बालोद : जिले के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग में दैनिक भोगी कर्मचारी के रूप में कार्य करने वाले राधेश्याम देशमुख ने एक अभिनव पहल करते हुए बेटियों का मान बढ़ा दिया है. उन्होंने स्वयं ही अपनी बेटियों को सक्षम बनाने का संकल्प लिया (Beti Bachao Beti Padhao) है. उनकी दो बेटियां हैं और वे चाहते हैं कि मेरी बेटियां खुलकर पड़े खुले आसमान में उड़े और अपने मन का प्रोफेशन चुने.
पिता की पहल, मेरे नाम से नहीं बेटियों के नाम से हो घर की पहचान राधेश्याम देशमुख की बेटियां कुमारी रागिनी और कुमारी मीनाक्षी ने हम से चर्चा करते हुए जानकारी दी कि ''काफी अच्छा लगता है जब कोई कहता है कि देशमुख के घर जाओ तो बाहर में उनकी पिता का नहीं बल्कि उनके बेटियों का नाम लिखा हुआ है . रागिनी और मीनाक्षी ने जानकारी देते हुए बताया कि वह स्कूलों में जाते हैं तो वह अपने साथियों को बताते हैं कि हमारे घर में हमारे पापा ने हमारे घर का नाम हमारे नाम से लिखा है और दोनों बेटियां काफी गौरवान्वित महसूस करते हैं.घर का नेम प्लेट बेटियों के नाम : अक्सर हम देखते हैं कि घरों में घर के पहचान के रूप में लगाए गए नेम प्लेट घर के बड़े बुजुर्ग घर के नौकरी पेशा लोगों के नाम पर रहता है. लेकिन यहां पर एक पिता ने अपने घर की पहचान नेम प्लेट के रूप में अपनी बेटियों के नाम से लगा रखा है.Balod latest news
प्रेरणा नहीं, जमीन पर दिखे बदलाव : अपने घर का नाम बेटियों (Hamar Beti Hamar Maan ) के नाम पर रखने वाले पिता राधेश्याम देशमुख ने कहा कि '' किसी तरह की कोई प्रेरणा नहीं बल्कि बदलाव तो जमीन पर दिखना चाहिए अगर हम खुद संकल्प ले तो बेटियों के लिए हर संभव प्रयास कर सकते हैं. मैं किसी को प्रेरणा नहीं देना चाहता और ना चाहता हूं कि कोई अपने घर पर बेटियों के नेम प्लेट लगाएं बल्कि मैं यहीं चाहता हूं कि पिता संकल्प लेकर बेटियों के सुरक्षा संरक्षण उनकी शिक्षा-दीक्षा के लिए वे सदैव तत्पर रहें. बिटिया विकास की ओर अग्रसर रहे बेटी लक्ष्मी है और बेटी देश का भविष्य है.''
सरकार से पहले थी मंशा : राधेश्याम देशमुख ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने हमर बेटी हमर मान के नाम से एक योजना संचालित की है. उससे 2 महीने पहले से मेरी योजना थी कि "मैं बेटियों के नाम से अपने घर का नाम रखूं उनके लिए अपना जीवन समर्पित करूं. पर नेम प्लेट बनवाने में काफी देरी हो गई इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकारी योजना बना रही है हमें भी अपना कर्तव्य निभाना चाहिए.''Unique love of father towards daughters in Balod