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रंग लाई जिला अस्पताल के डॉक्टरों की मेहनत, महिला के पेट से निकाला 1.5 किलो का सिष्ट

पेट में लगातार दर्द के बाद उल्टी से परेशान एक महिला को बलौदाबाजार जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां आनन-फानन में महिला का ऑपरेशन किया गया. जिसके बाद डॉक्टरों की टीम ने महिला के गर्भाशय से लगभग डेढ़ किलो वजन का सिष्ट निकाला है.

Balodabazar District Hospital
बलौदाबाजार जिला अस्पताल
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Published : Jun 27, 2020, 4:37 PM IST

बलौदाबाजार: जिला अस्पताल बलौदाबाजार में सेजा गांव की एक महिला का सफल ऑपेरशन हुआ है. डॉक्टरों की टीम ने महिला के गर्भाशय से लगभग डेढ़ किलो वजन का गोल आकार का सिष्ट निकाला है. महिला के परिजन कोरोना संकट को देखते हुए इलाज को लेकर काफी चिंतित थे.

जिला प्रशासन के निर्देश पर डॉक्टरों की टीम ने इस ऑपेरशन को अंजाम दिया है. फिलहाल महिला स्वस्थ है और ऑपरेशन के बाद आगे की देखभाल अस्पताल में की जा रही है. इससे कोरोना संकटकाल में डीएमएफ की उपयोगिता भी सिद्ध हुई है, क्योंकि डीएमएफ के सौजन्य से डॉक्टरों की टीम इस जटिल ऑपेरशन में सफल हुए हैं.

महिला को मिला जीवन दान

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. खेमराज सोनवानी ने बताया कि, 'पीड़ित महिला का नाम जामबाई है. वह लगभग 32 साल की है. आरंग विकासखण्ड के पलारी से लगे सेजा गांव की रहने वाली है. जिला अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ एसएस बाजपेई, डॉ एके झंवर और महिला रोग विशेषज्ञ डॉ करुणा यादव ने सहयोगी स्टॉफ की मदद से ऑपरेशन कर महिला को नया जीवन दान दिया है'.

पढ़ें : SPECIAL: शुरुआती बारिश में ही भरे प्रदेश के जलाशय, किसान खुश, विभाग अलर्ट

डॉक्टर ने बताया कि, 'महिला के पेट में काफी दिनों से दर्द था और उन्हें उल्टी हो रही थी. लगभग बेहोशी की हालात में उन्हें यहां अस्पताल लाया गया था. सोनोग्राफी रिपोर्ट में उनकी ओवरी में गोला होना पाया गया. मरीज को काफी तकलीफ थी और उनकी जान बचाने के लिए तत्काल ऑपरेशन किया जाना जरूरी था. इसलिए जिला कलेक्टर सुनील कुमार जैन के निर्देश पर डॉक्टरों ने तत्काल तैयारी कर इमरजेंसी ऑपेरशन किया और सिष्ट को निकाल बाहर किया. सिष्ट का वजन लगभग डेढ़ किलो था. ऑपेरशन के बाद महिला और उनके परिजनों को काफी राहत मिली है'.

बलौदाबाजार: जिला अस्पताल बलौदाबाजार में सेजा गांव की एक महिला का सफल ऑपेरशन हुआ है. डॉक्टरों की टीम ने महिला के गर्भाशय से लगभग डेढ़ किलो वजन का गोल आकार का सिष्ट निकाला है. महिला के परिजन कोरोना संकट को देखते हुए इलाज को लेकर काफी चिंतित थे.

जिला प्रशासन के निर्देश पर डॉक्टरों की टीम ने इस ऑपेरशन को अंजाम दिया है. फिलहाल महिला स्वस्थ है और ऑपरेशन के बाद आगे की देखभाल अस्पताल में की जा रही है. इससे कोरोना संकटकाल में डीएमएफ की उपयोगिता भी सिद्ध हुई है, क्योंकि डीएमएफ के सौजन्य से डॉक्टरों की टीम इस जटिल ऑपेरशन में सफल हुए हैं.

महिला को मिला जीवन दान

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. खेमराज सोनवानी ने बताया कि, 'पीड़ित महिला का नाम जामबाई है. वह लगभग 32 साल की है. आरंग विकासखण्ड के पलारी से लगे सेजा गांव की रहने वाली है. जिला अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ एसएस बाजपेई, डॉ एके झंवर और महिला रोग विशेषज्ञ डॉ करुणा यादव ने सहयोगी स्टॉफ की मदद से ऑपरेशन कर महिला को नया जीवन दान दिया है'.

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डॉक्टर ने बताया कि, 'महिला के पेट में काफी दिनों से दर्द था और उन्हें उल्टी हो रही थी. लगभग बेहोशी की हालात में उन्हें यहां अस्पताल लाया गया था. सोनोग्राफी रिपोर्ट में उनकी ओवरी में गोला होना पाया गया. मरीज को काफी तकलीफ थी और उनकी जान बचाने के लिए तत्काल ऑपरेशन किया जाना जरूरी था. इसलिए जिला कलेक्टर सुनील कुमार जैन के निर्देश पर डॉक्टरों ने तत्काल तैयारी कर इमरजेंसी ऑपेरशन किया और सिष्ट को निकाल बाहर किया. सिष्ट का वजन लगभग डेढ़ किलो था. ऑपेरशन के बाद महिला और उनके परिजनों को काफी राहत मिली है'.

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