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बलौदा बाजार: सरकार के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा ने खोला मोर्चा

केंद्र सरकार फसल का समर्थन मूल्य 12 माह के लिए जरूर घोषित करती है. लेकिन समर्थन मूल्य में खरीदी की व्यवस्था नहीं करती, जिसकी वजह से किसानों अपना अनाज आधी कीमत में बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है.

छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा
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Published : Jun 17, 2019, 5:36 PM IST

बलौदा बाजार: छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा ने 5 सूत्रीय मांगों को लेकर कृषि उपज मंडी परिसर में एक दिन का सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया गया. प्रवक्ता जागेश्वर प्रसाद ने बताया कि केंद्र सरकार फसल का समर्थन मूल्य 12 माह के लिए जरूर घोषित करती है. लेकिन समर्थन मूल्य में खरीदी की व्यवस्था नहीं करती, जिसकी वजह से किसानों अपना अनाज आधी कीमत में बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है.

5 सूत्री मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा का किया धरना प्रदर्शन

घाटा सहना पड़ रहा है
इसके कारण किसानों को प्रति क्विंटल 500 से लेकर 2000 रुपए प्रति क्विंटल घाटा सहना पड़ रहा है. इसी शोषण को रोकने समर्थन मूल्य में अनाज की खरीदी को अनिवार्य करने के लिए धरना प्रदर्शन किया गया है.

किसानों का हो रहा है शोषण
साथ ही उन्होंने बताया कि मंडी सचिव ने मंडी अधिनियम का उल्लंघन कर किसानों का शोषण हो रहा है. जो दंडनीय अपराध है साथ ही मंडी टैक्स चोरी से सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा है. इससे किसानों को भी नुकसान हो रहा है. साथ ही शासन प्रशासन को भी नुकसान सहना पड़ रहा है.

ये है मांगे-

  • केंद्र सरकार से घोषित अनाजों का समर्थन मूल्य पर मंडी में खरीदी बिक्री नहीं होती. एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को लागत मूल्य से डेढ़ गुना देने की घोषणा की है.
  • कृषि उपज मंडी बलौदा बाजार किसानों ने बेची जाने वाली फसलों का भुगतान मंडी परिसर में ना होकर राइस मिल, दाल मिल, पता धन्ना सेठों के कार्यालय में हो रहा है. इसके साथ किसानों को चक्कर पर चक्कर लगाना पड़ रहा है.
  • कृषि उपज मंडी बलौदा बाजार में आने वाले किसानों की फसल बिक्री का भुगतान चेक के माध्यम से किया जाता है. चेक में कहीं नाम या कहीं राशि में त्रुटि के चलते महीनों किसानों को राशि का भुगतान नहीं हो पाता, जिससे किसान परेशान हो रहे हैं.
  • कृषि मंडी परिसर के अलावा मिल मालिक और अनाज व्यापारियों की दुकान घर में सीधी खरीदी बिक्री होने से करोड़ों रुपए मंडी टैक्स की चोरी होती है.
  • अनाज खरीद बिक्री के दिन ही मंडी में किसानों को भुगतान किया जाए. जो व्यापारी समय से भुगतान नहीं करता उसको ब्याज सहित भुगतान किसानों को दिया जाए.

धरना प्रर्दशन के बाद सभी कार्यकर्ताओं ने कृषि उपज मंडी के अधिकारी योगेश अग्रवाल को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है. किसान मोर्चा ने सभी बिंदुओं पर कार्रवाई करने की बात कही. उन्होंने कहा कि अगर 7 दिनों के अंदर इन बिंदुओं पर कार्रवाई नहीं की गई, तो किसान मोर्चा जिला और प्रदेश स्तर पर आंदोलन की घोषणा करेगा. जिसकी समस्त जिम्मेदारी मंडी सचिव की होगी.

