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Unique Wedding in balod: बालोद में बैलगाड़ी पर दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, ससुराल में दुल्हन का हुआ अनोखा स्वागत ! - बैलगाड़ी पर दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में रविवार को दूल्हा और दुल्हन का स्वागत अनोखे ढंग से किया गया है. पूरे जिले भर में चर्चा का विषय बन गया है. जिसने भी इस स्वागत कार्यक्रम को देखा उन्होंने उस लम्हे को अपने अपने कैमरे में कैद कर लिया. दरअसल जिले के ग्राम पाकुरभाट में किशन यादव अपनी पत्नी दुर्गा यादव को विवाह कर अपने ग्रीनग्राम लाया तो उनके परिवार वालों ने प्राचीन परंपरा के साथ उनका वेलकम बैलगाड़ी से किया और चौक से पूरा गांव का भ्रमण करते हुए उन्हें अपने घर ले गए. bride farewell on bullock cart

Unique Wedding in balod
बालोद में अनोखी शादी
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Published : Feb 12, 2023, 4:34 PM IST

Updated : Feb 12, 2023, 7:31 PM IST

बैलगाड़ी पर दुल्हनिया की विदाई

बालोद: 21वीं सदी और आधुनिक जमाने में जहां पर वातानुकूलित बंद गाड़ियों में दूल्हा दुल्हन को ले जाया जाता है. छत्तीसगढ़ की इस प्राचीन परंपरा की झलक जब लोगों को दिखे तो उनकी आंखें ठहर गई और हर कोई इसे अपने अपने मोबाइल के कैमरे में कैद करना चाहा. देखते ही देखते यहां पर सैकड़ों लोगों की भीड़ लग गई. परिवार वालों के साथ साथ अन्य राहगीर भी रुक कर इस अनोखे दूल्हा दुल्हन के स्वागत को देखने के लिए खड़े रहे लोगों में जमकर उत्साह देखने को मिला.

यह भी पढ़ें: Valentine Day Special Gift : जानिए वैलेंटाइन डे पर लड़कों के लिए कौन सा गिफ्ट है ऑन डिमांड

जानिए किसकी हुई शादी: ग्रामीणों ने बताया कि "धनुष यादव के यहां उसके पुत्र किशन यादव की बारात गांव पाकुरभाट से बेल्हारी गई हुई थी. किशन यादव ने वहां से दुर्गा यादव को विवाह कर अपने गांव लाया. उनके परिवार वालों ने प्राचीन परंपरा के अनुसार बैलगाड़ी से दुल्हन स्वागत किया. बैलगाड़ी की सवारी कर उन्हें गांव भ्रमण कराते हुए घर ले गए.



क्यों सजाई गई बैलगाड़ी: आज दूल्हा दुल्हन को घर तक ले जाने के लिए उनके परिवार वालों ने पूरी व्यवस्था की हुई थी. यहां पर बैलगाड़ी और बैल को भी सजाया गया था. सजाए हुए इस बैलगाड़ी में दूल्हा-दुल्हन को बैठाया गया और साथ में कुछ बच्चे भी उसमें बैठे. जिसके बाद पूरा परिवार उन्हें बाजे गाजे के साथ स्वागत करके अपने घर ले गए.



दिखनी चाहिए परंपरा की झलक- परिवार : दूल्हे के पिता धनुष यादव ने बताया कि "प्राचीन परंपरा की झलक दिखनी चाहिए. हमारे बाप दादा हम स्वयं बैलगाड़ी में बारात लेकर आते थे और आज की युवा पीढ़ी इन सब बातों को भूल गई है. हमने छोटा सा प्रयास किया है और काफी अच्छा लगा कि लोगों ने इसकी तारीफ की. बच्चे के सवाल पर हमने बताया कि हम तो पूरी बारात बैलगाड़ी में ले गए थे. उसी में खाने पीने का सामान रखकर आराम से बारात निकाली थी."

बैलगाड़ी पर दुल्हनिया की विदाई

बालोद: 21वीं सदी और आधुनिक जमाने में जहां पर वातानुकूलित बंद गाड़ियों में दूल्हा दुल्हन को ले जाया जाता है. छत्तीसगढ़ की इस प्राचीन परंपरा की झलक जब लोगों को दिखे तो उनकी आंखें ठहर गई और हर कोई इसे अपने अपने मोबाइल के कैमरे में कैद करना चाहा. देखते ही देखते यहां पर सैकड़ों लोगों की भीड़ लग गई. परिवार वालों के साथ साथ अन्य राहगीर भी रुक कर इस अनोखे दूल्हा दुल्हन के स्वागत को देखने के लिए खड़े रहे लोगों में जमकर उत्साह देखने को मिला.

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जानिए किसकी हुई शादी: ग्रामीणों ने बताया कि "धनुष यादव के यहां उसके पुत्र किशन यादव की बारात गांव पाकुरभाट से बेल्हारी गई हुई थी. किशन यादव ने वहां से दुर्गा यादव को विवाह कर अपने गांव लाया. उनके परिवार वालों ने प्राचीन परंपरा के अनुसार बैलगाड़ी से दुल्हन स्वागत किया. बैलगाड़ी की सवारी कर उन्हें गांव भ्रमण कराते हुए घर ले गए.



क्यों सजाई गई बैलगाड़ी: आज दूल्हा दुल्हन को घर तक ले जाने के लिए उनके परिवार वालों ने पूरी व्यवस्था की हुई थी. यहां पर बैलगाड़ी और बैल को भी सजाया गया था. सजाए हुए इस बैलगाड़ी में दूल्हा-दुल्हन को बैठाया गया और साथ में कुछ बच्चे भी उसमें बैठे. जिसके बाद पूरा परिवार उन्हें बाजे गाजे के साथ स्वागत करके अपने घर ले गए.



दिखनी चाहिए परंपरा की झलक- परिवार : दूल्हे के पिता धनुष यादव ने बताया कि "प्राचीन परंपरा की झलक दिखनी चाहिए. हमारे बाप दादा हम स्वयं बैलगाड़ी में बारात लेकर आते थे और आज की युवा पीढ़ी इन सब बातों को भूल गई है. हमने छोटा सा प्रयास किया है और काफी अच्छा लगा कि लोगों ने इसकी तारीफ की. बच्चे के सवाल पर हमने बताया कि हम तो पूरी बारात बैलगाड़ी में ले गए थे. उसी में खाने पीने का सामान रखकर आराम से बारात निकाली थी."

Last Updated : Feb 12, 2023, 7:31 PM IST
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