बलौदाबाजार : गरीबों को पक्का आवास देने के लिए चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी और ग्रामीण) में भ्रष्टाचार का घुन लग गया है. आरोप है कि विभाग के कुछ जिम्मेदार अफसरों की नाकामी की वजह से सरकारी कर्मचारियों ने इस योजना को खुद की कमाई का जरिया बना लिया है. इसी वजह से गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर वसूली : सकरी गांव के सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक से साठगांठ कर गांव के गरीबों को इसका लाभ दिलाने के लिए सरकारी कर्मचारी अब पैसा खा रहे हैं. कई मामलों में तो अफसर प्रधान से लेकर सचिव और सभासदों पर रिपोर्ट दर्ज करा चुके हैं. फिर भी वसूली और अपात्रों को लाभ देने की शिकायतें नहीं थम रहीं हैं.
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बलौदाबाजार जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर सकरी गांव में ऐसा ही मामला सामने आया है. ETV भारत के संवाददाता को बुधवार को ग्रामीण ने सूचना दी. इसके बाद बुधवार को मौके पर सकरी पहुंचकर पड़ताल करने पर पता चला कि रोजगार सहायक देवयानी साहू और पूर्व सरपंच के कहने पर सोमेश्वर साहू ने 30 लोगों से 1000-1000 रुपये करके 30000 रुपए की वसूली की है. इस पूरे मामले में सीईओ नम्रता जैन ने जांच के बाद कार्रवाई किए जाने की बात कही है.