ETV Bharat / state

1 जनवरी हमारा नववर्ष नहीं, यह अंग्रेजी नववर्ष है- संत राम बालक दास - संत राम बालक दास बालोद

जामड़ी पाटेश्वर धाम के संत श्री राम बालक दास ने कहा कि 1 जनवरी हमारा नववर्ष नहीं, यह अंग्रेजी नववर्ष है.

Sant Ram Balak Das
संत राम बालक दास
author img

By

Published : Jan 2, 2021, 2:05 AM IST

बालोद: जिले के जामड़ी पाटेश्वर धाम के संत राम बालक दास ने ऑनलाइन ग्रुप में सत्संग का संचालन किया. जिसमें भक्तजन जुड़े और अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया. पुरषोत्तम अग्रवाल ने दान दक्षिणा पर प्रकाश डालने की विनती की, इस विषय पर प्रकाश डालते हुए संत राम बालक दास ने बताया कि कलयुग में कहा गया है कि धर्म के चार पद में एक ही पद है दान. कलयुग में ज्यादा बड़ा यज्ञ नहीं कर सकते, तन को सुखाने वाला व्रत नहीं कर सकते क्योंकि, अन्न में प्राण हैं, कलयुग में ऐसे बहुत से साधन है जो कि हम नहीं कर सकते.

उन्होंने कहा कि ध्यान धारणा समाधि भी,उचित अवस्था में ही संभव हैं, कलयुग के दूषित वातावरण में नही. तो ऐसी स्थिति में क्या करें, संसार में व्याप्त, संसार के जीव जगत में व्याप्त परमपिता परमात्मा को देखते हुए दान करें. जितना हो सके दान करें, चित्त की बुराइयों का दान करें, अपने स्वयं के अहंकार का दान करें, अन्न का दान करें, भूखों को भोजन प्रदान करें, अर्थ उपार्जन का दसवां हिस्सा दान करें, धर्म, समाज, परिवार के कल्याण में लगा सके ऐसाे अपने धन का सदुपयोग करें.

पढ़ें-बालोद के इस इंसान के पास खस्ता खाने क्यों आते हैं पक्षी ?

यह अंग्रेजी नववर्ष है

सत्संग परिचर्चा को आगे बढ़ाते हुए संत राम बालक दास ने रामचरितमानस के सुंदरकांड की चौपाई के भाव को व्यक्त करते हुए बाबा ने बताया कि सचिव, मंत्री, वैद्य, गुरु जो हमारे पथ प्रदर्शक होते हैं यदि यह असत्य बोलते हैं, किसी के दबाव में आकर बोलते हैं, तो राज्य, धर्म और शरीर तीनों का ही नाश है. राज्य का नाश मंत्री के कारण, धर्म का नाश गुरु के कारण और वैद्य अर्थात डॉक्टर के कारण हमारे शरीर का नाश होता है. इसीलिए गुरु को निश्चल और निष्कपट हो कर बात करना चाहिए. मंत्री को हमेशा हमेशा सत्य बोलना चाहिए, प्रजा का हितेषी होना चाहिए. उसी प्रकार डॉक्टर को भी कोई भी बात नहीं छुपाना चाहिए. नये साल पर उन्होंने कहा कि 1 जनवरी हमारा नववर्ष नहीं, यह अंग्रेजी नववर्ष है.

बालोद: जिले के जामड़ी पाटेश्वर धाम के संत राम बालक दास ने ऑनलाइन ग्रुप में सत्संग का संचालन किया. जिसमें भक्तजन जुड़े और अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया. पुरषोत्तम अग्रवाल ने दान दक्षिणा पर प्रकाश डालने की विनती की, इस विषय पर प्रकाश डालते हुए संत राम बालक दास ने बताया कि कलयुग में कहा गया है कि धर्म के चार पद में एक ही पद है दान. कलयुग में ज्यादा बड़ा यज्ञ नहीं कर सकते, तन को सुखाने वाला व्रत नहीं कर सकते क्योंकि, अन्न में प्राण हैं, कलयुग में ऐसे बहुत से साधन है जो कि हम नहीं कर सकते.

उन्होंने कहा कि ध्यान धारणा समाधि भी,उचित अवस्था में ही संभव हैं, कलयुग के दूषित वातावरण में नही. तो ऐसी स्थिति में क्या करें, संसार में व्याप्त, संसार के जीव जगत में व्याप्त परमपिता परमात्मा को देखते हुए दान करें. जितना हो सके दान करें, चित्त की बुराइयों का दान करें, अपने स्वयं के अहंकार का दान करें, अन्न का दान करें, भूखों को भोजन प्रदान करें, अर्थ उपार्जन का दसवां हिस्सा दान करें, धर्म, समाज, परिवार के कल्याण में लगा सके ऐसाे अपने धन का सदुपयोग करें.

पढ़ें-बालोद के इस इंसान के पास खस्ता खाने क्यों आते हैं पक्षी ?

यह अंग्रेजी नववर्ष है

सत्संग परिचर्चा को आगे बढ़ाते हुए संत राम बालक दास ने रामचरितमानस के सुंदरकांड की चौपाई के भाव को व्यक्त करते हुए बाबा ने बताया कि सचिव, मंत्री, वैद्य, गुरु जो हमारे पथ प्रदर्शक होते हैं यदि यह असत्य बोलते हैं, किसी के दबाव में आकर बोलते हैं, तो राज्य, धर्म और शरीर तीनों का ही नाश है. राज्य का नाश मंत्री के कारण, धर्म का नाश गुरु के कारण और वैद्य अर्थात डॉक्टर के कारण हमारे शरीर का नाश होता है. इसीलिए गुरु को निश्चल और निष्कपट हो कर बात करना चाहिए. मंत्री को हमेशा हमेशा सत्य बोलना चाहिए, प्रजा का हितेषी होना चाहिए. उसी प्रकार डॉक्टर को भी कोई भी बात नहीं छुपाना चाहिए. नये साल पर उन्होंने कहा कि 1 जनवरी हमारा नववर्ष नहीं, यह अंग्रेजी नववर्ष है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.