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बालोद में गन्ना किसानों का अनोखा प्रदर्शन

बालोद में गन्ना किसानों ने अनोखा प्रदर्शन किया है. जिसमें किसानों ने ट्रैक्टर के आगे गन्ना बांधकर अपना विरोध जताया.

Unique protest of sugarcane farmers in Balod
बालोद में गन्ना किसानों का अनोखा प्रदर्शन
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Published : Aug 17, 2022, 3:03 PM IST

बालोद : जिले के गन्ना उत्पादक किसानों ने आज अनोखे रूप से पूरे शहर में ट्रैक्टर रैली निकालकर प्रदर्शन (Unique protest of sugarcane farmers in Balod) किया. किसान ट्रैक्टर के सामने गन्ना बांध रखा (balod sugarcane railly ) था . दरअसल गन्ना किसानों का कहना है कि '' पिछले 2 वर्षों में प्रति क्विंटल के पीछे जो अंतर की राशि है उसका भुगतान नहीं किया गया है. इसके साथ ही गन्ना किसान इन दिनों हाथी के प्रकोप से काफी परेशान हैं. उसके लिए भी मुआवजे की मांग की है. ट्रैक्टर रैली का आकर्षण पूरे जिला मुख्यालय में देखने को मिला.पूरे शहर में यह रैली चर्चा का विषय बनी रही. बालोद शहर के नया बस स्टैंड परिसर से निकली रैली का हर जगह भ्रमण कराया (Tractor railly of sugarcane farmers in Balod) गया.

बालोद में गन्ना किसानों का अनोखा प्रदर्शन

क्या है किसानों की मांग : गन्ना उत्पादक (balod news) किसानों ने नया बस स्टैंड परिसर में मंचीय कार्यक्रम के माध्यम से शासन और प्रशासन के बीच अपनी मांगों को रखा इस दौरान गन्ना उत्पादक संघ के द्वारा यह कहा गया कि '' हम सबकी शान काफी मेहनत कर गन्ने की फसल उगाते हैं. जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग भी गन्ने को लेकर किसानों को प्रोत्साहित करते हैं.लेकिन किसानों की समस्याओं को लेकर संबंधित विभाग काफी गैर जिम्मेदार रहते हैं.''

कितने साल की राशि है बकाया : गन्ना कृषक कृष्णा राम साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि '' वर्ष 2021 22 में 275 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गन्ना खरीदा गया था. जिसका 80 रुपए प्रति क्विंटल राशि अब तक शेष है. जिसका भुगतान अब तक नहीं किया गया है. इसके पहले वर्ष 2020 21 में 340 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गन्ने की खरीदी की गई थी. लेकिन 14.25 रुपए प्रति क्विंटल का भुगतान अब तक शेष है.''

हाथी से किसान हैं परेशान : गन्ना उत्पादक किसान संघ ने कहा कि '' वर्तमान में पूरे जिले में हाथियों का प्रभाव देखने को मिल रहा है और हाथी प्रभावित क्षेत्रों के किसान गन्ने के फसलों को बचाने के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं. कई किसान तो अपनी जान तक गंवा चुके हैं. किसानों ने कहा कि 40000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से हाथी प्रभावित क्षेत्रों के गन्ना किसानों को मुआवजा देना चाहिए.''

धान को लेकर भी रखी मांग : धान की फसलों को लेकर भी गन्ना कृषकों ने अपनी मांगों को रखा उन्होंने कहा कि '' धान की अंतर की राशि को एकमुश्त दिया जाना चाहिए साथ ही धान खरीदी 1 नवंबर से किया जाना चाहिए. वहीं किसानों ने गन्ने के विषय में अपनी बातों को रखा कि 150 रुपए प्रति क्विंटल राजीव गांधी किसान नया योजना के तहत भी गन्ने को शामिल किया जाना चाहिए. इन सभी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम गन्ना किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.''

बालोद : जिले के गन्ना उत्पादक किसानों ने आज अनोखे रूप से पूरे शहर में ट्रैक्टर रैली निकालकर प्रदर्शन (Unique protest of sugarcane farmers in Balod) किया. किसान ट्रैक्टर के सामने गन्ना बांध रखा (balod sugarcane railly ) था . दरअसल गन्ना किसानों का कहना है कि '' पिछले 2 वर्षों में प्रति क्विंटल के पीछे जो अंतर की राशि है उसका भुगतान नहीं किया गया है. इसके साथ ही गन्ना किसान इन दिनों हाथी के प्रकोप से काफी परेशान हैं. उसके लिए भी मुआवजे की मांग की है. ट्रैक्टर रैली का आकर्षण पूरे जिला मुख्यालय में देखने को मिला.पूरे शहर में यह रैली चर्चा का विषय बनी रही. बालोद शहर के नया बस स्टैंड परिसर से निकली रैली का हर जगह भ्रमण कराया (Tractor railly of sugarcane farmers in Balod) गया.

बालोद में गन्ना किसानों का अनोखा प्रदर्शन

क्या है किसानों की मांग : गन्ना उत्पादक (balod news) किसानों ने नया बस स्टैंड परिसर में मंचीय कार्यक्रम के माध्यम से शासन और प्रशासन के बीच अपनी मांगों को रखा इस दौरान गन्ना उत्पादक संघ के द्वारा यह कहा गया कि '' हम सबकी शान काफी मेहनत कर गन्ने की फसल उगाते हैं. जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग भी गन्ने को लेकर किसानों को प्रोत्साहित करते हैं.लेकिन किसानों की समस्याओं को लेकर संबंधित विभाग काफी गैर जिम्मेदार रहते हैं.''

कितने साल की राशि है बकाया : गन्ना कृषक कृष्णा राम साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि '' वर्ष 2021 22 में 275 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गन्ना खरीदा गया था. जिसका 80 रुपए प्रति क्विंटल राशि अब तक शेष है. जिसका भुगतान अब तक नहीं किया गया है. इसके पहले वर्ष 2020 21 में 340 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गन्ने की खरीदी की गई थी. लेकिन 14.25 रुपए प्रति क्विंटल का भुगतान अब तक शेष है.''

हाथी से किसान हैं परेशान : गन्ना उत्पादक किसान संघ ने कहा कि '' वर्तमान में पूरे जिले में हाथियों का प्रभाव देखने को मिल रहा है और हाथी प्रभावित क्षेत्रों के किसान गन्ने के फसलों को बचाने के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं. कई किसान तो अपनी जान तक गंवा चुके हैं. किसानों ने कहा कि 40000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से हाथी प्रभावित क्षेत्रों के गन्ना किसानों को मुआवजा देना चाहिए.''

धान को लेकर भी रखी मांग : धान की फसलों को लेकर भी गन्ना कृषकों ने अपनी मांगों को रखा उन्होंने कहा कि '' धान की अंतर की राशि को एकमुश्त दिया जाना चाहिए साथ ही धान खरीदी 1 नवंबर से किया जाना चाहिए. वहीं किसानों ने गन्ने के विषय में अपनी बातों को रखा कि 150 रुपए प्रति क्विंटल राजीव गांधी किसान नया योजना के तहत भी गन्ने को शामिल किया जाना चाहिए. इन सभी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम गन्ना किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.''

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