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जर्जर है स्कूल की छत और दीवार पर है दरार, बरामदे में नौनिहाल पढ़ रहे ज्ञान का पाठ

स्कूल भवन की हालत ठीक नहीं होने की वजह से बरामदे पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं छात्र-छात्राएं

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Published : Aug 31, 2019, 3:08 PM IST

बरामदे में पढ़ाई करते बच्चे

बलौदाबाजार: जिले से बिलाईगढ़ विकासखंड में मौजूद शासकीय प्राथमिक शाला सलिहा की हालत इतनी जर्जर है कि शिक्षकों को यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के मद्देजर दूसरे स्कूल के बरामदे में क्लास लगानी पड़ रही है.

बरामदे में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर छात्र

बता दें कि स्कूल भवन का निर्माण 70 के दशक में कराया गया था. वक्त बीतता गया, लेकिन भवन की मरम्मत कराने की जहमत किसी ने नहीं उठाई, जिसका नतीजा यह हुआ कि, स्कूल की छत के साथ दीवारें भी जर्जर हो गईं.

नहीं सुलझी समस्या
बारिश के दौरान तो हालात और बुरे हो जाते हैं. स्कूल की छत से पानी टपकता है, जिसकी वजह से यहां पदस्थ टीचर्स को बरामदे में पहली से लेकर पांचवीं तक की क्लास दूसरे स्कूल के बरामदे में एक साथ लगानी पड़ती है. स्कूल के प्रधान पाठक ने बताया कि वे इसकी शिकायत कई बार कलेक्टर जनदर्शन और BEO कार्यलय में कर चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.

कब नसीब होगा नया स्कूल
सरकार बदली. सूबे का मुखिया बदला लेकिन नहीं बदली तो स्कूल भवन की सूरत. अब देखना यह होगा कि सरकार कब इन नौनिहालों की सुध लेगी और कब उन्हें नया स्कूल भवन नसीब होगा.

बलौदाबाजार: जिले से बिलाईगढ़ विकासखंड में मौजूद शासकीय प्राथमिक शाला सलिहा की हालत इतनी जर्जर है कि शिक्षकों को यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के मद्देजर दूसरे स्कूल के बरामदे में क्लास लगानी पड़ रही है.

बरामदे में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर छात्र

बता दें कि स्कूल भवन का निर्माण 70 के दशक में कराया गया था. वक्त बीतता गया, लेकिन भवन की मरम्मत कराने की जहमत किसी ने नहीं उठाई, जिसका नतीजा यह हुआ कि, स्कूल की छत के साथ दीवारें भी जर्जर हो गईं.

नहीं सुलझी समस्या
बारिश के दौरान तो हालात और बुरे हो जाते हैं. स्कूल की छत से पानी टपकता है, जिसकी वजह से यहां पदस्थ टीचर्स को बरामदे में पहली से लेकर पांचवीं तक की क्लास दूसरे स्कूल के बरामदे में एक साथ लगानी पड़ती है. स्कूल के प्रधान पाठक ने बताया कि वे इसकी शिकायत कई बार कलेक्टर जनदर्शन और BEO कार्यलय में कर चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.

कब नसीब होगा नया स्कूल
सरकार बदली. सूबे का मुखिया बदला लेकिन नहीं बदली तो स्कूल भवन की सूरत. अब देखना यह होगा कि सरकार कब इन नौनिहालों की सुध लेगी और कब उन्हें नया स्कूल भवन नसीब होगा.

Intro:बलौदाबाजार :- छत्तीसगढ़ सरकार विकास की तमाम दावे करे और बेहतर शिक्षा को लेकर कई योजनाओं का गुणगान करे लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बया कर रही है. हम बात कर रहे हैं बिलाईगढ़ विकासखण्ड के शासकीय प्राथमिक शाला सलिहा की जहाँ विकास के दावों की पोल यह जर्जर भवन खोल रही है. बताना यह लाजिमी है कि 70 के दशक से बने खपरे की छत वाली स्कूल भवन मे आज भी स्कूल संचालित है. लेकिन जर्जर भवन होने के कारण कक्षा नही लगाया जा रहा है Body:आज प्रदेश के सभी स्कूलों मे अतिरिक्त कमरे या नया भवन बन चूके पर बिलाईगढ ब्लाक का यह स्कूल आज भी नये भवन की राह देख रहे है. आलम यह है कि स्कूल भवन की दीवारो में क्रेक साफ नजर आ रहा है. और छत में खपरे होने से पानी भी टपकता हैं. इतना ही नही स्कूल भवन पूर्णरूप से उपयोग के लायक नही है. जिसके चलते स्कूल के एक और पुराने मरमत वाले स्कूल भवन में संचालित हो रहे है. जिसमे एक कमरा होने से बरामदे में बैठा कर बच्चो को पढ़ाया जा रहा हैं. और बारिश होने पर पढ़ाई को बंद कराकर एक ही कमरे में कक्षा पहली से पाचवी तक के 90 छात्र छात्राओं को बैठाकर पढाये जाते जाता हैं. वही प्रधान पाठक ने बताया कि इसकी शिकायत कलेक्टर जनदर्शन और बी ई ओ कार्यलय में 2012 से लेकर आज तक कई बार कर चुका है. लेकिन आज तक किसी प्रकार की अधिकारी द्वारा या जनप्रतिनिधि द्वारा ध्यान नही दिया है. जिसके कारण बरांदे में बच्चो को बैठा कर पढ़ाने पर मजबूर हैं. अब देखने वाले बात होगा कि खबर दिखाये जाने के बाद अधिकारी इस पर क्या कार्रवाई करते हैं.Conclusion:वही इस मामले में ब्लाक शिक्षा अधिकारी का कहना है की मुझे इस स्कूल के बारे में जानकारी नही थी अभी जानकारी हुई है अब नया स्कूल भवन बनाने का प्रस्ताव भेजेंगे.

बाईट 01 :- छात्रा

बाईट 02 :-हेमलाल मनहर- प्रधान पाठक

बाईट 03 :-अमृत कुमार -जनभागीदारी अध्यक्ष

बाईट 04 :- पीके शर्मा - बीईओ बिलाईगढ़
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