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अधूरे सड़क निर्माण से परेशान लोग, धूल के गुबार से हो रहे बीमार

बालोद के तवेरा से तिलोदा मार्ग पर लगभग 13 किलोमीटर की दूरी तक सड़क निर्माण के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2 करोड़ 26 लाख 86 हजार रुपए स्वीकृत हुए थे, लेकिन सालों बीतने के बाद अभी भी सड़क निर्माण अधूरा है, जिसके कारण ग्रामीणों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Mar 20, 2020, 9:29 AM IST

Updated : Mar 20, 2020, 1:20 PM IST

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अधूरे सड़क निर्माण से परेशान लोग

बालोद: तवेरा से तिलोदा मार्ग पर 13 किलोमीटर सड़क के अधूरे निर्माण के कारण गांववाले परेशान हैं. दरअसल इस मार्ग पर करीब 3-4 साल पहले गिट्टीकरण का काम हुआ था, लेकिन डामरीकरण नहीं होने से उड़ते धूल के गुबार के कारण लोग परेशान हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क पर उड़ रही धूल के कारण उनकी तबीयत खराब हो रही है.

अधूरे सड़क निर्माण से परेशान लोग

पूरा नहीं हुआ निर्माण का कार्य

दरअसल बालोद के गुंडरदेही ब्लॉक मुख्यालय से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तवेरा गांव से लगभग 13 किलोमीटर तक मार्ग बनाने के लिए टेंडर साल 2008 में स्वीकृत हुआ था और 26 दिसंबर 2010 में बाफना अर्थ मूवर्स की ओर से निर्माण कार्य पूरा किया जाना था. निर्माण की लागत 3 करोड़ 76 लाख 69 हजार थी. इस सड़क को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनना था. तवेरा से तिलोदा में साल 2016-17 में ये शुरू हुआ था. इसके लिए 2 करोड़ 26 लाख 86 हजार रुपए स्वीकृत हुए थे.

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अधूरे सड़क निर्माण से परेशान लोग

अधूरे निर्माण ने लोगों को किया परेशान

निर्माण कार्य का ठेका एसएस इन्फ्राट्रक्चर दुर्ग को दिया गया था, लेकिन अर्थ वर्क करने के बाद इसे छोड़ दिया गया, जिसके कारण पिछले 3-4 सालों से तवेरा से तिलोदा मार्ग पर 13 किलोमीटर की दूरी तक सड़क निर्माण का काम अभी भी अधूरा है. ग्रामीणों को अब सड़क के डामरीकरण का इंतजार है.

शासन-प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

तवेरा गांव से तिलोदा के बीच तवेरा खपरी, कसौदा, हरण सिंघी, मुंडरा, तिलोदा गांव के लोग पिछले 3-4 सालों से सड़क की धूल खाने को मजबूर हैं, जिसकी वजह से उस क्षेत्र में रह रहे लोगों में दमा, टीबी और श्वास की बीमारी जैसी समस्याएं हो रही हैं. इसके अलावा गाड़ियों में टूट-फूट के साथ इंधन की मात्रा भी दोगुनी लगती है. इससे राहगीरों को नुकसान हो रहा है, वहीं आए दिन खराब सड़क के काण हादसे की आशंका बनी रहती है.

ग्रामीणों को हो रही परेशानी

बता दें कि तवेरा से तिलोदा मार्ग 12.75 किलोमीटर की दूरी के लिए साल 2008 की स्थिति में 3 करोड़ 76 लाख 86 हजार रुपए में टेंडर हुआ था, लेकिन लगभग 6 साल बाद यानी 2016-17 में उसी रोड का टेंडर 2 करोड़ 26 लाख 86 हजार रुपए में हुआ. जानकारी के मुताबिक ठेकेदार ने निविदा में कम राशि भरकर टेंडर हथियाने का प्रयास किया और काम अधूरा छोड़ दिया गया, जिसका खामियाजा बेवजह बेकसूर ग्रामवासियों और राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है.

बालोद: तवेरा से तिलोदा मार्ग पर 13 किलोमीटर सड़क के अधूरे निर्माण के कारण गांववाले परेशान हैं. दरअसल इस मार्ग पर करीब 3-4 साल पहले गिट्टीकरण का काम हुआ था, लेकिन डामरीकरण नहीं होने से उड़ते धूल के गुबार के कारण लोग परेशान हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क पर उड़ रही धूल के कारण उनकी तबीयत खराब हो रही है.

अधूरे सड़क निर्माण से परेशान लोग

पूरा नहीं हुआ निर्माण का कार्य

दरअसल बालोद के गुंडरदेही ब्लॉक मुख्यालय से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तवेरा गांव से लगभग 13 किलोमीटर तक मार्ग बनाने के लिए टेंडर साल 2008 में स्वीकृत हुआ था और 26 दिसंबर 2010 में बाफना अर्थ मूवर्स की ओर से निर्माण कार्य पूरा किया जाना था. निर्माण की लागत 3 करोड़ 76 लाख 69 हजार थी. इस सड़क को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनना था. तवेरा से तिलोदा में साल 2016-17 में ये शुरू हुआ था. इसके लिए 2 करोड़ 26 लाख 86 हजार रुपए स्वीकृत हुए थे.

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अधूरे सड़क निर्माण से परेशान लोग

अधूरे निर्माण ने लोगों को किया परेशान

निर्माण कार्य का ठेका एसएस इन्फ्राट्रक्चर दुर्ग को दिया गया था, लेकिन अर्थ वर्क करने के बाद इसे छोड़ दिया गया, जिसके कारण पिछले 3-4 सालों से तवेरा से तिलोदा मार्ग पर 13 किलोमीटर की दूरी तक सड़क निर्माण का काम अभी भी अधूरा है. ग्रामीणों को अब सड़क के डामरीकरण का इंतजार है.

शासन-प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

तवेरा गांव से तिलोदा के बीच तवेरा खपरी, कसौदा, हरण सिंघी, मुंडरा, तिलोदा गांव के लोग पिछले 3-4 सालों से सड़क की धूल खाने को मजबूर हैं, जिसकी वजह से उस क्षेत्र में रह रहे लोगों में दमा, टीबी और श्वास की बीमारी जैसी समस्याएं हो रही हैं. इसके अलावा गाड़ियों में टूट-फूट के साथ इंधन की मात्रा भी दोगुनी लगती है. इससे राहगीरों को नुकसान हो रहा है, वहीं आए दिन खराब सड़क के काण हादसे की आशंका बनी रहती है.

ग्रामीणों को हो रही परेशानी

बता दें कि तवेरा से तिलोदा मार्ग 12.75 किलोमीटर की दूरी के लिए साल 2008 की स्थिति में 3 करोड़ 76 लाख 86 हजार रुपए में टेंडर हुआ था, लेकिन लगभग 6 साल बाद यानी 2016-17 में उसी रोड का टेंडर 2 करोड़ 26 लाख 86 हजार रुपए में हुआ. जानकारी के मुताबिक ठेकेदार ने निविदा में कम राशि भरकर टेंडर हथियाने का प्रयास किया और काम अधूरा छोड़ दिया गया, जिसका खामियाजा बेवजह बेकसूर ग्रामवासियों और राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है.

Last Updated : Mar 20, 2020, 1:20 PM IST
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