संघ के अध्यक्ष धनंजय साहू ने बताया कि भारतीय विधिज्ञ परिषद नई दिल्ली और राज्य विधिज्ञ के निर्देशानुसार संघ की ओर से विशेष सामान्य सभा आयोजित की गई थी. इसमें दस सूत्रीय मांगों को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया, जिसे कलेक्टर के अनुपस्थिति में एसडीएम तीर्थराज अग्रवाल को सौंपा गया. अधिवक्ताओं ने नारेबाजी करते हुए मांगें पूरी करने की बात कही.
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ये हैं मांगें-
- अधिवक्ताओं एवं उनके परिवारों के लिए 20 लाख रुपए तक का बीमा कवरेज दिया जाए.
- अधिवक्ताओं के लिए भारत एवं विदेशों के सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के साथ स्पेशल कार्ड उपलब्ध कराने की मांग की.
- शुरुआती तौर पर विधि व्यवसाय से जुड़ने वाले अधिवक्ताओं को कम से कम 5 वर्ष तक 10 हजार रुपए प्रतिमाह स्टायफंड प्रदान किया जाए.
- वृद्ध और निर्धन अधिवक्ताओं के असामायिक मृत्य पर कम से कम 50 हजार रुपए प्रतिमाह फैमिली पेंशन प्रदान किया जाए.
- संसद द्वारा अधिवक्ताओं के संरक्षण के लिए अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम अधिनियमित किया जाए.
- सभी अधिवक्ता संघों को भवन, निवास स्थान, बैठक व्यवस्था, ई-लाइब्रेरी उपलब्ध कराई जाए. साथ ही महिला अधिवक्ताओं के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था हो.
- ब्याजमुक्त होमलोन, लाइब्रेरी, लोन, वाहन लोन प्रदान किया जाए. सरकार द्वारा सस्ते मूल्य पर अधिवक्ताओं के लिए गृह निर्माण की व्यवस्था की जाए.
- विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम में इस प्रकार से संशोधन किया जाए कि अधिवक्ता अपने कर्तव्यों के निर्वहन करने में समर्थ हो सके.
- सभी अधिनियम जो सेवानिवृत्त न्यायाधीश / न्यायिक अधिकारियों को विभिन्न आयोग, फोरम, प्राधिकरण में उनकी सेवानिवृत्ति उपरांत नियुक्ति की जाती है, उनमें संशोधन किया जाए और सक्षम अधिवक्ताओं को भी नियुक्त किया जाए.
- किसी कारणवश जैसे दुर्घटना, हत्या या किसी बीमारी से 65 वर्ष से कम उम्र के आयु के किसी अधिवक्ता की मृत्यु होने पर उनके परिवार / आश्रितों को 50 लाख रुपए का अनुदान प्रदान किया जाए.
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