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कांकेर: जंगली दवाई खाने से 6 लोगों की बिगड़ी तबीयत, दो दिन पहले ही हुई थी मासूम की मौत

कांकेर के अंतागढ़ में ओझा की ओर से दी गई दवा खाने से छह लोग बीमार हो गए हैं.

जंगली दवा खाने से बिगड़ी तबीयत
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Published : May 4, 2019, 11:47 PM IST

अंतागढ/कांकेर: अंतागढ के कोनेचुर गांव में पागल कुत्ते के काटने से दो दिन पहले ही एक मासूम की मौत हो गई थी. वहीं इस मामले में घायल दूसरे बच्चे की तबीयत बिगड़ गई है, जिसे जिला अस्पताल रेफर किया गया है.

जंगली दवा खाने से बिगड़ी तबीयत

बीमारी के डर के आई जंगली दवा
वही जंगली दवाई के चक्कर में अपने बच्चे को खोने के बाद भी परिजनों को होश नहीं आया और पागल कुत्ते के काटे मासूम का जूठा खाना खाने पर बीमारी के डर से परिजनों ने भी जंगली दवाई का सेवन कर लिया. इससे 4 मासूमों समेत 6 लोगों की तबीयत बिगड़ गई है.


दो मासूमों को पागल कुत्ते ने काटा था
बता दें कि लगभग 15 दिन पूर्व कोनेचुर गांव में पागल कुत्ते ने दो मासूमों को काट लिया था. इसके बाद परिजन बच्चों को अस्पताल ले जाने के बजाय जंगली दवाई से इलाज करवाते रहे, जिससे 2 साल के मासूम की तबीयत बिगड़ने के बाद दो दिन पहले मौत हो गई थी. वहीं दूसरे बच्चे को अंतागढ अस्पताल में भर्ती करवया गया था.


दिखी लापरवाही
घटना में मृत मासूम के परिजनों ने एक बार फिर लापरवाही बरतते हुए मृत मासूम का जूठा खाने से बीमारी के डर में फिर से बैगा के चक्कर में पड़ अपने 4 बेटियों के साथ जंगली दवाई का सेवन कर लिया, जिससे चारों बेटियों और मां की तबीयत बिगड़ गई है. फिलहाल सभी को अंतागढ में प्राथमिक उपचार के बाद कांकेर जिला अस्पताल रेफर किया गया है.


स्वास्थ्य विभाग पर भी उठ रहे सवाल
पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग की भी लापरवाही उजगार हुई है जो कि आज भी क्षेत्र के लोगों को जागरूक नहीं कर पा रहे हैं, स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर के नाम पर हजारों रुपये फूंके जा रहे हैं, लेकिन आज भी ग्रामीण बैगा के चक्कर में पड़कर अपनी जान गंवा रहे हैं.

अंतागढ/कांकेर: अंतागढ के कोनेचुर गांव में पागल कुत्ते के काटने से दो दिन पहले ही एक मासूम की मौत हो गई थी. वहीं इस मामले में घायल दूसरे बच्चे की तबीयत बिगड़ गई है, जिसे जिला अस्पताल रेफर किया गया है.

जंगली दवा खाने से बिगड़ी तबीयत

बीमारी के डर के आई जंगली दवा
वही जंगली दवाई के चक्कर में अपने बच्चे को खोने के बाद भी परिजनों को होश नहीं आया और पागल कुत्ते के काटे मासूम का जूठा खाना खाने पर बीमारी के डर से परिजनों ने भी जंगली दवाई का सेवन कर लिया. इससे 4 मासूमों समेत 6 लोगों की तबीयत बिगड़ गई है.


दो मासूमों को पागल कुत्ते ने काटा था
बता दें कि लगभग 15 दिन पूर्व कोनेचुर गांव में पागल कुत्ते ने दो मासूमों को काट लिया था. इसके बाद परिजन बच्चों को अस्पताल ले जाने के बजाय जंगली दवाई से इलाज करवाते रहे, जिससे 2 साल के मासूम की तबीयत बिगड़ने के बाद दो दिन पहले मौत हो गई थी. वहीं दूसरे बच्चे को अंतागढ अस्पताल में भर्ती करवया गया था.


दिखी लापरवाही
घटना में मृत मासूम के परिजनों ने एक बार फिर लापरवाही बरतते हुए मृत मासूम का जूठा खाने से बीमारी के डर में फिर से बैगा के चक्कर में पड़ अपने 4 बेटियों के साथ जंगली दवाई का सेवन कर लिया, जिससे चारों बेटियों और मां की तबीयत बिगड़ गई है. फिलहाल सभी को अंतागढ में प्राथमिक उपचार के बाद कांकेर जिला अस्पताल रेफर किया गया है.


स्वास्थ्य विभाग पर भी उठ रहे सवाल
पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग की भी लापरवाही उजगार हुई है जो कि आज भी क्षेत्र के लोगों को जागरूक नहीं कर पा रहे हैं, स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर के नाम पर हजारों रुपये फूंके जा रहे हैं, लेकिन आज भी ग्रामीण बैगा के चक्कर में पड़कर अपनी जान गंवा रहे हैं.

पागल कुत्ते के काटे दूसरे मासूम सहित जंगली दवाई खाने वाले 6 लोगो की तबियत बिगड़ी , जिला अस्पताल रेफर 
कांकेर - अंतागढ के कोनेचुर गांव में पागल कुत्ते के काटने से दो दिन पहले एक मासूम की मौत हो गई थी वही घायल दूसरे बच्चे की तबियत बिगड़ गई है जिसे जिला अस्पताल रेफर किया गया है । वही जंगली दवाई के चक्कर मे अपने बच्चे को खोने के बाद भी परिजनो को होश नही आया  और  पागल कुत्ते के काटे मासूम का जूठा खाना खाने पर बीमारी के डर से परिजनों ने भी जंगली दवाई का सेवन कर लिया , जिससे 4 मासूमो समेत 6 लोगो की तबियत बिगड़ गई है । 

लगभग 15 दिन पूर्व कोनेचुर गांव में पागल कुत्ते ने दो मासूमो को काट लिया था , जिसके बाद परिजन बच्चो को अस्पताल ले जाने के बजाय जंगली दवाई से इलाज करवाते रहे , जिससे 2 साल के मासूम की तबियत बिगड़ने के बाद दो दिन पहले मौत हो गई थी , वही दूसरे बच्चे को अंतागढ अस्पताल में भर्ती करवया गया था । घटना में मृत मासूम के परिजनों ने एक बार फिर लापरवाही बरतते हुए मृत मासूम का जूठा खाने से बीमारी के डर में फिर से बैगा के चक्कर मे पड़ अपने 4 बेटियों के साथ जंगली दवाई का सेवन कर लिया जिससे चारो बेटियों और माँ  की तबियत बिगड़ गई फिलहाल सभी को अंतागढ में प्राथमिक उपचार के बाद कांकेर जिला अस्पताल रेफर किया गया है ।

स्वास्थ्य विभाग पर भी उठ रहे सवाल 
पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग की भी लापरवाही उजगार हुई है , जो कि आज भी क्षेत्र के लोगो को जागरूक नही कर पा रहे है, स्वास्थ्य विभाग के द्वारा शिविर के नाम पर हजारों रुपये फुके जा रहे है लेकिन आज भी ग्रामीण बैगा के चक्कर मे पड़ कर अपनी जान गवा रहे है ।

बाईट- रतिकेश कुमार गुप्ता डॉक्टर 

प्रतिभा मृत बच्चे की बहन 


अंतागढ से सागर चंदे की खबर , 
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