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भाटापारा में कलेक्टर ने की वर्मी कंपोस्ट खाद विक्रय केंद्र की शुरूआत, आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं

कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने गौठान प्रबंधन समिति को 5 हजार 850 रुपये का चेक वितरित किया है. साथ ही वर्मी कंपोस्ट विक्रय केन्द्र की शुरुआत की गई है. पहली खेप में 7 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट उद्यानिकी विभाग ने खरीदी की है.

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भाटापारा में कलेक्टर ने की वर्मी कंपोस्ट खाद विक्रय केंद्र की शुरूआत
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Published : Nov 11, 2020, 3:34 AM IST

भाटापारा: छत्तीसगढ़ सरकार की महात्वाकांछी योजना गोधन न्याय योजना के तहत मंगलवार को कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने गोढ़ी गांव में गौठान प्रबंधन समिति को वर्मी खाद के बदले चेक से भुगतान किया है. इसी के साथ ही मॉडल गौठान में वर्मी खाद के विक्रय केंद्र की शुरुआत हो गई है. यह राशि गोठान प्रबंधन समिति के माध्यम से महिला स्व सहायता समहू को दिया जाएगा.

भाटापारा में कलेक्टर ने की वर्मी कंपोस्ट खाद विक्रय केंद्र की शुरूआत

कृष्णा महिला समूह की अध्यक्ष रजनी बाई निषाद ने बताया कि कुछ महीनों से वर्मी कंपोस्ट का निर्माण किया जा रहा था. गोधन न्याय योजना से गोबर खरीदी के बाद पहली खेप निकली है, जिसमें से 7 क्विंटल 87 किलोग्राम खाद बना है. जिसे 30-30 किलो ग्राम के पैकेट बनाकर उद्यानिकी विभाग को बेचा गया है. उद्यानिकी विभाग ने 8 रुपये प्रति किलो ग्राम से यह खाद खरीदी किया है. महिला स्व सहायता समूह को 5 हजार 850 रुपये की राशि चेक के माध्यम से भुगतान किया गया है.

Collector Sunil Kumar Jain inaugurates Vermi Compost Fertilizer Sales Center in bhatapara
वर्मी कंपोस्ट खाद विक्रय केंद्र की शुरूआत

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मशरूम उत्पादन और धूप अगरबत्ती बना रहीं महिलाएं

समूह की अध्यक्ष रजनी बाई ने कहा कि गौठान में 2 समूह कार्यरत हैं, जिसमें प्रत्येक समूह में 10-10 महिलाएं कार्य कर रही हैं. समूह के द्वारा मशरूम उत्पादन, धूप अगरबत्ती, जीवामृत निर्माण के साथ ही चारागाह में मक्का और गेंदा फूल का भी रोपण किया गया है. मशरूम का लगभग 13 किलो से अधिक का उत्पादन हो गया है, जिसे स्थानीय बाजार में बेचा जा चुका है. इसे 300 रुपये प्रति किलो के दर से बेचा गया है.

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कड़कनाथ मुर्गी पालन किया जा रहा

इसी तरह 10 दिनों पहले ही लगभग 5 किलो गोंदा का फूल भी बेचा गया है. साथ ही समूह अभी अस्थायी कड़कनाथ मुर्गी पालन भी कर रहा है. वर्तमान में इसकी संख्या 140 है. अभी मुर्गी करीब 1 से डेढ़ किलो के हो गए हैं. आने वाले 1 महीने के बाद वह बेचने के लायक हो जाएंगे. दीपावली के पहले हम महिलाओं को इस तरह अतिरिक्त आय का सृजन होना एक बड़ी बात है.

