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बलौदाबाजार: स्कूल में बच्चों के साथ भेदभाव, डायरिया फैलने के कारण नहीं दे रहे मिड डे मील - बलौदाबाजार

डायरिया से छुटकारा और इलाज के लिए जहां शासन-प्रशासन कोशिश कर रहा है. वहीं चंडीडीह के स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने शिक्षक पर भेदभाव का आरोप लगाया है.

पढ़ने जाते बच्चों के साथ भेदभाव
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Published : Jul 29, 2019, 1:10 PM IST

Updated : Jul 29, 2019, 1:19 PM IST

बलौदाबाजार: कसडोल विधानसभा के सेल ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम चंडीडीह में डायरिया फैला हुआ है. चंडीडीह के बच्चे ग्राम सेल में पढ़ाई करने जाते हैं. बच्चों ने आरोप लगाया कि वहां के शिक्षक उनके साथ भेदभाव करते हैं.

स्कूल में बच्चों के साथ भेदभाव, डायरिया फैलने के कारण नहीं दे रहे मिड डे मील


कुछ दिनों पहले ग्राम चंडीडीह में डायरिया के प्रकोप से एक ग्रामीण की मौत हो गयी थी. करीब 40 लोग इसकी चपेट में हैं.


बच्चों को स्कूल में डराया जा रहा है
छात्रों का आरोप है कि वहां के प्राचार्य उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं. उनसे कहा जाता है कि तुम्हारे गांव में छुआछूत की बीमारी फैली है. उन्हें मिड डे मील भी नहीं खाने दिया जाता और घर से खाना और पानी लाने के लिए कहा जाता है.


ग्राम सेल के शिक्षक का कहना है
मामले में ब्लाक शिक्षा अधिकारी के.एम. वर्मा ने कहा कि ये जानकारी उन्हें नहीं थी. वहीं ग्राम सेल के शिक्षक उमाशंकर साहू का कहना है कि मैंने ऐसा कुछ भी बच्चों को नहीं कहा है. हां लेकिन हो सकता है स्कूल के बच्चे उन्हें चिढ़ाने के लिए बोल दिए होंगे.

बलौदाबाजार: कसडोल विधानसभा के सेल ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम चंडीडीह में डायरिया फैला हुआ है. चंडीडीह के बच्चे ग्राम सेल में पढ़ाई करने जाते हैं. बच्चों ने आरोप लगाया कि वहां के शिक्षक उनके साथ भेदभाव करते हैं.

स्कूल में बच्चों के साथ भेदभाव, डायरिया फैलने के कारण नहीं दे रहे मिड डे मील


कुछ दिनों पहले ग्राम चंडीडीह में डायरिया के प्रकोप से एक ग्रामीण की मौत हो गयी थी. करीब 40 लोग इसकी चपेट में हैं.


बच्चों को स्कूल में डराया जा रहा है
छात्रों का आरोप है कि वहां के प्राचार्य उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं. उनसे कहा जाता है कि तुम्हारे गांव में छुआछूत की बीमारी फैली है. उन्हें मिड डे मील भी नहीं खाने दिया जाता और घर से खाना और पानी लाने के लिए कहा जाता है.


ग्राम सेल के शिक्षक का कहना है
मामले में ब्लाक शिक्षा अधिकारी के.एम. वर्मा ने कहा कि ये जानकारी उन्हें नहीं थी. वहीं ग्राम सेल के शिक्षक उमाशंकर साहू का कहना है कि मैंने ऐसा कुछ भी बच्चों को नहीं कहा है. हां लेकिन हो सकता है स्कूल के बच्चे उन्हें चिढ़ाने के लिए बोल दिए होंगे.

Intro:बलौदाबाजार :- कसडोल विधानसभा के सेल ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम चंडीडीह में डायरिया के प्रकोप से एक ग्रमीण की मौत होने के बाद चंडी डीह के बच्चे जो ग्राम सेल में पढ़ाई करने जाते हैं. उनका आरोप है कि वहा के प्राचार्य उनके साथ भेदभाव करते हैं. और मध्यान भोजन नही देते है. साथ ही साथ डायरिया के चलते हुई ग्राम चंडी डीह में मौत के कारण छुवाछुत को लेकर उपहास करते हैं और घर से खाना और पानी भी लाने को कहा जाता है.

Body:शिक्षक को सब जहा माता पिता का दर्जा देते हैं. वही ग्राम पंचायत सेल के उमाशंकर साहू प्राचार्य सेल के आश्रित ग्राम चंडीडीह से पढ़ने आने वाले बच्चो को न सिर्फ भेदभाव करते हैं. बल्कि उन्हें शर्मिंदा भी करते हैं. कारण कुछ खास नही बल्कि पीड़ित बच्चे ग्राम चंडीडीह से आते है. जहा कुछ दिन पहले डायरिया के प्रकोप से एक ग्रमीण की मौते हुई थी. और 40 ग्रामीण पीड़ित थे. ऐसे में एक शिक्षक बच्चो का ये उपहास करे कि उनके गांव में डायरिया फैली हुई है. उनसे दूरी बना लिया जाए. ऐसे में बात सोचनीय की पीड़ित बच्चों के दिमाक में किस तरह का डर या भेदभाव डाला जा रहा है.

डायरिया से छुटकारा और इलाज के लिए जहा शासन प्रशासन लड़ रही है. वही डायरिया पीड़ित गांव के बच्चे जो आश्रित गांव पड़ने जाते उनके साथ छुवाछुत का भेदभाव ग्राम पंचायत सेल के स्कुल में शिक्षक द्वारा किया जा रहा है. साथ ही साथ उन्हें सरकार की योजना मध्यान भोजन से दूर रख घर से खाना और पानी लाने को कहा जाता है. और उनकी उपहास भी की जा रही हैं. सारी बाते मासूम बच्चे अपने नम आंखों से मीडिया के सामने बताए. इस मामले में ब्लाक शिक्षा अधिकारी के.एम. वर्मा ने कहा ये जानकारी उन्हें नही थी. वही ग्राम सेल के शिक्षक उमाशंकर साहू का कहना मैने ऐसा कुछ भी बच्चो को नही कहा है. हाँ लेकिन हो सकता है स्कुल के अन्य बच्चे उन्हें चिढ़ाने बोल दिए होंगे. ऐसे में समझना मुश्किल है की अगर शिक्षक की कोई गलती नही तो क्यों बच्चो को माध्यन भोजन नही दिया जा रहा है. और बच्चे अपने घर से टिफिन क्यू लेकर आ रहे है.

Conclusion:अब ऐसे में एक ओर बच्चो को मानसिक प्रताड़ित होना और दूसरी ओर घऱ से टिफिन लाना कही ना कही शिक्षा विभाग की लापरवाही को उजागर करती है. साथ ही साथ जांच के बाद सत्य क्या है इसका पता चल पायेगा.



बाईट 01 :- पीड़ित छात्रा

बाईट 02 :- पीड़ित छात्रा

बाईट 03 :- पीड़ित छात्रा

बाईट 04 :- संतोषी - परिजन

बाईट 05 :- के.एम.वर्मा- विकासखंड शिक्षा अधिकारी कसडोल
Last Updated : Jul 29, 2019, 1:19 PM IST
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