बलौदा बाजार: छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा ने 5 सूत्रीय मांगों को लेकर कृषि उपज मंडी परिसर में एक दिन का सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया गया. प्रवक्ता जागेश्वर प्रसाद ने बताया कि केंद्र सरकार फसल का समर्थन मूल्य 12 माह के लिए जरूर घोषित करती है. लेकिन समर्थन मूल्य में खरीदी की व्यवस्था नहीं करती, जिसकी वजह से किसानों अपना अनाज आधी कीमत में बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है.

5 सूत्री मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा का किया धरना प्रदर्शन

घाटा सहना पड़ रहा है
इसके कारण किसानों को प्रति क्विंटल 500 से लेकर 2000 रुपए प्रति क्विंटल घाटा सहना पड़ रहा है. इसी शोषण को रोकने समर्थन मूल्य में अनाज की खरीदी को अनिवार्य करने के लिए धरना प्रदर्शन किया गया है.

किसानों का हो रहा है शोषण
साथ ही उन्होंने बताया कि मंडी सचिव ने मंडी अधिनियम का उल्लंघन कर किसानों का शोषण हो रहा है. जो दंडनीय अपराध है साथ ही मंडी टैक्स चोरी से सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा है. इससे किसानों को भी नुकसान हो रहा है. साथ ही शासन प्रशासन को भी नुकसान सहना पड़ रहा है.

ये है मांगे-

  • केंद्र सरकार से घोषित अनाजों का समर्थन मूल्य पर मंडी में खरीदी बिक्री नहीं होती. एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को लागत मूल्य से डेढ़ गुना देने की घोषणा की है.
  • कृषि उपज मंडी बलौदा बाजार किसानों ने बेची जाने वाली फसलों का भुगतान मंडी परिसर में ना होकर राइस मिल, दाल मिल, पता धन्ना सेठों के कार्यालय में हो रहा है. इसके साथ किसानों को चक्कर पर चक्कर लगाना पड़ रहा है.
  • कृषि उपज मंडी बलौदा बाजार में आने वाले किसानों की फसल बिक्री का भुगतान चेक के माध्यम से किया जाता है. चेक में कहीं नाम या कहीं राशि में त्रुटि के चलते महीनों किसानों को राशि का भुगतान नहीं हो पाता, जिससे किसान परेशान हो रहे हैं.
  • कृषि मंडी परिसर के अलावा मिल मालिक और अनाज व्यापारियों की दुकान घर में सीधी खरीदी बिक्री होने से करोड़ों रुपए मंडी टैक्स की चोरी होती है.
  • अनाज खरीद बिक्री के दिन ही मंडी में किसानों को भुगतान किया जाए. जो व्यापारी समय से भुगतान नहीं करता उसको ब्याज सहित भुगतान किसानों को दिया जाए.

धरना प्रर्दशन के बाद सभी कार्यकर्ताओं ने कृषि उपज मंडी के अधिकारी योगेश अग्रवाल को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है. किसान मोर्चा ने सभी बिंदुओं पर कार्रवाई करने की बात कही. उन्होंने कहा कि अगर 7 दिनों के अंदर इन बिंदुओं पर कार्रवाई नहीं की गई, तो किसान मोर्चा जिला और प्रदेश स्तर पर आंदोलन की घोषणा करेगा. जिसकी समस्त जिम्मेदारी मंडी सचिव की होगी.

Intro:छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 5 सूत्री मांगों को लेकर बलोदा बाजार कृषि उपज मंडी परिसर में एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया गया..