गौठानों को मल्टी एक्टिविटी सेंटर में बदलने का लक्ष्य

जिला पंचायत सीईओ डॉ फरिहा आलम सिद्की ने बताया कि गोधन न्याय योजना का सतत रूप से निगरानी रखी जा रही है. जिले के गौठानों को और बेहतर कैसे किया जा सकता है, उस पर नई योजनाएं बनाई जा रही है. वहीं कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने कहा कि गौठानों को मल्टी एक्टिविटी सेंटर में बदलना हमारा पहला लक्ष्य है. गोधन न्याय योजना की शुरूआत जिस उद्देश्य से किया गया था. उसके परिणाम अब दिखने लगा है. जिले में बन रहे गौठान में वर्मी कंपोस्ट की क्वालिटी और पैकेजिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

भाटापारा: छत्तीसगढ़ सरकार की महात्वाकांछी योजना गोधन न्याय योजना के तहत मंगलवार को कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने गोढ़ी गांव में गौठान प्रबंधन समिति को वर्मी खाद के बदले चेक से भुगतान किया है. इसी के साथ ही मॉडल गौठान में वर्मी खाद के विक्रय केंद्र की शुरुआत हो गई है. यह राशि गोठान प्रबंधन समिति के माध्यम से महिला स्व सहायता समहू को दिया जाएगा.

भाटापारा में कलेक्टर ने की वर्मी कंपोस्ट खाद विक्रय केंद्र की शुरूआत

कृष्णा महिला समूह की अध्यक्ष रजनी बाई निषाद ने बताया कि कुछ महीनों से वर्मी कंपोस्ट का निर्माण किया जा रहा था. गोधन न्याय योजना से गोबर खरीदी के बाद पहली खेप निकली है, जिसमें से 7 क्विंटल 87 किलोग्राम खाद बना है. जिसे 30-30 किलो ग्राम के पैकेट बनाकर उद्यानिकी विभाग को बेचा गया है. उद्यानिकी विभाग ने 8 रुपये प्रति किलो ग्राम से यह खाद खरीदी किया है. महिला स्व सहायता समूह को 5 हजार 850 रुपये की राशि चेक के माध्यम से भुगतान किया गया है.

Collector Sunil Kumar Jain inaugurates Vermi Compost Fertilizer Sales Center in bhatapara
वर्मी कंपोस्ट खाद विक्रय केंद्र की शुरूआत

भाटापारा में शराब की काला बाजारी, समाजसेवियों ने की कार्रवाई की मांग

मशरूम उत्पादन और धूप अगरबत्ती बना रहीं महिलाएं

समूह की अध्यक्ष रजनी बाई ने कहा कि गौठान में 2 समूह कार्यरत हैं, जिसमें प्रत्येक समूह में 10-10 महिलाएं कार्य कर रही हैं. समूह के द्वारा मशरूम उत्पादन, धूप अगरबत्ती, जीवामृत निर्माण के साथ ही चारागाह में मक्का और गेंदा फूल का भी रोपण किया गया है. मशरूम का लगभग 13 किलो से अधिक का उत्पादन हो गया है, जिसे स्थानीय बाजार में बेचा जा चुका है. इसे 300 रुपये प्रति किलो के दर से बेचा गया है.

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कड़कनाथ मुर्गी पालन किया जा रहा

इसी तरह 10 दिनों पहले ही लगभग 5 किलो गोंदा का फूल भी बेचा गया है. साथ ही समूह अभी अस्थायी कड़कनाथ मुर्गी पालन भी कर रहा है. वर्तमान में इसकी संख्या 140 है. अभी मुर्गी करीब 1 से डेढ़ किलो के हो गए हैं. आने वाले 1 महीने के बाद वह बेचने के लायक हो जाएंगे. दीपावली के पहले हम महिलाओं को इस तरह अतिरिक्त आय का सृजन होना एक बड़ी बात है.

गौठानों को मल्टी एक्टिविटी सेंटर में बदलने का लक्ष्य

जिला पंचायत सीईओ डॉ फरिहा आलम सिद्की ने बताया कि गोधन न्याय योजना का सतत रूप से निगरानी रखी जा रही है. जिले के गौठानों को और बेहतर कैसे किया जा सकता है, उस पर नई योजनाएं बनाई जा रही है. वहीं कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने कहा कि गौठानों को मल्टी एक्टिविटी सेंटर में बदलना हमारा पहला लक्ष्य है. गोधन न्याय योजना की शुरूआत जिस उद्देश्य से किया गया था. उसके परिणाम अब दिखने लगा है. जिले में बन रहे गौठान में वर्मी कंपोस्ट की क्वालिटी और पैकेजिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

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