बालोद: कोरोना संक्रमण के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन के करीब 5 महीने बाद बालोद रेलवे स्टेशन में ट्रेन पहुंची है. इसे लेकर लोगों में उत्साह है. अब रायपुर से निकलकर जाने वाली यह ट्रेन नक्सलियों की मांद में घुसकर वापस आएगी. पहले दिन रायपुर से केवटी तक ट्रेन का संचालन किया जा रहा है. 5 सितंबर से केवटी से वापस रायपुर के लिए ट्रेन जाएगी. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक ट्रेन सिर्फ एक ही राउंड मारेगी. ट्रेन में यात्रा करने के दौरान नियमों का पालन करना बेहद अनिवार्य होगा. बिना अनुमति प्लेटफॉर्म पर भीड़ बढ़ाने से जुर्माने का भी प्रावधान रखा गया है.
कई महीनों बाद ट्रेन में सफर करने वाले क्षेत्र के लोगों ने खुशी जाहिर की है. कुछ लोगों ने बताया कि रोजाना उन्हें दफ्तर जाने के लिए भिलाई-दुर्ग अप-डाउन करना पड़ता है. अब ट्रेन शुरू होने से उन्हें आने-जाने में सहुलियत होगी. वहीं कई सब्जी और फल विक्रेताओं ने बताया कि वे अपनी रोजी-रोटी के लिए ट्रेन में बैठकर दूसरे गांवों और शहरों में जाते हैं. ट्रेन शुरू होने से वे सभी खुश हैं.
रायपुर से चलने वाली ट्रेन केवटी-भानूप्रतापपुर जैसे वनांचल क्षेत्र और नक्सलियों की मांद में हुंकार भर कर वापिस आएगी. वनांचल में रहने वाले लोगों को इसका काफी लाभ मिलेगा. वनांचलों से सब्जी और फल शहरों तक पहुंच पाएंगे.
'सतर्कता के साथ करें सफर'
मुख्य स्टेशन प्रबंधक ने बताया कि 5 महीने बाद रेल सेवा यहां शुरू हुई है. जिससे लोगों में खुशी है. इस दौरान सभी लोगों को अपनी सुरक्षा खुद रखनी होगी और सावधानी बरतनी होगी, जिससे संक्रमण से बचा जा सके. टिकट की खरीदी ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से हो सकेंगी. उन्होंने बताया कि कोविड मापदंडों के अनुसार थर्मल स्कैनर की व्यवस्था कुछ स्टेशनों पर की गई है, यात्रियों से भी अनुरोध है कि स्वयं भी अपने स्वास्थ्य के बारे में सतर्कता बरतते हुए यात्रा करें.
पढ़ें- बस कर्मचारियों की समस्या का नहीं हुआ समाधान, कर सकते हैं आंदोलन
रावघाट रेल परियोजना के तहत रेलवे ने केवटी तक ट्रेन चलाने का ट्रायल सालों पहले ही कर लिया था. सुरक्षा और संरक्षा जांच के बाद रायपुर मंडल ने रायपुर-भानुप्रतापपुर पैसेंजर को केवटी तक चलाने का निर्णय लिया. भानुप्रतापपुर से 8 किलोमीटर आगे केवटी स्टेशन है. रेलवे अफसरों के मुताबिक 2022 तक रावघाट तक रेल लाइन बिछाने का लक्ष्य है.