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बारनवापारा अभयारण्य में काम करने वाले 80 युवक हुए बेरोजगार, Lockdown में गंवाई नौकरी - बारनवापारा अभ्यारण्य छत्तीसगढ़

कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन का असर पर्यटन पर भी पड़ा है. बारनवापारा अभयारण्य के राजस्व में लाखों रुपए की कमी आई है. वहीं कई स्थानीय युवक बेरोजगार भी हो गए हैं.

effect of lockdown at bar navapara sanctuary
लॉकडाउन की मार
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Published : Jun 8, 2020, 10:11 PM IST

Updated : Jun 9, 2020, 2:45 PM IST

बलौदाबाजार : कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन से लगभग सभी सेक्टर प्रभावित हुए हैं. लॉकडाउन का पर्यटन पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है. बलौदाबाजार जिले में प्रसिद्ध बारनवापारा अभयारण्य स्थित है. यहां जंगली जानवरों को खुले जंगल में घूमते हुए देखा जा सकता है. बारनवापारा अभयारण्य की खूबसूरती का दीदार करने के लिए हर साल हजारों की संख्या में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं, लेकिन मार्च में लॉकडाउन होने से पर्यटकों का यहां आना बंद हो गया. जिससे इस खूबसूरत अभयारण्य क्षेत्र में सन्नाटा पसरा हुआ है, साथ ही 80 स्थानीय युवकों का रोजगार भी छिन गया है.

लॉकडाउन की मार

बारनवापारा अभयारण्य प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ है. यहां आने वाले पर्यटकों से वन विभाग को हर साल 30 से 35 लाख रुपयों की आमदनी होती है. गर्मी का मौसम आते ही अभयारण्य क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होती है. इस बार मुख्य सीजन में लॉकडाउन होने के कारण बारनवापारा अभयारण्य को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था, जिसके चलते वन विभाग को मिलने वाले राजस्व में तो कमी आई है. इसके साथ ही इस अभयारण्य में काम करने वाले 80 स्थानीय युवकों का रोजगार भी छिन गया है.

पढ़ें-कोरबा: लॉकडाउन में कम होने के बजाए बढ़ा प्रदूषण, BALCO और NTPC को नोटिस

रोजगार के लिए की जाएगी वैकल्पिक व्यवस्था

ये स्थानीय युवक अभयारण्य में गाइड, टैक्सी ड्राइवर, कुक का काम करते थे, जो अब बेरोजगार हो गए हैं. बारनवापारा अभयारण्य से इन युवकों को हर महीने 10 से 15 हजार रुपयों की आमदनी हो जाती थी, जो अब पूरी तरह से बंद है. बारनवापारा के बंद होने के संबंध में अभयारण्य के अधीक्षक आरपी मिश्रा ने बताया कि इस बार बार वन विभाग को महज 17 से 18 लाख रुपए की ही आमदनी हुई है. उन्होंने कहा कि काम करने वाले जो युवक बेरोजगार हुए हैं, उनके लिए नए रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था वन विभाग की ओर से की जाएगी.

बलौदाबाजार : कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन से लगभग सभी सेक्टर प्रभावित हुए हैं. लॉकडाउन का पर्यटन पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है. बलौदाबाजार जिले में प्रसिद्ध बारनवापारा अभयारण्य स्थित है. यहां जंगली जानवरों को खुले जंगल में घूमते हुए देखा जा सकता है. बारनवापारा अभयारण्य की खूबसूरती का दीदार करने के लिए हर साल हजारों की संख्या में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं, लेकिन मार्च में लॉकडाउन होने से पर्यटकों का यहां आना बंद हो गया. जिससे इस खूबसूरत अभयारण्य क्षेत्र में सन्नाटा पसरा हुआ है, साथ ही 80 स्थानीय युवकों का रोजगार भी छिन गया है.

लॉकडाउन की मार

बारनवापारा अभयारण्य प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ है. यहां आने वाले पर्यटकों से वन विभाग को हर साल 30 से 35 लाख रुपयों की आमदनी होती है. गर्मी का मौसम आते ही अभयारण्य क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होती है. इस बार मुख्य सीजन में लॉकडाउन होने के कारण बारनवापारा अभयारण्य को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था, जिसके चलते वन विभाग को मिलने वाले राजस्व में तो कमी आई है. इसके साथ ही इस अभयारण्य में काम करने वाले 80 स्थानीय युवकों का रोजगार भी छिन गया है.

पढ़ें-कोरबा: लॉकडाउन में कम होने के बजाए बढ़ा प्रदूषण, BALCO और NTPC को नोटिस

रोजगार के लिए की जाएगी वैकल्पिक व्यवस्था

ये स्थानीय युवक अभयारण्य में गाइड, टैक्सी ड्राइवर, कुक का काम करते थे, जो अब बेरोजगार हो गए हैं. बारनवापारा अभयारण्य से इन युवकों को हर महीने 10 से 15 हजार रुपयों की आमदनी हो जाती थी, जो अब पूरी तरह से बंद है. बारनवापारा के बंद होने के संबंध में अभयारण्य के अधीक्षक आरपी मिश्रा ने बताया कि इस बार बार वन विभाग को महज 17 से 18 लाख रुपए की ही आमदनी हुई है. उन्होंने कहा कि काम करने वाले जो युवक बेरोजगार हुए हैं, उनके लिए नए रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था वन विभाग की ओर से की जाएगी.

Last Updated : Jun 9, 2020, 2:45 PM IST
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