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बालोद: पोहा मिल की आड़ में लकड़ी का काला करोबार

जगतरा गांव में एक पोहा मिल में लकड़ी का कारोबार किया जा रहा था. जहां डीएफओ ने छापेमार कार्रवाई की है.

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Published : Dec 12, 2019, 2:50 PM IST

Updated : Dec 12, 2019, 3:29 PM IST

Wooden business under the guise of Poha Mill in balod
मिल के आड़ में लकड़ी का करोबार

बालोद: जिला वन मंडल अधिकारी ने एक पोहा मिल में छापेमार कार्रवाई की है. बताया जा रहा है पोहा मिल की आड़ में लकड़ी का कारोबार किया जा रहा था. लकड़ी के अवैध कारोबार की वन मंडल को सूचना मिली थी, जिसके बाद वन मंडल की टीम ने जगतरा गांव में गिरनार पोहा मिल में कार्रवाई की है.

लकड़ी का काला करोबार

बताया जा रहा है, संचालक पोहा मिल का लाइसेंस लेकर लकड़ी चिरान का काम भी करा रहा था. जहां दरवाजे भी बनाए जा रहे थें. वन मंडल अधिकारी का कहना है कि 'संचालक लकड़ी के सही-सही दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाया. साथ ही उसके पास मशीन का भी लाइसेंस नहीं था.

वन विभाग से बनवाए गए दस्तावेज

वहीं गिरनार पोहा मिल के संचालक चंद्रकांत पटेल का कहना है कि 'सारे दस्तावेज वन विभाग से बनवाए गए हैं. वन विभाग ने हमारे व्यापार को अवैध बताते हुए कार्रवाई की है. हमारे पास सभी तरह के लाइसेंस हैं, जिसे जमा करने वाले हैं'.

जल्द होगी कार्रवाई

मामले में बालोद वन मंडल अधिकारी सतोविशा समाजदार ने बताया कि मिल में भारी मात्रा में लकड़ियां रखी थी, जिसपर उनकी ने कार्रवाई की है. साथ ही उन्होंने कहा कि 'वहां जो बिजली इस्तेमाल किया जा रहा है, वह भी पोहा मिल का है. लकड़ी मिल में मशीन का भी कोई लाइसेंस नहीं है, जिसपर अधिकारियों के आते ही कार्रवाई की जाएगी.'

बालोद: जिला वन मंडल अधिकारी ने एक पोहा मिल में छापेमार कार्रवाई की है. बताया जा रहा है पोहा मिल की आड़ में लकड़ी का कारोबार किया जा रहा था. लकड़ी के अवैध कारोबार की वन मंडल को सूचना मिली थी, जिसके बाद वन मंडल की टीम ने जगतरा गांव में गिरनार पोहा मिल में कार्रवाई की है.

लकड़ी का काला करोबार

बताया जा रहा है, संचालक पोहा मिल का लाइसेंस लेकर लकड़ी चिरान का काम भी करा रहा था. जहां दरवाजे भी बनाए जा रहे थें. वन मंडल अधिकारी का कहना है कि 'संचालक लकड़ी के सही-सही दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाया. साथ ही उसके पास मशीन का भी लाइसेंस नहीं था.

वन विभाग से बनवाए गए दस्तावेज

वहीं गिरनार पोहा मिल के संचालक चंद्रकांत पटेल का कहना है कि 'सारे दस्तावेज वन विभाग से बनवाए गए हैं. वन विभाग ने हमारे व्यापार को अवैध बताते हुए कार्रवाई की है. हमारे पास सभी तरह के लाइसेंस हैं, जिसे जमा करने वाले हैं'.

जल्द होगी कार्रवाई

मामले में बालोद वन मंडल अधिकारी सतोविशा समाजदार ने बताया कि मिल में भारी मात्रा में लकड़ियां रखी थी, जिसपर उनकी ने कार्रवाई की है. साथ ही उन्होंने कहा कि 'वहां जो बिजली इस्तेमाल किया जा रहा है, वह भी पोहा मिल का है. लकड़ी मिल में मशीन का भी कोई लाइसेंस नहीं है, जिसपर अधिकारियों के आते ही कार्रवाई की जाएगी.'

Intro:बालोद

बालोद जिला वन मंडल अधिकारी ने एक ऐसे पोहा मिल पर कार्रवाई की है जहां पोहा मिल के साथ ही लकड़ी का भी कारोबार किया जा रहा था वहां लकड़ी चिरान किया जा रहा था साथ ही दरवाजे भी बनाए जा रहे थे पूरा मामला है बालोद जिला मुख्यालय से लगे ग्राम जगतरा के समीप गिरनार पोहा मिल का यहां वन मंडल अधिकारी का कहना है कि उनके द्वारा लकड़ी के सही-सही दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए हैं साथ ही उनके पास व्यापार का लाइसेंस है परंतु मशीन का लाइसेंस नहीं है साथ ही संचालक का कहना है कि हमारे द्वारा सारे दस्तावेज वन विभाग से बनाए गए हैं


Body:वीओ - गिरनार पोहा मिल के संचालक चंद्रकांत पटेल ने बताया कि वन विभाग द्वारा हमारे व्यापार को अवैध बताते हुए कार्रवाई की गई है हमारे पास सभी तरह के लाइसेंस हैं जिसे जमा करने वाले हैं।

वीओ - बालोद वन मंडला अधिकारी सतोविशा समाजदार ने बताया कि यहाँ उक्त मिल पर हमने कार्रवाई की है वहां पर देखा की भारी मात्रा में लकड़ियां एकत्रित थी जिस पर हमने कार्रवाई की है उनके द्वारा किसी भी तरह का कोई दस्तावेज नहीं दिखाया गया साथ ही उन्होंने कहा कि वहां जो बिजली इस्तेमाल किया जा रहा है वह भी पोहा मिल का है इस तरह मशीन कभी कोई लाइसेंस नहीं है उन्होंने बताया कि अगर लाइसेंस होगा भी तो उनको जमा करना था साथ ही इस तरह हैंबर्ग की जो बात वे कह रहे हैं वह भी सरासर गलत है यहां हैमर लाइसेंस देने का अधिकार निजी क्षेत्र के लिए नहीं है उन्होंने कहा कि अधिकारियों के आने के बाद हम सब मिलकर वहां मशीनों को राजसात की कार्रवाई करेंगे।


Conclusion:उक्त मामले पर कई सारे मामले खोल सकते हैं क्योंकि यहां पोहा मिल में लकड़ी का काम किया जा रहा था फूड द्वारा किस आधार पर यह लाइसेंस दिया गया है और लकड़ी का काम किस आधार पर किया जा रहा है और बिजली के लिए प्रॉपर व्यवस्था की गई थी या नहीं और लकड़ी का यदि काम किया जा रहा है तो लकड़ी के बिल भी प्रस्तुत नहीं किए गए हैं वन विभाग द्वारा एक्शन मोड में आते हुए इस मामले पर आने वाले दिन में बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

बाइट - चंद्रकांत पटेल, प्रोपाइटर गिरनार पोहा मिल

बाइट - सतोविशा समाजदार, वनमंडलाधिकारी बालोद
Last Updated : Dec 12, 2019, 3:29 PM IST
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