बालोद: कोरोना वायरस के संक्रमण काल में 2 वर्षों तक शिक्षण कार्य भी प्रभावित हुआ. बच्चों के शिक्षण स्तर में काफी गिरावट देखने को मिली है. इसी को भौतिक रूप से परखने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उपचारात्मक शिक्षण परीक्षा का आयोजन आगामी 19 और 20 अक्टूबर को जिले के प्रत्येक शासकीय विद्यालयों में किया जाएगा. जिसको लेकर बालोद शिक्षा विभाग द्वारा तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. आज ओएमआर शीट का वितरण भी किया गया है.
परखना है लक्ष्य: बालोद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि "यह केंद्रीय स्तर की परीक्षा है और इसका मूल उद्देश्य 2 वर्षों के कोरोना वायरस के संक्रमण काल में जो शिक्षा का स्तर गिरा है, जो बच्चों में कमी आई है, उसको परखना है. उसके बाद उन्हें उपचारात्मक शिक्षा भी प्रदान की जाएगी और स्तर पहचाना जाएगा कि आखिर कोरोना काल में जो शिक्षण कार्य प्रभावित हुआ है, उससे बच्चे किस तरह और कितना प्रभावित हुए हैं.
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प्रभावित बच्चों को दी जाएगी उपचारात्मक शिक्षा: उपचारात्मक शिक्षण परीक्षा के माध्यम से सभी बच्चों का टेस्ट लिया जाएगा. उसके बाद इसकी रिपोर्ट प्रदेश से लेकर केंद्र तक जाएगी. उसके बाद परीक्षा में कमजोर साबित होने वाले बच्चों को विशेष उपचारात्मक शिक्षण भी दिया जाएगा. जिसके तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी है और एक रोडमैप भी तैयार किया जा चुका है.
सभी हिंदी विद्यालयों में आयोजित होगी परीक्षा: कक्षा छठवीं से कक्षा बारहवीं तक सभी हिंदी माध्यम सरकारी विद्यालयों में यह परीक्षा आयोजित की जाएगी. 19 एवं 20 अक्टूबर को यह परीक्षा आयोजित होगी. प्रत्येक विद्यालयों को ओएमआर शीट भी भेज दिया गया है. आज शिक्षा विभाग की टीम ओएमआर शीट सप्लाई करने में जुटी रही. परीक्षा की तैयारियां भी लगभग पूर्ण हो चुकी हैं.