बालोद: छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर सामाजिक चेतना और सामाजिक न्याय के लिए दिए जाने वाला प्रतिष्ठित बाबा गुरु घासीदास सम्मान इस साल किसी को नहीं दिया गया है. सम्मान की घोषणा नहीं किए जाने से अनुसूचित जाति मोर्चा के पदाधिकारी नाराज हैं. भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.
अनुसूचित जाति मोर्चा के पदाधिकारियों ने बताया कि बाबा घासीदास छत्तीसगढ़ प्रदेश के अनुसूचित जाति के महान संत और प्रेरणा पुरुष है. उनके प्रति लाखों सामाज के लोगों की असीम श्रद्धा है. सतनाम पंथ के अनुयायी उनके बताए मार्ग पर चलकर सामाजिक सुधार के क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं. छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के बाद से ही छत्तीसगढ़ के महान विभूति संत गुरु बाबा घासीदास के नाम से दिए जाने वाला राज्य अलंकरण पुरस्कार दिया जाता है. लेकिन इस साल प्रदेश सरकार ने इस सम्मान की घोषणा नहीं की है जिससे प्रदेश के अनुसूचित जाति समाज के लोग अपमानित महसूस कर रहे हैं.
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भावनाओं को पहुंची ठेस
शासन की ओर से बाबा गुरु घासीदास सम्मान अलंकरण पुरस्कार घोषित नहीं किए जाने से अनुसूचित जाति समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची है. साथ ही समाज के लोगों का कहना है कि समाज के आराध्य संतों की उपेक्षा हुई है. अनुसूचित जाति मोर्चा कड़े शब्दों में सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहा है. साथ ही तत्काल बाबा गुरु घासीदास पुरस्कार की घोषणा किए जाने की मांग की. ऐसा नहीं करने पर 5 नवंबर को पूरे प्रदेश भर में भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा धरना प्रदर्शन करेगा.
ये रहे मौजूद
ज्ञापन देने वाले प्रमुख लोगों में अनिल खोबरागड़े प्रदेश उपाध्यक्ष अनुसूचित जाति मोर्चा , हितेश कुमार प्रदेश सदस्य, नरेंद्र सोनवानी पूर्व एल्डरमैन नगर पालिका बालोद , अशवन बारले सांसद प्रतिनिधि, राजेश कांबले पार्षद नगर पालिका दल्ली राजहरा, मातरम दास कोसरे पार्षद नगर पंचायत डौंडी, रमेश गुर्जर महामंत्री अनुसूचित जाति मोर्चा आदि शामिल हुए.