बलौदा बाजार: बिलाईगढ़ के तालाब के गंदे पानी में नहाने से ग्रामीणों के शरीर में कई तरह की बीमारियां होने लगी थीं. लोगों ने मछली पालन करने वाले ठेकेदार पर केमिकल डालने के आरोप ETV भारत के जरिए लगाए थे और कलेक्टर से इसकी शिकायत भी की थी. इस खबर का असर देखने को मिला है. स्वास्थ्य विभाग ने कैंप लगाकर ग्रामीणों का इलाज किया है.
बिलाईगढ़ ब्लॉक के जमगहन गांव में निस्तारी की विकराल समस्या है. गांव में सभी तालाब सुख चुके हैं. एक ही तालाब है और गांववालों का आरोप है कि इसमें भी ठेकेदार ने केमिकल डाल दिया. जिससे उन्हें त्वचा से संबंधित बीमारियां हो गईं. ETV भारत के जरिए ये खबर जिम्मेदारों तक पहुंची और वहां अब स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची है.
- डॉक्टर की टीम आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और मितानिनों की सहयोग से कैंप लगा कर समस्त ग्रामीणों का इलाज कर रही है.
- सभी ग्रामीणों को चेकअप कर होने वाली बीमारियों की दवा दी जा रही है. गांव में लगभग 36 लोगों को फोड़े फुंसी और खुजली की शिकायत हुई है.
- ग्राम पंचायत जमगहन के बीच बस्तीपारा में बिंझिया समाज के कुछ परिवारों का निजी तालाब है. गर्मी होने के कारण भीषण गर्मी में और अन्य तालाबों का पानी सूख गया है. ऐसे में अब एक ही तालाब ग्रामीणों की निस्तारी के लिए बचा हुआ है. वो है बिंझिया तालाब.
- ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए पंचायत के द्वारा पिछले वर्ष मनरेगा के तहत गहरीकरण का कार्य करवाया गया, जिससे पानी की समस्या न हो और ग्रामीण इसी तालाब में निस्तारी करें. जिस समय तालाब को ग्रामीणों को सौंपा गया उस समय पानी काफी साफ सुथरा और स्वच्छ था.
- ग्रामीणों को देने से पहले बिंझिया समाज के द्वारा मछली पालन करने के लिए नगर भटगांव के पप्पू खान को 5 वर्ष के एग्रीमेंट के ठेका पर दे दिया गया था, जिसमें ठेकेदार द्वारा पालन कर रहे मछली को बढ़ाने के लिए बीच बीच में चूना, खाद व अन्य सामग्री का उपयोग कर मछली को खाने के रूप में दिया जा रहा है.
- 2 माह पूर्व से ही ग्रामीणों के शरीर में यहां नहाने से से खुजली, फोड़े और फुंसी के साथ कई अन्य बीमारियां होने लगी हैं, जिससे ग्रामीण आक्रोश में हैं.
- ग्रामीणों की मानें तो तालाब को ठेका में लेकर मछली पालन कर रहे पप्पू ठेकेदार द्वारा पानी में कुछ केमिकल और अन्य पदार्थ डाल दिया गया है.
ठेकेदार पर कार्रवाई न होने से लोग नाराज
ग्रामीणों की बीमारियों का इलाज तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कर दिया लेकिन इन बीमारियों को उत्पन्न करने वाले दोषी मछली ठेकेदार पर अभी तक कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है. ग्रामीण ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.