बालोद: हर साल की तरह रक्षाबंधन का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन कोरोना संक्रामण के कारण बालोद जेल में बंद बंदियों की कलाइयां सूनी रहने वाली हैं. इस बार बंदियों को अपनी बहनों से मिलने की अनुमति नहीं मिल पाएगी. वहीं उप जेल के प्रभारी आरआर मातलाम ने बताया कि किसी तरह की कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है. हम लोग ऊपर से दिशा निर्देश का वेट कर रहे हैं. वैसे तो कोविड-19 प्रोटोकॉल को देखते हुए इस बार बंदियों से मिलना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा.
उप जेल बालोद प्रबंधक ने बताया कि बहनों को भाइयों से मिलने की अनुमति तो इस बार नहीं है. लेकिन हम राखियों को ले रहे हैं और कोरोना वायरस के नियमों का भी पूरी तरह पालन कर रहे हैं. बता दें कि बालोद जिले के उप जेल में बालोद सहित आसपास के विचाराधीन कैदी हैं. प्रत्येक वर्ष रक्षाबंधन के दिन इन बंदियों के चेहरे पर मुस्कान देखने को मिलती है क्योंकि उन्हें अपनी बहनों से मिलने का सौभाग्य प्राप्त होता है. लेकिन इस बार उन्हें यह सौभाग्य नहीं मिल पाएगा. इसकी खास वजह कोरोना संक्रमण है.
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उन्होंने बताया कि जिस भी व्यक्ति को राखी छोड़ना है, वह जेल प्रबंधन तक आकर राखी छोड़ सकता है और जो रक्षाबंधन के दिन मिलने की उम्मीद लगाए हुए हैं. उन्हें केवल राखी पहले से ही छोड़ देनी चाहिए या फिर उसी दिन आकर राखी छोड़ सकते हैं. मिलने की अनुमति नहीं रहेगी.
कोरोनावायरस के इस संक्रमण काल में त्रासदी को देखते हुए जेल प्रबंधन द्वारा भारी सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है. कोविड-19 कॉल के कारण ही इस बार रक्षाबंधन में भाइयों से मिलने की अनुमति नहीं रहेगी. इस साल रक्षाबंधन पर मुलाकात की खिड़की भी सूनी रहेगी.