बालोद: जिला मुख्यालय से लगे तरौद गांव में पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग की ओर से दिव्यांग शिविर का आयोजन किया गया. जो कि महज औपचारिकता बनकर रह गई. यहां पहुंचे दिव्यांग जनों ने बताया कि उनका दिव्यांग प्रमाण पत्र भी नहीं बनाया गया है. बल्कि सभी को अस्पताल आने की बात कही गई. जिससे दिव्यांग और उनके परिजन असंतुष्ट नजर आए. वहीं प्रशासन अपने शिविर को सफल बता रहा है.
200 दिव्यांगजन हुए शामिल
पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक नदीम काजी ने बताया कि यहां पर दिव्यांग शिविर का आयोजन किया गया था. जिसमें करीब 200 दिव्यांगजन शामिल हुए. इनमें से 163 दिव्यांगों का पंजीयन किया गया. आयोजन का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग जनों का यूआईडीएआई प्रमाण पत्र बनाना था.
पढ़ें: SPECIAL: गोलगप्पे का स्वाद बनाएगा दिव्यांगों की आर्थिक सेहत
नहीं हुआ निराकरण: परिजन
शिविर में पहुंचे दिव्यांग सुशांत नेताम और उनके परिजनों ने बताया कि यहां पर जिस उम्मीद के साथ वे लोग आए थे, उन उम्मीदों पर प्रशासन खरा नहीं उतर पाया है. सभी को अस्पताल आने कहा जा रहा है. परिजन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग उनके बेटे को दिव्यांग मानने से इंकार कर रहा है.
दिव्यांगजनों को बुलाया गया अस्पताल
उप संचालक नदीम काजी ने बताया कि जिन लोग का इलाज यहां नहीं हो पाया है, उन्हें अस्पताल बुलाया गया है. ताकि उनके दिव्यांगता का शत प्रतिशत बेहतर ढंग से इलाज करा सकें.