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बलौदाबाजार के कसडोल में हर दूसरा व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव, अब तक 60 लोगों की हुई मौत - कसडोल कोरोना अपडेट

बलौदाबाजार के कसडोल विकासखंड में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. यहां जांच में हर दूसरा शख्स कोरोना संक्रमित निकल रहा है. हालात को देखते हुए कसडोल में 70 बेड वाला नया कोविड अस्पताल तैयार किया जा रहा है. पूरे जिले में हर रोज लगभग 2500 से ज्यादा लोगों की कोरोना जांच हो रही है. जिसमें 700 से ज्यादा लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है. सिर्फ कसडोल में अबतक कोरोना से 60 लोगों की मौत हो चुकी है.

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बलौदाबाजार में कोरोना का कहर
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Published : May 11, 2021, 10:22 PM IST

बलौदाबाजार: कोरोना संक्रमण के आंकड़े कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. जिले के सभी 6 विकासखंड में रोजाना कोरोना टेस्ट भी किए जा रहे हैं. जिले में हर दिन औसतन 2500 कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं. 700 से ज्यादा कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हो रही है. जिले में संक्रमण का प्रतिशत लगभग 40% है, लेकिन कसडोल विकासखंड का हाल सबसे बुरा है. कसडोल ब्लॉक में कोरोना संक्रमण 50% के पार पहुंच चुका है. जांच में हर दूसरा व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया जा रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की चिंता भी बढ़ती जा रही है.

कसडोल में कोरोना का कहर

कसडोल में अबतक 60 लोगों की हो चुकी है मौत

कसडोल विकासखंड में कोरोना ने हाहाकार मचा रखा है. यहां हर दिन 100 से 200 के बीच नए कोरोना संक्रमितों की पहचान की जा रही है. कसडोल ब्लॉक में अभी तक 5722 मरीजों की पहचान की जा चुकी है. जिसमें से 1320 एक्टिव मरीज हैं. जिनका इलाज किया जा रहा है. कसडोल में अबतक 60 लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है.

कसडोल में तैयार हो रहा है 70 बेड वाला नया कोविड अस्पताल

कसडोल विकासखंड में अभी 50 बिस्तर वाले कोविड अस्पताल में मरीजों का इलाज किया जा रहा है. साथ ही 12 ऑक्सीजन बेड बनाए गए हैं. सारे ऑक्सीजन बेड भरे हुए हैं. मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी के चलते 70 बिस्तर वाला नया कोविड अस्पताल बनाने की तैयारी की जा रही है. कसडोल BMO और SDM के अनुसार 3 दिनों के भीतर नया कोविड अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा. जहां मामूली लक्षण वाले और कम संक्रमित वाले मरीजों का इलाज किया जाएगा.

राजनांदगांव में कोरोना संक्रमण में कमी, स्वास्थ्य विभाग ने ली राहत की सांस

ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा कोरोना मरीज

बलौदाबाजार जिले में सबसे प्रमुख विकासखंड कसडोल अब कोरोना के कहर से कांप रहा है. कसडोल विकासखंड में कोरोना जांच के दौरान हर दूसरा व्यक्ति पॉजिटिव पाया जा रहा है. ऐसे में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है. BMO डॉक्टर सीएस पैकरा ने बताया कि, कसडोल विकासखंड में सबसे ज्यादा संक्रमित ग्रामीण क्षेत्र में है. विकासखंड का 3 हिस्सा वन्य क्षेत्र है. जहां लोगों में कोरोना और लॉकडाउन को लेकर जागरूकता नहीं है. जिसके चलते कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है.

सामूहिक कार्यक्रम बना कोरोना विस्फोट का कारण

BMO डॉ. पैकरा ने बताया कि क्षेत्र में कोरोना संक्रमण का खतरा अब भी बरकरार है. संक्रमण का कारण लोगों में जागरूकता की कमी है. लोग लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे हैं. बेवजह घर से बाहर घूम रहे हैं. अभी हाल ही में ब्लॉक में बहुत सी जगहों में शादी कार्यक्रम हुए हैं. जिसमे बहुत ज्यादा तादाद में लोग शामिल हुए हैं. 10 लोगों को ही शामिल होने की अनुमति थी फिर भी लोग लॉकडाउन के आदेश को दरकिनार कर बड़ी संख्या में शामिल हुए हैं. साथ ही लोगों में कोरोना में लक्षण होने के बाद भी वे कोरोना जांच नहीं करा रहे हैं और अन्य लोगों को भी संक्रमित कर रहे हैं. संक्रमण को रोकने के लिए जन-जागरूकता का कार्य किया जा रहा है.

