बलौदाबाजार-भाटापारा: सरकारी जमीन बेचे जाने के विरोध में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने प्रदर्शन किया. महतारी अंगना चौक भाटापारा में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का पुतला भी दहन किया गया.
आक्रोशित छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश सचिव चंद्रकांत यदु ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकारी जमीन को बेचे जाने का फैसला बेहद बचकाना है. उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन बेचने से स्कूल, अस्पताल या सरकारी संस्थाओं के लिए जमीन की किल्लत हो जाएगी. उन्होंने कहा कि मूल निवासियों के लिए सदियों से मां समान इस जमीन को 5 साल के लिए बनी सरकार आखिर कैसे बेच सकती है. कांग्रेस को हमने शासन व्यवस्था सौंपी है, इसका मतलब यह नहीं है कि वे जमीन बेचने लग जाएं.
'सरकार का अधिकार नहीं जमीन बेचना'
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश सचिव चंद्रकांत यदु ने कड़े शब्दों में कहा कि सरकार को जमीन बेचने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि छतीसगढ़ का अधिकांश जिला पांचवीं अनुसूची में आता है, जहां सरकार जमीन बेचे जाने से पहले ग्राम सभा से विचार-विमर्श करना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि सरकार जमीन बेचने का फैसला तुंरत वापस लें, नहीं तो मूल निवासियों का सब्र टूटने में देर नहीं लगेगी.
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भूमाफियाओं को सीधा फायदा पहुंचाने का काम कर रही सरकार
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के सचिव ने कहा सरकार ने कैबिनेट में पारित किया था कि कलेक्टर को अधिकार है कि वो साढ़े सात हजार एकड़ वर्गफुट सरकारी जमीन को बेचने की अनुमति दे सकते हैं. 30 फीसदी छूट भी मिलेगी, लेकिन ये सीधा-सीधा भूमाफियाओं को फायदा पहुंचाना है. इसे लेकर कोई गाइडलाइन भी नहीं है.
बीजेपी-कांग्रेस की मिलीभगत
चंद्रकांत ने आरोप लगाया कि बीजेपी-कांग्रेस दोनों की ये मिलीभगत है. गरीबों के नाम पर सरकारी जमीन को हड़पने की योजना बनाई जा रही है. हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिस पर 15 दिन में छत्तीसगढ़ सरकार को जवाब देना है, लेकिन अभी पूरा प्रशासनिक अमला जमीनों की खरीद-बिक्री में लगा है.