बलौदाबाजार: कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने गोधन न्याय योजना की तैयारियों को लेकर शनिवार को पलारी जनपद पंचायत के अंतर्गत टीला गांव स्थित मॉडल गौठान का निरीक्षण किया. साथ ही उन्होंने गौठान की कमियों को सुधारने और आने वाले 2 दिनों के अंदर कुछ व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिए हैं.
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने गौठान में काम करने वाली महिला स्व सहायता समूह, गौठान प्रबंधन समिति के सदस्यों और चरवाहों से बात कर उनका हाल चाल जाना. साथ ही गौठान में होने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी ली. इस दौरान कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने सभी को आश्वासन देते हुए कहा कि इस गौठान को रोजगार के नए केंद्र के रूप में बदलने की दिशा में काम किया जा रहा हैं. उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए जो कुछ भी जरुरी होगा उसके हिसाब से योजना बनाकर उनका क्रियान्वयन किया जाएगा.
20 जुलाई को होगी गोधन न्याय योजना की शुरुआत
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजना 'गोधन न्याय योजना' की शुरुआत हरेली पर्व यानी 20 जुलाई को की जाएगी. इस योजना के तहत पूरे प्रदेश में 2 रुपये किलो में गोबर खरीदा जाएगा.
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जानकारी के मुताबिक 20 जुलाई से शुरू होने वाली गोधन न्याय योजना के कार्यक्रम के लिए दो से तीन मॉडल गौठान का चयन किया गया हैं, जिनमें से किसी एक गौठान में राज्य सरकार से मिले दिशा-निर्देश के मुताबिक जिला स्तर का कार्यक्रम किया जाएगा. गौठान निरीक्षण के दौरान अपर कलेक्टर जोगेंद्र नायक, जिला पंचायत CEO डॉ. फरिहा आलम सिद्दीकी, संयुक्त कलेक्टर इन्दिरा देवहारी, अतिरिक्त जिला पंचायत CEO हरिशंकर चौहान, मनरेगा प्रभारी केके साहू, स्वच्छता प्रभारी मुरली कांत यदु और जनपद पंचायत CEO सनत महादेवा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे.
इन नियमों के तहत होगी गोबर की खरीदी
- गौ पालकों से गोबर की खरीदी गौठान समितियों की ओर से परिवहन शुल्क सहित दो रुपये प्रति किलो के हिसाब से की जाएगी.
- गौठान समिति अपने ग्राम पंचायत में शामिल गांव के ही गौ पालकों से गोबर खरीदेगी.
- गोबर खरीदने के लिए गांव में जाने की समय सारिणी निर्धारित की जाएगी.
- गौठान समितियों द्वारा गौवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुओं का ही गोबर खरीदा जाएगा.
- अपने पशुओं द्वारा उत्पादित गोबर की बिक्री पशुपालक के लिए पूरी तरह से स्वैच्छिक होगी.
- गौठान समितियां हाथ में उठाये जाने लायक अर्द्ध ठोस प्रकृति का ही गोबर खरीदेगी
- कांच, प्लास्टिक, मिट्टी आदि अपशिष्टों वाला गोबर नहीं खरीदा जाएगा.
- पशु पालकों से केवल गोबर खरीदा जाएगा, गोबर से बने अन्य उत्पाद जैसे कंडा आदि नहीं खरीदे जाएंगे.
- गौठान समितियां पशुपालकों से खरीदे गये गोबर का पूरा लेखा-जोखा भी रखेंगी.
- हर एक पशुपालक के लिए गोबर खरीदी कार्ड या क्रय पत्रक बनाया जाएगा.
- प्रतिदिन खरीदे गए गोबर की मात्रा की इस कार्ड में इंट्री की जाएगी और इसपर पशुपालक के भी हस्ताक्षर लिये जाएंगे.
- गौठानों में रहने वाले पशुओं से मिले गोबर का स्वामित्व गौठान का होगा और उसके लिए पशुपालक को कोई राशि नहीं दी जाएगी.
- गौठानों में आने वाले पशुओं के लिए पहले की तरह ही हरे चारे की व्यवस्था गौठान समितियों द्वारा की जाएगी.
- पशुपालकों से खरीदे गये गोबर की मात्रा अनुसार भुगतान हर 15 दिन में होगा.
- गोबर को तौलने के लिए तराजू या कैलिबेर्टेड फर्मा का उपयोग किया जाएगा.
- गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट बनाने का काम स्थानीय स्व-सहायता समूह करेगी.
- इस काम में चरवाहों को भी जोड़ा जाएगा.
- जिला कलेक्टर के नेतृत्व में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों की सभी गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट बनाने के काम की निगरानी करेंगे.