किसान मोर्चा के प्रांतीय प्रवक्ता जागेश्वर प्रसाद ने बताया कि केंद्र सरकार फसल का समर्थन मूल्य 12 माह के लिए जरूर घोषित करती है लेकिन समर्थन मूल्य में खरीदी की व्यवस्था नहीं करती जिसकी वजह से किसानों अपना अनाज आधी कीमत में बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है जिसके चलते किसानों को प्रति क्विंटल ₹500 से लेकर ₹2000 प्रति क्विंटल घाटा सहना पड़ रहा है। इसी शोषण को रोकने समर्थन मूल्य में अनाज की खरीदी को अनिवार्य करने के लिए धरना प्रदर्शन किया गया है।

साथ ही उन्होंने बताया कि मंडी सचिव द्वारा मंडी अधिनियम का उल्लंघन कर किसानों का शोषण किया जा रहा है जो दंडनीय अपराध है साथ ही मंडी टैक्स चोरी से सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा है जिससे किसानों को भी नुकसान हो रहा है साथ ही शासन प्रशासन को भी नुकसान सहना पड़ रहा है।।
साथियों ने बताया कि किसानों के शोषण पर मंडी सचिव द्वारा व्यापारियों के पक्ष में खड़ा होना शोषण को बढ़ावा देना है किसान मोर्चा इसकी कड़ी निंदा करता है समस्त मंडी में किसान मोर्चा के पदाधिकारी एवं किसान अपना हक पाने निगरानी दल का गठन कर रहे हैं जो मंडी सचिव से लगातार संपर्क में रहेंगे।।




Body:ये है मांगे

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केंद्र सरकार द्वारा घोषित अनाजों का समर्थन मूल्य पर मंडी में खरीदी बिक्री नहीं होती एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को लागत मूल्य से डेढ़ गुना देने की घोषणा की है वहीं किसानों का आमदनी दोगुना करने की बात करते हैं पर वास्तव में यह काम नहीं हो रहा है। किसानों को समर्थन मूल्य के हिसाब से पैसा नहीं मिल रहा है।।

2. कृषि उपज मंडी बलोदा बाजार किसानों द्वारा बेची जाने वाली फसलों का भुगतान मंडी परिसर में ना होकर राइस मिल दाल मिल पता धन्ना सेठों के कार्यालय में हो रहा है इसके साथ किसानों को चक्कर पर चक्कर लगाना पड़ रहा है साथ ही समर्थन मूल्य से कम में मोलभाव करा कर धान लिया जा रहा है।
जिसमें मंडी सचिव बलौदा बाजार शामिल है।।

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कृषि उपज मंडी बलौदा बाजार के अंर्तगत आने वाले किसानों की फसल बिक्री का भुगतान चेक के माध्यम से किया जाता है चेक में कहीं नाम या कहीं राशि में त्रुटि के चलते महीनों किसानों को राशि का भुगतान नहीं हो पाता जिससे किसान परेशान हो रहे हैं।।

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कृषि मंडी परिसर के अलावा बलौदा बाजार के मिल मालिक एवं अनाज व्यापारियों की दुकान घर में सीधी खरीदी बिक्री होने से करोड़ों रुपए मंडी टैक्स की चोरी होती है।
मंडी सचिव द्वारा बलौदा बाजार के व्यापारियों चावल मिल, दाल मिल ,तेल मिल, का स्टॉक रजिस्टर का जांच किया जाना चाहिए।।


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अनाज खरीद बिक्री के दिन ही मंडी में किसानों को भुगतान किया जाए जो व्यापारी समय से भुगतान नहीं करता उसको ब्याज सहित भुगतान किसानों को दिया जाए।
साथ ही भुगतान की सुविधा के लिए मंडी में बैंक की शाखा अविलंब खोली जाए।।

धरना पश्चात सभी कार्यकर्ताओं ने कृषि उपज मंडी के अधिकारी योगेश अग्रवाल को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा।।
किसान मोर्चा ने सभी बिंदुओं पर कार्रवाई करने की बात कही उन्होंने कहा कि अगर 7 दिनों के अंदर इन बिंदुओं पर कारवाही नहीं की जाएगी तो किसान मोर्चा जिला एवं प्रदेश स्तर पर आंदोलन की घोषणा करेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी मंडी सचिव की होगी




Conclusion:बाईट

जागेश्वर प्रसाद

किसान मोर्चा के प्रांतीय प्रवक्ता
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