बालोद: साल 2013 में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले 25 मई को कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के काफिले पर झीरम घाटी में हमला हुआ था, जिसमें तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार, दिनेश पटेल, योगेंद्र शर्मा समेत कांग्रेस के अन्य कई नेताओं और वीर जवानों की शहादत हुई थी. सोमवार को झीरम हमले की पुण्यतिथि पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सहित ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष ने सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और दो मिनट का मौन धारण किया.
छत्तीसगढ़ में मंगलवार यानि 25 मई को 'झीरम श्रद्धांजलि दिवस' मनाया जाता है. बस्तर की झीरम घाटी में 7 साल पहले, 25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ में अबतक का सबसे बड़ा नरसंहार हुआ था. कांग्रेस के बड़े नेता परिवर्तन यात्रा में शामिल थे. यात्रा के दौरान दरभा घाटी के झीरम इलाके में नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं के काफिले को निशाना बनाया.
पढ़ें:झीरम हमला: अंतहीन दर्द के सात साल, प्रदेश दे रहा शहीदों को श्रद्धांजलि
जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष चंद्रप्रभा सुधाकर ने झीरम हमले को याद करते हुए कहा कि यह प्रदेश के लिए बड़ी क्षति थी. नक्सलियों ने राजनीतिक षड्यंत्र के तहत इस तरह का कृत्य किया और प्रदेश के वीर सपूतों ने इसके लिए अपनी शहादत दी. कांग्रेस के नेताओं के साथ-साथ हमारे वीर जवान भी शहीद हुए. सदियों तक उनकी शहादत को याद रखा जाएगा. चंद्रप्रभा ने कहा कि सभी कांग्रेस के नेता परिवर्तन के लिए निकले थे, लेकिन नक्सलियों ने उनकी जान ले ली.
जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष चंद्रप्रभा सुधाकर, नगर पालिका के अध्यक्ष विकास चोपड़ा, चंद्रेश गिरवानी, विनोद शर्मा, मिथिलेश, पुरुषोत्तम पटेल, यज्ञ देव पटेल, कृष्णा दुबे, शक्ति सिंह ठाकुर, प्रमोद दुबे, बहादुर शर्मा, नगर पालिका के पार्षद गण सहित समस्त कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.