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ग्रामीण जागरूकता की कमी के चलते नहीं करा रहे है कोरोना जांच

कसडोल विकासखंड के ग्रामीण इलाकों में सबसे बुरा हाल है. ग्रामीण क्षेत्र में लोग आपस में एकसाथ बैठे रहते हैं. लॉकडाउन का पालन भी नहीं किया जा रहा है. साथ ही गांव के सार्वजनिक तालाब में पूरे गांव के लोग नहाते हैं. जिसके चलते संक्रमण भी लगातार बढ़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के लक्षण होने पर झोलाछाप डॉक्टर इलाज कर रहे हैं. अन्य लोगों को जाने-अनजाने संक्रमित कर रहे हैं. कसडोल विकासखंड में ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों को कोरोना में प्रति जागरूक किया जा रहा है. साथ ही वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है. शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण देखा गया है.

बलौदाबाजार: कोरोना संक्रमण के आंकड़े कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. जिले के सभी 6 विकासखंड में रोजाना कोरोना टेस्ट भी किए जा रहे हैं. जिले में हर दिन औसतन 2500 कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं. 700 से ज्यादा कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हो रही है. जिले में संक्रमण का प्रतिशत लगभग 40% है, लेकिन कसडोल विकासखंड का हाल सबसे बुरा है. कसडोल ब्लॉक में कोरोना संक्रमण 50% के पार पहुंच चुका है. जांच में हर दूसरा व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया जा रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की चिंता भी बढ़ती जा रही है.

कसडोल में कोरोना का कहर

कसडोल में अबतक 60 लोगों की हो चुकी है मौत

कसडोल विकासखंड में कोरोना ने हाहाकार मचा रखा है. यहां हर दिन 100 से 200 के बीच नए कोरोना संक्रमितों की पहचान की जा रही है. कसडोल ब्लॉक में अभी तक 5722 मरीजों की पहचान की जा चुकी है. जिसमें से 1320 एक्टिव मरीज हैं. जिनका इलाज किया जा रहा है. कसडोल में अबतक 60 लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है.

कसडोल में तैयार हो रहा है 70 बेड वाला नया कोविड अस्पताल

कसडोल विकासखंड में अभी 50 बिस्तर वाले कोविड अस्पताल में मरीजों का इलाज किया जा रहा है. साथ ही 12 ऑक्सीजन बेड बनाए गए हैं. सारे ऑक्सीजन बेड भरे हुए हैं. मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी के चलते 70 बिस्तर वाला नया कोविड अस्पताल बनाने की तैयारी की जा रही है. कसडोल BMO और SDM के अनुसार 3 दिनों के भीतर नया कोविड अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा. जहां मामूली लक्षण वाले और कम संक्रमित वाले मरीजों का इलाज किया जाएगा.

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ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा कोरोना मरीज

बलौदाबाजार जिले में सबसे प्रमुख विकासखंड कसडोल अब कोरोना के कहर से कांप रहा है. कसडोल विकासखंड में कोरोना जांच के दौरान हर दूसरा व्यक्ति पॉजिटिव पाया जा रहा है. ऐसे में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है. BMO डॉक्टर सीएस पैकरा ने बताया कि, कसडोल विकासखंड में सबसे ज्यादा संक्रमित ग्रामीण क्षेत्र में है. विकासखंड का 3 हिस्सा वन्य क्षेत्र है. जहां लोगों में कोरोना और लॉकडाउन को लेकर जागरूकता नहीं है. जिसके चलते कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है.

सामूहिक कार्यक्रम बना कोरोना विस्फोट का कारण

BMO डॉ. पैकरा ने बताया कि क्षेत्र में कोरोना संक्रमण का खतरा अब भी बरकरार है. संक्रमण का कारण लोगों में जागरूकता की कमी है. लोग लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे हैं. बेवजह घर से बाहर घूम रहे हैं. अभी हाल ही में ब्लॉक में बहुत सी जगहों में शादी कार्यक्रम हुए हैं. जिसमे बहुत ज्यादा तादाद में लोग शामिल हुए हैं. 10 लोगों को ही शामिल होने की अनुमति थी फिर भी लोग लॉकडाउन के आदेश को दरकिनार कर बड़ी संख्या में शामिल हुए हैं. साथ ही लोगों में कोरोना में लक्षण होने के बाद भी वे कोरोना जांच नहीं करा रहे हैं और अन्य लोगों को भी संक्रमित कर रहे हैं. संक्रमण को रोकने के लिए जन-जागरूकता का कार्य किया जा रहा है.

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ग्रामीण जागरूकता की कमी के चलते नहीं करा रहे है कोरोना जांच

कसडोल विकासखंड के ग्रामीण इलाकों में सबसे बुरा हाल है. ग्रामीण क्षेत्र में लोग आपस में एकसाथ बैठे रहते हैं. लॉकडाउन का पालन भी नहीं किया जा रहा है. साथ ही गांव के सार्वजनिक तालाब में पूरे गांव के लोग नहाते हैं. जिसके चलते संक्रमण भी लगातार बढ़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के लक्षण होने पर झोलाछाप डॉक्टर इलाज कर रहे हैं. अन्य लोगों को जाने-अनजाने संक्रमित कर रहे हैं. कसडोल विकासखंड में ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों को कोरोना में प्रति जागरूक किया जा रहा है. साथ ही वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है. शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण देखा गया है.

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