ETV Bharat / state

इस ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की तरह सभी अफसर हों तो सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदल जाए - बलौदा बाजार

ब्लॉक शिक्षा अधिकारी जे आर डहरिया ने अपनी बेटी और दो बेटों को दाखिला बिलाईगढ़ विकास खण्ड के गौराडीपा के सरकारी स्कूल में कराया है.

स्कूली बच्चे
author img

By

Published : Jun 24, 2019, 5:48 PM IST

Updated : Jun 24, 2019, 7:31 PM IST

बलौदा बाजार: छत्तीसगढ़ में आज बच्चों के स्कूल जाने का पहला दिन था और आज के शुभ दिन एक अधिकारी ने मिसाल पेश की है. बसना विकासखंड के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी जे आर डहरिया ने अपने तीन बच्चों का एडमिशन सरकारी स्कूल में कराया है. इससे पहले वर्तमान में कबीरधाम जिले कलेक्टर अवनीश शरण ने आंगनबाड़ी में अपनी बेटी का दाखिला कराया था.

इस ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की तरह सभी अफसर हों तो सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदल जाए

ब्लॉक शिक्षा अधिकारी जे आर डहरिया ने अपनी बेटी और दो बेटों को दाखिला बिलाईगढ़ विकास खण्ड के गौराडीपा के सरकारी स्कूल में कराया है. गांव के सरकारी स्कूलों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ाने के लिए बसना बीईओ जे आर डहरिया ने बिलाईगढ़ विकास खण्ड के गौराडीपा में अपने तीनों बच्चों का एडमिशन कराया है. साथ ही लोगों से सरकारी स्कूल में अपने बच्चों का दाखिला कराने की अपील की है.

बिगाड़ दी गई है सरकारी स्कूलों की छवि
सरकारी स्कूलों की पढ़ाई, वहां के शिक्षकों को लेकर नकारात्मक खबरें जगह पाती रही हैं. जिससे ऐसे विद्यालयों की छवि भी बिगड़ी है. बड़े अधिकारी हों या बिजनेसमैन और मध्यम वर्गीय परिवारों से ताल्लुक रखने वाला एक बड़ा वर्ग, अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में कराने की बजाय प्राइवेट स्कूल में कराना मुनासिब समझता है.

बीईओ ने की ये अपील
इस मामले में अवनीश शरण के बाद बीईओ जे आर डहरिया ने सार्थक पहल की है. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में गुणवत्तायुक्त पढ़ाई के बाद भी ज्यादातर लोग निजी स्कूलों को पहली प्राथमिकता देने लगे हैं, इससे अमीर और गरीब के बच्चों में अनावश्यक दूरी के साथ सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की दर्ज संख्या पर काफी असर पड़ने लगा है.


ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने सभी अधिकारियों से अपील भी की है कि सरकारी स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ा कर उनका भविष्य संवारे.

बलौदा बाजार: छत्तीसगढ़ में आज बच्चों के स्कूल जाने का पहला दिन था और आज के शुभ दिन एक अधिकारी ने मिसाल पेश की है. बसना विकासखंड के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी जे आर डहरिया ने अपने तीन बच्चों का एडमिशन सरकारी स्कूल में कराया है. इससे पहले वर्तमान में कबीरधाम जिले कलेक्टर अवनीश शरण ने आंगनबाड़ी में अपनी बेटी का दाखिला कराया था.

इस ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की तरह सभी अफसर हों तो सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदल जाए

ब्लॉक शिक्षा अधिकारी जे आर डहरिया ने अपनी बेटी और दो बेटों को दाखिला बिलाईगढ़ विकास खण्ड के गौराडीपा के सरकारी स्कूल में कराया है. गांव के सरकारी स्कूलों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ाने के लिए बसना बीईओ जे आर डहरिया ने बिलाईगढ़ विकास खण्ड के गौराडीपा में अपने तीनों बच्चों का एडमिशन कराया है. साथ ही लोगों से सरकारी स्कूल में अपने बच्चों का दाखिला कराने की अपील की है.

