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राकेश ने बढ़ाया बालोद का मान, श्रेष्ठ स्वयंसेवक का मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

बालोद के सकरौद गांव के रहने वाले राकेश कुमार ने जिले का नाम दिल्ली तक रोशन किया है. राकेश कुमार को श्रेष्ठ स्वयंसेवक के रूप में राष्ट्रीय सेवा योजना का राष्ट्रीय पुरस्कार (स्वयंसेवक श्रेणी के अंतर्गत) प्राप्त हुआ है.

rakesh kumar of balod
राकेश कुमार को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
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Published : Sep 25, 2020, 10:16 AM IST

बालोद: खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार ने दिल्ली में राष्ट्रीय सेवा योजना के पुरस्कारों के लिए वर्चुअल सभा का आयोजन किया. यहां छत्तीसगढ़ के दो युवा प्रदेश का मान बढ़ाते नजर आए. यहां बालोद के सकरौद गांव के रहने वाले राकेश कुमार ने जिले का नाम दिल्ली तक रोशन किया है. राकेश कुमार को श्रेष्ठ स्वयंसेवक के रूप में राष्ट्रीय सेवा योजना का राष्ट्रीय पुरस्कार (स्वयंसेवक श्रेणी के अंतर्गत) प्राप्त हुआ है. जिसके अंतर्गत प्रशस्ति पत्र, चांदी का मेडल और एक लाख की राशि वर्चुअली प्रदान की गई. इस पुरस्कार से बालोद जिले में हर्ष का माहौल है.

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू और प्रदेश की राज्यपाल अनुसुइया उइके मौजूद रहीं. राज्यपाल ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा है कि यह गर्व की बात है कि छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय सेवा योजना के दो स्वयंसेवक राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हुए हैं. उन्होंने कहा कि NSS युवाओं में राष्ट्रप्रेम और नेतृत्व की भावना का विकास करता है. उनके कार्यों से पूरे समाज को प्रेरणा मिलती है.

rakesh kumar of balod
राकेश कुमार को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

कोरोना काल में किए विशेष काम

राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित राकेश कुमार स्वयंसेवक के रूप में वृक्षारोपण और स्वच्छता से जुड़े रहे और औरों को भी प्रेरित करते रहे. कोरोना महामारी काल में एनएसएस के जरिए उनकी टोली ने जरूरतमंदों के लिए न सिर्फ कपड़ों की व्यवस्था की, बल्कि खाद्यान भी जुटाते रहे. राकेश कुमार ने इससे पहले गणतंत्र दिवस परेड में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया है. साल 2018-19 में विश्वविद्यालय ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ स्वयंसेवक चुना था. राकेश कुमार की वृक्षारोपण, रक्तदान, मेडिकल कैंप, साक्षरता कार्यक्रम और सामुदायिक विकास के कार्यों में भी सक्रिय भूमिका रही. राकेश ने बताया कि युवाओं की ऊर्जा हमेशा सकारात्मक कार्यों में लगनी चाहिए. उनकी सोच समाज को एक बेहतर दिशा दे सकती है. साल 2016 में प्री आरडीसी में जहां उनकी भागीदारी रही, वहीं साल 2017 में वे आरडीसी में शामिल रह चुके हैं.

पढ़ें- कृषि विधेयकों के विरोध में सड़कों पर उतरेंगे देशभर के किसान

राकेश की उपलब्धि पर जिलेवासियों में भी हर्ष का माहौल है. विधायक कुंवर सिंह निषाद, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना देवी देशलहरा, शिक्षक देवेन्द्र हरमुख सहित अन्य साथियों ने इस उपलब्धि पर हर्ष जताया और युवाओं को इसी तरह आगे बढ़ने के लिए हौसला बढ़ाया. बालोद जिले में इस क्षेत्र का यह पहला बड़ा पुरस्कार है.

बालोद: खेल एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार ने दिल्ली में राष्ट्रीय सेवा योजना के पुरस्कारों के लिए वर्चुअल सभा का आयोजन किया. यहां छत्तीसगढ़ के दो युवा प्रदेश का मान बढ़ाते नजर आए. यहां बालोद के सकरौद गांव के रहने वाले राकेश कुमार ने जिले का नाम दिल्ली तक रोशन किया है. राकेश कुमार को श्रेष्ठ स्वयंसेवक के रूप में राष्ट्रीय सेवा योजना का राष्ट्रीय पुरस्कार (स्वयंसेवक श्रेणी के अंतर्गत) प्राप्त हुआ है. जिसके अंतर्गत प्रशस्ति पत्र, चांदी का मेडल और एक लाख की राशि वर्चुअली प्रदान की गई. इस पुरस्कार से बालोद जिले में हर्ष का माहौल है.

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू और प्रदेश की राज्यपाल अनुसुइया उइके मौजूद रहीं. राज्यपाल ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा है कि यह गर्व की बात है कि छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय सेवा योजना के दो स्वयंसेवक राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हुए हैं. उन्होंने कहा कि NSS युवाओं में राष्ट्रप्रेम और नेतृत्व की भावना का विकास करता है. उनके कार्यों से पूरे समाज को प्रेरणा मिलती है.

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राकेश कुमार को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

कोरोना काल में किए विशेष काम

राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित राकेश कुमार स्वयंसेवक के रूप में वृक्षारोपण और स्वच्छता से जुड़े रहे और औरों को भी प्रेरित करते रहे. कोरोना महामारी काल में एनएसएस के जरिए उनकी टोली ने जरूरतमंदों के लिए न सिर्फ कपड़ों की व्यवस्था की, बल्कि खाद्यान भी जुटाते रहे. राकेश कुमार ने इससे पहले गणतंत्र दिवस परेड में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया है. साल 2018-19 में विश्वविद्यालय ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ स्वयंसेवक चुना था. राकेश कुमार की वृक्षारोपण, रक्तदान, मेडिकल कैंप, साक्षरता कार्यक्रम और सामुदायिक विकास के कार्यों में भी सक्रिय भूमिका रही. राकेश ने बताया कि युवाओं की ऊर्जा हमेशा सकारात्मक कार्यों में लगनी चाहिए. उनकी सोच समाज को एक बेहतर दिशा दे सकती है. साल 2016 में प्री आरडीसी में जहां उनकी भागीदारी रही, वहीं साल 2017 में वे आरडीसी में शामिल रह चुके हैं.

पढ़ें- कृषि विधेयकों के विरोध में सड़कों पर उतरेंगे देशभर के किसान

राकेश की उपलब्धि पर जिलेवासियों में भी हर्ष का माहौल है. विधायक कुंवर सिंह निषाद, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना देवी देशलहरा, शिक्षक देवेन्द्र हरमुख सहित अन्य साथियों ने इस उपलब्धि पर हर्ष जताया और युवाओं को इसी तरह आगे बढ़ने के लिए हौसला बढ़ाया. बालोद जिले में इस क्षेत्र का यह पहला बड़ा पुरस्कार है.

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