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मदनवाड़ा मुठभेड़: शहादत के 12 साल बाद शहीद संतराम साहू के स्मारक का हुआ अनावरण

बलौदा बाजार के कसडोल के शहीद संतराम की प्रतिमा का अनावरण हुआ है. 12 साल पहले संतराम मदनवाड़ा नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए थे.

martyr Santram
शहीद संतराम
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Published : Jul 12, 2021, 10:52 PM IST

Updated : Jul 12, 2021, 11:09 PM IST

बलौदा बाजार: 12 जुलाई 2009 को राजनंदगांव जिले के मदनवाड़ा में पुलिस- नक्सली मुठभेड़ के दौरान एसपी बीके चौबे सहित 29 जवान शहीद हो गए थे. उस 29 जवानों में एक जवान संतराम साहू भी थे, जो कसडोल के रहने वाले थे. संतराम की शहादत ने कसडोल का नाम अमर कर दिया और आज भी शहीद संतराम नगर वासियों के दिलों में बसे हैं. शहीद संतराम की शहादत के 12 साल पूरे हो हो गए हैं. जिसकी याद में सोमवार को उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया है.

शहीद संतराम के स्मारक का अनावरण

शहीद संतराम साहू लोगों के दिलों में हैं मौजूद

19 मई 2007 को संतराम के लिए सबसे बड़े खुशी का दिन था. इस दिन संतराम पुलिस की परीक्षा पास कर राजनादगांव के लिए रवाना हुए. राजनादगांव में संतराम की पहली पोस्टिंग हुई. इस दिन संतराम के परिजनों के साथ-साथ नगर वासी भी काफी खुश थे. शहीद संतराम की पोस्टिंग करीब साल भर तक राजनादगांव जिला मुख्यालय में थी. जिसके बाद एक साल की ट्रेनिंग के लिए मैनपाट चले गये. ट्रेनिंग खत्म होते ही संतराम की ड्यूटी कुछ दिनों के लिए विधानसभा में लगा दी गई. विधानसभा की ड्यूटी खत्म होते ही शहीद संतराम एक महीने की छुट्टी लेकर अपने घर कसडोल आए संतराम काफी दिनों बाद अपने परिवार से मिलकर काफी खुश था. एक महीने घर में छुट्टी बिताने के बाद 29 जून 2009 को संतराम अपने डयूटी के लिए रवाना हो गया.

इसके बाद 12 जुलाई 2009 को संतराम मदनवाड़ा मुठभेड़ में शहीद हो गए. संतराम शहीद होकर अमर हो गये. लेकिन उसके माता-पिता का इस बुढ़ापे में और कोई दूसरा सहारा नहीं है. आज शहीद की प्रतिमा का अनावरण कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी गई है. शहीद के स्मारक का अनावरण अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निवेदिता पॉल ने किया, साथ ही SDOP सुभाष दास सहित पार्षद मौजूद रहे. इससे शहीद के माता पिता काफी खुश हैं.

बलौदा बाजार: 12 जुलाई 2009 को राजनंदगांव जिले के मदनवाड़ा में पुलिस- नक्सली मुठभेड़ के दौरान एसपी बीके चौबे सहित 29 जवान शहीद हो गए थे. उस 29 जवानों में एक जवान संतराम साहू भी थे, जो कसडोल के रहने वाले थे. संतराम की शहादत ने कसडोल का नाम अमर कर दिया और आज भी शहीद संतराम नगर वासियों के दिलों में बसे हैं. शहीद संतराम की शहादत के 12 साल पूरे हो हो गए हैं. जिसकी याद में सोमवार को उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया है.

शहीद संतराम के स्मारक का अनावरण

शहीद संतराम साहू लोगों के दिलों में हैं मौजूद

19 मई 2007 को संतराम के लिए सबसे बड़े खुशी का दिन था. इस दिन संतराम पुलिस की परीक्षा पास कर राजनादगांव के लिए रवाना हुए. राजनादगांव में संतराम की पहली पोस्टिंग हुई. इस दिन संतराम के परिजनों के साथ-साथ नगर वासी भी काफी खुश थे. शहीद संतराम की पोस्टिंग करीब साल भर तक राजनादगांव जिला मुख्यालय में थी. जिसके बाद एक साल की ट्रेनिंग के लिए मैनपाट चले गये. ट्रेनिंग खत्म होते ही संतराम की ड्यूटी कुछ दिनों के लिए विधानसभा में लगा दी गई. विधानसभा की ड्यूटी खत्म होते ही शहीद संतराम एक महीने की छुट्टी लेकर अपने घर कसडोल आए संतराम काफी दिनों बाद अपने परिवार से मिलकर काफी खुश था. एक महीने घर में छुट्टी बिताने के बाद 29 जून 2009 को संतराम अपने डयूटी के लिए रवाना हो गया.

इसके बाद 12 जुलाई 2009 को संतराम मदनवाड़ा मुठभेड़ में शहीद हो गए. संतराम शहीद होकर अमर हो गये. लेकिन उसके माता-पिता का इस बुढ़ापे में और कोई दूसरा सहारा नहीं है. आज शहीद की प्रतिमा का अनावरण कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी गई है. शहीद के स्मारक का अनावरण अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निवेदिता पॉल ने किया, साथ ही SDOP सुभाष दास सहित पार्षद मौजूद रहे. इससे शहीद के माता पिता काफी खुश हैं.

Last Updated : Jul 12, 2021, 11:09 PM IST
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