बिगाड़ दी गई है सरकारी स्कूलों की छवि
सरकारी स्कूलों की पढ़ाई, वहां के शिक्षकों को लेकर नकारात्मक खबरें जगह पाती रही हैं. जिससे ऐसे विद्यालयों की छवि भी बिगड़ी है. बड़े अधिकारी हों या बिजनेसमैन और मध्यम वर्गीय परिवारों से ताल्लुक रखने वाला एक बड़ा वर्ग, अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में कराने की बजाय प्राइवेट स्कूल में कराना मुनासिब समझता है.

बीईओ ने की ये अपील
इस मामले में अवनीश शरण के बाद बीईओ जे आर डहरिया ने सार्थक पहल की है. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में गुणवत्तायुक्त पढ़ाई के बाद भी ज्यादातर लोग निजी स्कूलों को पहली प्राथमिकता देने लगे हैं, इससे अमीर और गरीब के बच्चों में अनावश्यक दूरी के साथ सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की दर्ज संख्या पर काफी असर पड़ने लगा है.


ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने सभी अधिकारियों से अपील भी की है कि सरकारी स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ा कर उनका भविष्य संवारे.

Intro:बिलाईगढ़ - बसना विकासखंड के ब्लाक शिक्षा अधिकारी जे आर डहरिया ने आज अपनी बेटी,और दो बेटों को बिलाईगढ़ विकास खण्ड के गौराडीपा के सरकारी स्कूल में भर्ती कराकर एक मिसाल पेश किया है। गांव के सरकारी स्कूलों के प्रति लोगों का रूझान बढ़ाने के लिए बसना बीईओ जे आर डहरिया ने बिलाईगढ़ विकास खण्ड के अपने गांव गौराडीपा में अपने तीन बच्चो को सरकारी स्कूल में भर्ती कराया है. और लोगों को अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में भर्ती कराने का संदेश भी दिया है.Body:वीओ - सरकारी स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई को लेकर अक्सर सवालिया निशान लगता रहा है. यही नहीं सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की योग्यता और अनुशासनहीनता की खबरे अक्सर सुर्ख़ियों में रहती है. इसका असर सरकारी स्कूलों की छवि पर सीधा पड़ा है. बड़े अधिकारी हों या बिजनेसमैन और मध्यम वर्गीय परिवारों से ताल्लुक रखने वाला एक बड़ा वर्ग, अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में कराने की बजाय प्राइवेट स्कूल में कराना मुनासिब समझता है. लेकिन अब ये परम्परा टूटने वाली है. ताजा मामला बलौदाबाजार जिले के बिलाईगढ़ ब्लाक की है यहां पूर्व में ब्लाक शिक्षा अधिकारी रहे जे आर डहरिया ने अपने बच्चों का दाखिला प्राइवेट स्कुल के बजाये गौराडीपा के सरकारी स्कूल में कराया है. इसके तहत जिम्मेदार लोग अपने बच्चों को निजी स्कूलों के बजाए सरकारी स्कूलों में दाखिला कराएं तो शिक्षा व्यवस्था स्वत: बेहतर साबित हो सकेगी। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में गुणवत्तायुक्त पढ़ाई के बाद भी ज्यादातर लोग निजी स्कूलों को पहली प्राथमिकता देने लगे हैं।इससे अमीर और गरीब के बच्चों में अनावश्यक दूरी के साथ सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की दर्ज संख्या पर काफी असर पडऩे लगा है। Conclusion:ब्लाक शिक्षा अधिकारी ने सभी अधिकारियो को अपील भी किया है की सरकारी स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ा कर उनका भविष्य संवारे.

बाईट(1):-जे आर डहरिया ( बी ई ओ बसना)
Last Updated : Jun 24, 2019, 7:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.