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आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम: मौली के धागे से 'रक्षा सूत्र' बना रही महिलाएं

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Published : Jul 26, 2020, 7:59 PM IST

Updated : Jul 26, 2020, 10:10 PM IST

रक्षाबंधन का त्योहार नजदीक आ रहा है. इसे लेकर महिलाएं परिवार का पालन-पोषण करने के लिए राखी बना रही हैं. उनका कहना है कि इससे बेरोजगारी दूर होगी और लोगों को इस लॉकडाउन में आर्थिक मदद मिलेगी.

Women making rakhi in Balod
बालोद में महिलाएं राखी बना रही

बालोद: कोरोना वायरस के कारण बढ़ी बेरोजगारी को लेकर लोग चिंतित नजर आ रहे हैं. अब लोग बेरोजगारी को दूर करने के लिए आत्मनिर्भरता की ओर धीरे-धीरे कदम बढ़ा रहे हैं. ऐसे में शहर की कुछ महिलाएं आत्मनिर्भरता का बेहतरीन प्रमाण जनता के बीच पेश कर रही हैं. महिलाएं इस लॉकडाउन में अब रोजगार के अवसर तलाश रही हैं. जिससे परिवार का भरण पोषण हो सके.

बालोद में मौली के धागे से 'रक्षा सूत्र' बना रही महिलाएं

इसी बीच भाई-बहन के प्यार का त्योहार रक्षाबंधन भी आ रहा है. जिसके लिए महिलाओं और युवतियों ने राखियां बनानी शुरू कर दी हैं, जिससे उनके परिवार को कुछ आर्थिक मदद मिल सके. बालोद शहर की कुछ महिलाओं ने कपड़े और मौली के धागे से राखियां बना रही हैं. बालोद के पांडेपारा की महिलाएं परिवार के साथ घर में ही राखी बना रही हैं.

मावली के धागे से बना रही खूबसूरत राखियां

महिलाओं का कहना है कि राखी का पर्व आते ही मार्केट में चाइना राखियां हावी हो जाती थी. वहीं बाहर से भी भारी मात्रा में राखियों का आयात होता था, तो महिलाओं ने सोचा कि क्यों न वे भी घरों में राखियां बनाकर इसे बाजार में बेचें. इस छोटे से आईडियाज से महिलाओं ने घरों में ही अब राखी बनाने का काम शुरू कर दिया है.

आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही महिलाएं
महिलाओं का कहना है कि वे चाइनीज सामानों का बहिष्कार करना चाहती हैं. उन्होंने बताया, वे मौली के धागे से राखियां बना रही हैं. उनकी राखियां बेहद खूबसूरत नजर आ रही है. साथ ही उनके बच्चे भी इस कार्य में हाथ बंटा रहे हैं. महिलाओं का उद्देश्य है कि महिलाएं आत्मनिर्भर बने और स्वदेशी अपनाएं. उनका कहना है कि वे अपना पैसा क्यों विदेशों में देते हैं. वे छोटे-छोटे इस तरह काम कर स्व-रोजगार अपना सकते हैं. इससे बेरोजगारी तो खत्म होगी ही साथ ही वे आत्मनिर्भरता की ओर भी आगे बढ़ेंगे.

बालोद: कोरोना वायरस के कारण बढ़ी बेरोजगारी को लेकर लोग चिंतित नजर आ रहे हैं. अब लोग बेरोजगारी को दूर करने के लिए आत्मनिर्भरता की ओर धीरे-धीरे कदम बढ़ा रहे हैं. ऐसे में शहर की कुछ महिलाएं आत्मनिर्भरता का बेहतरीन प्रमाण जनता के बीच पेश कर रही हैं. महिलाएं इस लॉकडाउन में अब रोजगार के अवसर तलाश रही हैं. जिससे परिवार का भरण पोषण हो सके.

बालोद में मौली के धागे से 'रक्षा सूत्र' बना रही महिलाएं

इसी बीच भाई-बहन के प्यार का त्योहार रक्षाबंधन भी आ रहा है. जिसके लिए महिलाओं और युवतियों ने राखियां बनानी शुरू कर दी हैं, जिससे उनके परिवार को कुछ आर्थिक मदद मिल सके. बालोद शहर की कुछ महिलाओं ने कपड़े और मौली के धागे से राखियां बना रही हैं. बालोद के पांडेपारा की महिलाएं परिवार के साथ घर में ही राखी बना रही हैं.

मावली के धागे से बना रही खूबसूरत राखियां

महिलाओं का कहना है कि राखी का पर्व आते ही मार्केट में चाइना राखियां हावी हो जाती थी. वहीं बाहर से भी भारी मात्रा में राखियों का आयात होता था, तो महिलाओं ने सोचा कि क्यों न वे भी घरों में राखियां बनाकर इसे बाजार में बेचें. इस छोटे से आईडियाज से महिलाओं ने घरों में ही अब राखी बनाने का काम शुरू कर दिया है.

आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही महिलाएं
महिलाओं का कहना है कि वे चाइनीज सामानों का बहिष्कार करना चाहती हैं. उन्होंने बताया, वे मौली के धागे से राखियां बना रही हैं. उनकी राखियां बेहद खूबसूरत नजर आ रही है. साथ ही उनके बच्चे भी इस कार्य में हाथ बंटा रहे हैं. महिलाओं का उद्देश्य है कि महिलाएं आत्मनिर्भर बने और स्वदेशी अपनाएं. उनका कहना है कि वे अपना पैसा क्यों विदेशों में देते हैं. वे छोटे-छोटे इस तरह काम कर स्व-रोजगार अपना सकते हैं. इससे बेरोजगारी तो खत्म होगी ही साथ ही वे आत्मनिर्भरता की ओर भी आगे बढ़ेंगे.

Last Updated : Jul 26, 2020, 10:10 PM IST
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