बालोद: प्याज के मूल्यों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. जिसके कारण एक तरफ प्याज का उपयोग करने वाले ग्राहक परेशान हैं, तो वहीं व्यापारी भी मुश्किल में हैं. व्यापारियों का कहना है कि जिस तरह प्याज के मूल्य बढ़ रहे हैं, उन्हें घर से पैसा लगाकर व्यापार करना पड़ रहा है. छोटे व्यापारियों का कहना है कि वे जब प्याज की बोरियां खरीदते हैं तो उसमें से काफी कुछ खराब निकलता है, जिसकी भरपाई उन्हें करनी पड़ती है. स्थानीय बाजार की बात करें तो यहां पर आलू 40 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा है तो वहीं प्याज की कीमत 60 से 70 रुपये के लगभग पहुंच गई है. अलग-अलग क्षेत्रों में प्याज के अलग-अलग मूल्य देखने को मिल रहा है.
पढ़ें: SPECIAL: छतीसगढ़ के किसानों ने की सब्जियों की MSP तय करने की मांग
कहीं थाली से गायब न हो जाये प्याज
प्याज के बढ़ते मूल्यों को लेकर कुछ ग्रहणियों और स्थानीय लोगों से ETV भारत ने चर्चा की तो उन्होंने बताया कि प्याज के बिना सब्जियों में स्वाद नहीं आ रहा है. जिस तरह प्याज के मूल्य बढ़ रहे हैं, उससे ऐसा लगता है कि कुछ दिनों में हमारी थालियों से ये गायब न हो जाए. सरकार को इस पर नियंत्रण करने की आवश्यकता है, ताकि गरीब वर्ग के लोगों तक सही मूल्यों में प्याज की सप्लाई होती रहे.
व्यापारियों को उठाना पड़ रहा नुकसान
व्यापारियों ने बताया कि 36 रुपये किलो की दर से आलू को खरीदते हैं और उन्हें 40 रुपये किलो में बेचना पड़ रहा है. ऐसे में कई आलू खराब निकल जाते हैं तो उन्हें काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा ही कुछ प्याज को लेकर भी है प्याज के लिए भी मूल्य निर्धारण की बात कही जा रही है. प्रशासन का कहना है कि ढाई सौ क्विंटल प्याज स्टॉक बड़े व्यापारियों के लिए लिमिट कर दिया गया है. खुदरा व्यापारियों के लिए 20 क्विंटल प्याज स्टॉक की लिमिट की गई है. प्याज का मूल्य न बड़े इस बात का ध्यान रखा जा रहा है.
व्यापारियों को प्रशासन द्वारा निर्देशित किया गया है कि आलू 40 रुपये से अधिक दर पर न बेचे. प्याज की दर 60 रुपये निर्धारित की गई है. जिससे व्यापारी का कहना है कि उन्हें थोड़ी सी भी कमाई नहीं हो पा रही है. थोक व्यापारी अपना मुनाफा निकाल लेते हैं लेकि जो छोटा व्यापार करते हैं उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.