बालोद : छत्तीसगढ़ में हड़ताल कर रहे पटवारियों के खिलाफ सरकार ने सख्ती दिखाई है. सरकार ने हड़ताल कर रहे पटवारियों को काम पर वापस लौटाने के लिए एस्मा लगाया है. बावजूद इसके पटवारियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है. बालोद जिले में भी पटवारियों ने एस्मा का विरोध किया है. पटवारियों सरकार को अपने आंदोलन की ताकत दिखाने के लिए एस्मा की कॉपियों को जलाकर आंदोलन तेज कर दिया है.
सरकार के खिलाफ नाराजगी : बालोद जिला पटवारी संघ के अध्यक्ष लोकेश कुमार साहू के मुताबिक ''प्रदेश की सरकार अब दमनकारी नीतियां अपनाने पर उतारू हो आई है. यहां पर हमसे बिना कोई चर्चा किए एस्मा लगा दिया गया है. एक बार सरकार को हमसे बात तो करना चाहिए. आखिर हम उन्हीं के ही तो कर्मचारी हैं. सरकार के इस आदेश के बाद पटवारियों में काफी आक्रोश है.''
ये हैं पटवारियों की मांगें :
1. वेतन विसंगति को दूर कर वेतन में बढ़ोत्तरी की जाए.
2. वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन किया जाए. राजस्व निरीक्षक के कुल पदों मे 50% पर पटवारियों के वरिष्ठता के आधार पर और 50% पदों पर विभागीय परीक्षा के आधार पर प्रमोशन किया जाए. साथ ही 5 वर्ष पूर्ण कर चुके पटवारियों को राजस्व निरीक्षक का प्रशिक्षण दिलाया जाए.
3. संसाधन और भत्ते की मांग.
4. स्टेशनरी भत्ते की मांग
5. अतिरिक्त प्रभार के हल्के का भत्ता की मांग
6. पटवारी भर्ती के लिए योग्यता स्नातक करने की मांग
7. मुख्यालय निवास की बाध्यता समाप्त की जाए.
8. बिना विभागीय जांच के एफआईआर दर्ज ना किया जाए.
7 जून से एस्मा प्रभावी : 23 दिन से चल रही हड़ताल के मद़्देनजर राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम, 1979 की शक्तियों का प्रयोग किया है. यह आदेश सात जून से प्रभावीशील है.जो आगामी तीन महीने के लिए प्रभावशील रहेगा. आदेश को राजपत्र में भी प्रकाशित कर दिया गया है. इस बीच, पटवारी संघ की बैठक में निर्णय लिया गया कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती है, तब तक हड़ताल जारी रहेगी.