बालोद: पूरे छत्तीसगढ़ में बालोद जिला 'वाटर बैंक' के नाम मशहूर है. यहां चार बड़े-बड़े जलाशय हैं. जहां 12 महीने पानी भरा रहता है. इन जलाशयों से दुर्ग, कवर्धा, बेमेतरा जिले में भी पानी की सप्लाई की जाती है. लेकिन बालोद जिले की बात करें तो यहां खुद पेयजल व्यवस्था का बुरा हाल है.
जिले के डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र के भीम कन्हार गांव के लोग पानी की किल्लत से जूझते दिखाई पड़ते हैं. यहां नल-जल योजना की पाइपलाइन अब तक नहीं पहुंची. वहीं हैंडपंप खुद प्यासे हैं. वैसे सरकारी आंकड़ों में यहां 18 हैंडपंप और 2 बोर हैं. लेकिन यहां सिर्फ 1 हैंडपंप ही काम कर रहा है. वहीं बाकी हैंड पंप या तो खराब पड़े हैं या उनसे पानी नहीं निकलता. गांव से 1 किलोमीटर दूर गौठान में एक सरकारी बोर भी है. लेकिन दूर होने के चलते लोगों को पानी लाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
एक हैंड पंप के सहारे सैंकड़ो परिवार
ETV भारत की टीम जब गांव में पहुंची, तो वहां देखा कि हैंडपंप में लोग लाइन लगाकर अपनी-अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. ग्रामीणों ने बताया कि यहां वर्षों से यही स्थिति है. अब गर्मी शुरू होने वाली है. लिहाजा ग्रामीणों को पानी के लिए चिंता सताने लगी है.
नल-जल योजना का बुरा हाल
राज्य सरकार की महत्वकांक्षी नल-जल योजना का बालोद जिले में बुरा हाल है. लंबे समय से कई गांवों में पानी नहीं पहुंचा है. ग्रामीण हैंडपंप के पानी से अपनी प्यास बुझाते हैं. वहीं गर्मी के दिनों में पेयजल समस्या से जूझना पड़ता है. ग्रामीणों ने इस संबंध में कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का ध्यानाकर्षण करवाया चुके हैं, लेकिन इस ओर अब तक कोई पहल नहीं हो पाई है. पानी की विकराल समस्या होने पर ग्रामीणों को कड़ी मशक्कत करना पड़ता है.
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सरपंच-उपसरपंच ने नहीं दी जानकारी
भीम कन्हार गांव में जल संकट को लेकर हमने गांव के सरपंच और उपसरंपच से बात करने की कोशिश की. सरपंच पोषण लाल साहू से गांव से बाहर थे. वहीं उपसरपंच ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
विपक्ष ने साधा निशाना
जलसंकट को लेकर बीजेपी नेता देवलाल ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस ने खरखरा जलाशय से डौंडीलोहारा और गुंडरदेही क्षेत्र में पानी लाने का वादा किया था. लेकिन सरकार बने 2 साल से ज्यादा हो गए. अब तक यहां पानी नहीं पहुंचा है. उन्होंने कहा कि बालोद से दूसरे जिलों के लिए पानी की सप्लाई की जाती है. लेकिन यहां के लोग बूंद-बूंद पानी को तरसने को मजबूर हैं.
प्रशासन का दावा, नहीं है कोई समस्या
हालांकि प्रशासन का दावा कुछ और ही है. अपर कलेक्टर अनिला बाजपेयी ने बताया कि गांव में पेयजल संकट नहीं है. गांव में 18 हैंडपंप और दो बोर हैं. जिसमें 8 हैंडपंप बिल्कुल सही तरीके से काम कर रहे हैं. वहीं 4 से रुक-रुक कर पानी आ रहा है. 4 हैंडपंप खराब है. वहीं 1 हैंडपंप से खराब पानी आ रहा है. जिसे सुधारा जाएगा.
समस्या सिर्फ भीम कन्हार गांव की नहीं है. जिले के कई ऐसे ग्रामीण क्षेत्र हैं जहां लोगों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. बहरहाल गर्मी शुरू होने वाली है. ऐसे में स्थिति आगे विकराल होते दिखाई पड़ रही है. शासन-प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है.