बालोद : जिले के ग्राम खल्लारी के ग्रामीण सैकड़ों की संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. आदिवासी मत्स्य सहकारी समिति खल्लारी को पट्टा दिलाने की मांग लेकर यह सभी आदिवासी ग्रामीण कलेक्ट्रेट आए हुए थे. उनके हक के काम को किसी और समूह को देने से ये ग्रामीण परेशान है.
सैंकड़ो की संख्या में पहुंचे वनांचल के ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया कि उनकी समिति को ग्राम पंचायत खल्लारी ने 7 सालों के लिए लीज में दिया था. जिसका खसरा 302 रकबा 6.32 हेक्टेयर है. जैसे ही सिंचाई तालाब की अवधि खत्म हुई. समिति ने दोबारा ग्राम पंचायत में आवेदन किया, लेकिन उनकी समिति के आवेदन को स्वीकार नहीं किया गया, उन्होंने बताया कि समिति ने उप सहायक मत्स्य विभाग बालोद में भी आपत्ति की, इसके बाद भी पंचायत ने कोई ध्यान नहीं दिया.
पढ़ें: कोरियाः कोयले का अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए बीजेपी ने सौंपा ज्ञापन
छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग में किया आवेदन
जब आदिवासी मत्स्य सहकारी समिति खल्लारी को न्याय मिलता नजर नहीं आया तो उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग रायपुर में आवेदन किया.जिसमें ग्राम पंचायत के सरपंच, उप सरपंच, सचिव ने फैसला लिया कि आदिवासी समिति को प्रस्ताव दिया जाएगा, उसके बाद भी ग्राम पंचायत ने जय पांडवान समिति बोरिद को आदेश कर दिया है, जबकि जय पांडवान समिति 3 लाख 43000 रुपये की डिफाल्टर है.
प्रशासन से मांगा पट्टा
डिफॉल्टर समिति वर्तमान में तीन तालाबों से मछली निकाल रही है, जबकि आदिवासी समिति को तीनों तालाबों को दिया जाना था. फिलहाल आदिवासी मत्स्य सहकारी समिति ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मामले में जल्द से जल्द कारर्वाई की मांग की है.