारी योजना के नाम पर 8 साल पहले एक ट्राईसाइकल मिली थी, जिसकी हालत अब खस्ता हो चुकी है. समाज कल्याण विभाग की तरफ से मिलने वाली इलेक्ट्रॉनिक ट्राईसाइकल भी नंदकुमार को अब तक नहीं मिला है.

पोस्ट ग्रेजुएट मगर रोजगार नहीं
नंदकुमार ध्रुव ने एमए तक की पढ़ाई की है, लेकिन उसके पास रोजगार के साधन नहीं है. दिव्यांग का कहना है की वह काम करना चहता है, लेकिन उसे शहर जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

कोई नहीं सुन रहा गुहार
जब जिम्मेदार अधिकारियों से बात की गई तो उनका कहना था कि दिव्यांग की पेंशन सचिव के पास है. वह ग्राम पंचायत में जाकर उसे ले सकता है. वहीं दिव्यांग का कहना है कि उसने सरपंच से कई बार संपर्क किया लेकिन सरपंच ने उसकी समस्याओं का कोई निराकरण नहीं किया. समाज कल्याण विभाग से इलेक्ट्रॉनिक ट्राईसाइकल की बात पर विभाग के अधिकारी ने बताया कि दिव्यांग का नाम लिस्ट में तो है, लेकिन सामान उपलब्ध नहीं है.

बलौदा बाजार: अधिकारियों की उदासीन रवैये के कारण आदिवासी दिव्यांग नंदकुमार ध्रुव के लिए जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है. बलौदा बाजार के लटुवा ग्राम पंचायत में रहने वाले दिव्यांग नंदकुमार ध्रुव को किसी शासकीय योजना का लाभ नहीं मिल रहा. नंदकुमार ध्रुव ने एमए तक की पढ़ाई भी की है, लेकिन रोजगार के साधन नहीं होने से नंदकुमार के सामने जीवन यापन करने की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है.

भटक रहा है दिव्यांग


6 महीनों से बंद है पेंशन
दिव्यांगों के लिए चल रही सरकारी योजनाओं को नंदकुमार ध्रुव की यह हालत अंगूठा दिखा रही है. अधिकारियों की उदासीनता के कारण दिव्यांग को 6 महीनों से पेंशन का लाभ नहीं मिला है.


नहीं मिली इलेक्ट्रॉनिक ट्राईसाइकल
नंदकुमार को सरकारी योजना के नाम पर 8 साल पहले एक ट्राईसाइकल मिली थी, जिसकी हालत अब खस्ता हो चुकी है. समाज कल्याण विभाग की तरफ से मिलने वाली इलेक्ट्रॉनिक ट्राईसाइकल भी नंदकुमार को अब तक नहीं मिला है.

पोस्ट ग्रेजुएट मगर रोजगार नहीं
नंदकुमार ध्रुव ने एमए तक की पढ़ाई की है, लेकिन उसके पास रोजगार के साधन नहीं है. दिव्यांग का कहना है की वह काम करना चहता है, लेकिन उसे शहर जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

कोई नहीं सुन रहा गुहार
जब जिम्मेदार अधिकारियों से बात की गई तो उनका कहना था कि दिव्यांग की पेंशन सचिव के पास है. वह ग्राम पंचायत में जाकर उसे ले सकता है. वहीं दिव्यांग का कहना है कि उसने सरपंच से कई बार संपर्क किया लेकिन सरपंच ने उसकी समस्याओं का कोई निराकरण नहीं किया. समाज कल्याण विभाग से इलेक्ट्रॉनिक ट्राईसाइकल की बात पर विभाग के अधिकारी ने बताया कि दिव्यांग का नाम लिस्ट में तो है, लेकिन सामान उपलब्ध नहीं है.

Intro: बलौदाबाजार - देश और प्रदेश में विकलांगो के लिए यूं तो बहुत सी शासकीय योजनाएं है. लेकिन बलौदाबाजार जिले लटुवा में रहने वाले आदिवासी विकलांग नंदकुमार ध्रुव के लिए ये सभी शासकीय योजनाएं महज कागजों तक ही सिमट कर रह गयी है,आपको बता दें कि नंदकुमार को शासकीय योजना के नाम पर पेंशन का झुनझुना तो पकड़ा दिया गया था. लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के चलते वो भी 6 माह से बंद है. ऐसे में नंदकुमार के सामने जीवन यापन करने की समस्या खड़ी हो गयी है।
Body:लटुवा में रहने वाले नंदकुमार ध्रुव को शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिलने से नंदकुमार के सामने रोजगार को लेकर बड़ी समस्या उतपन्न हो गयी है, नंदकुमार ध्रुव ने एमए तक की पढ़ाई की है, लेकिन रोजगार के साधन नहीं होने से नंदकुमार के सामने जीवन यापन करने की समस्या खड़ी हो गयी है, नंदकुमार को शासकीय योजना के नाम पर 8 साल पहले एक ट्राइसिकल मिला था. जो अब पूरी तरह से कबाड़ हो चुका है,समाज कल्याण विभाग की तरफ़ से मिलने वाला इलेक्ट्रिक ट्राइसिकल भी नंदकुमार को नहीं मिल पाया है। जिससे नंद कुमार को कही भी रोजगार के लिए आने में परेशानी होती है. विकलांग का कहना है की ओ रोजगार करना चहता है. लेकिन शहर जाने के लिए उनको काफी मशक्कत करना पड़ता है.

जब हमने इस संबन्ध में जिम्मेदार अधिकारियों से बात की तब उनका कहना है की उनका पेंशन सचिव के पास है. विकलांग ग्राम पंचायत में जा कर लें सकते है. वही दिव्यांग का कहना है की उसने सरपंच से कई बार संपर्क किया लेकिन सरपंच ने उसकी समस्याओ को नही सुना. जब हमने इलेक्ट्रॉनिक ट्राइसिकल की बात समाज कल्याण विभाग से जानी तो विभाग के अधिकारी ने बताया की उनका नाम लिस्ट में है. लेकिन समान उपलब्ध नही होने के कारण उनको इलेक्ट्रॉनिक ट्राइसिकल नही मिल पाया है.


Conclusion:एक तरफ विकलांगों को शासन कई योजनाओं का लाभ देती है. लेकिन किसी करणों से जमीनी स्तर पर उनको लाभ नही मिल पाता है. अब देखना दिलचस्प होगा की नंदकुमार ध्रुव को कब तक शासन की योजना का लाभ मिलेगा और उनको अपना जीवन यापन करने में सुविधा मिलेगी.


बाईट - 01 - नंदकुमार ध्रुव - दिव्यांग

बाईट - 02 - मनहर - सीईओ जनपद पंचायत बलौदाबाजार

बाईट -03 - आशा शुक्ला - संचालक समाज कल्याण विभाग बलौदाबाजार
Last Updated : Jul 20, 2019, 6:34 PM IST
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