बलौदा बाजार: जिला मुख्यालय से 4 किलोमीटर दूर कुकुरदी ग्राम पंचायत के पास सवरा आदिवासी समुदाय के करीब 600 लोग रहते हैं, शासन-प्रशासन ने यहां मूलभूत सुविधा और अलाव के व्यवस्था की बात कही थी, लेकिन यहां किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
आदिवासी परिवार पहले नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 2 में रहते थे. लेकिन शासन ने इन्हें सवरा डेरा में भेज दिया, और व्यवस्था का भी भरोसा दिलाया,लेकिन सवरा डेरा में जब ETV भारत की टीम पहुंची तो जिला प्रशासन के दावे की पोल खुल गई. वहां न तो अलाव की व्यवस्था दिखी और न ही बारिश से बचने के लिए कोई व्यवस्था.
![aadiwasi family needs help](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5589786_blb_story.png)
शिक्षा से दूर नौनिहाल
लोगों की मानें तो शासन-प्रशासन की ओर से उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है,यहां लोग ठंड में ठिठुरने को मजबूर है, वहीं लोगों ने बताया कि 'कुछ समय पहले यहां बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था थी लेकिन अब वो भी बंद कर दिया गया है, साथ ही यहां इलाज के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है'.
मतदान सूची से भी कटा नाम
लोगों का कहना है कि 'पहले नगरपालिका में उनका नाम मतदान के लिए आता था लेकिन इस बार उनका नाम मतदान के लिए कट गया है. अब उन्हें यह भी मालूम नहीं है कि वह कहां के निवासी हैं'.
![aadiwasi family needs help](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5589786_blb_story1.png)
अब तो इनकी सुन लो सरकार
आदिवासी परिवार को सवरा डेरा में बसा दिया गया, लेकिन कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इनकी सुध लेने तक नहीं आते हैं.बिना व्यवस्था और सुविधा के तंगहाली और ठंड में ठिठुरते मजबूर आदिवासी सरकार से मदद की आस में है.