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बालोद में शिक्षकों की कमी से परिजन परेशान

बालोद के मंगचुआ गांव में शिक्षकों की कमी से बच्चों का भविष्य खतरे में (lack of teachers in Balod ) है. समस्या के निदान के लिए सरपंच कई बार जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर लगा चुके हैं. लेकिन समस्या का कोई निदान नहीं मिल पा रहा है.

shortage of teachers in balod
बालोद में शिक्षकों की कमी
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Published : Jul 7, 2022, 6:56 PM IST

बालोद: नये शिक्षा सत्र की शुरूआत हो चुकी है. स्कूलों में शिक्षकों की कमी के साथ स्कूल भवनों की समस्या को लेकर आंदोलन का दौर भी प्रदेश में शुरू हो चुका है. नए शिक्षण सत्र की शुरुआत के साथ ही बालोद जिले में कई ऐसे विद्यालय हैं, जो शिक्षकों की कमी से जूझ रहे (lack of teachers in Balod ) हैं. इसका सीधा-सीधा असर बच्चों की शिक्षा पर पड़ रहा है. यहां पर कुछ गांव ऐसे हैं, जहां के बच्चे शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं. परिजन जिला कार्यालय शिक्षा विभाग के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन उनकी समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है. जिले के मंगचुआ में भी यही समस्या है.

बालोद में शिक्षकों की कमी से परिजन परेशान

इन विषयों के शिक्षक नहीं: बालोद जिले के डौंडीलोहारा अंतर्गत ग्राम मंगचुआ शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में भौतिक, जीव विज्ञान, अर्थ शास्त्र के शिक्षक की कमी है. जिसके कारण बच्चों को आगामी दिनों में पढ़ाई के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. जब शुरुआत में यह स्थिति है, तो आने वाले दिनों को लेकर पालक भी काफी चिंतित हैं.

सरपंच लगा रहे कार्यालयों के चक्कर: शिक्षक की कमी को पूरा करने की मांग को लेकर गांव के उप सरपंच व सरपंच पति बीते 1 सप्ताह में तीन बार जिला शिक्षा अधिकारी के पास चक्कर लगा चुके हैं.

कार्यालय में अनुपस्थित: गांव की समस्या को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे. ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारी एक बार भी कार्यालय में उपस्थित नहीं मिले. जिससे जनप्रतिनिधियों में नाराजगी देखी जा रही है. हालांकि जनप्रतिनिधियों ने आवेदन दे दिया है.

यह भी पढ़ें: कवर्धा में तिरपाल के सहारे शिक्षा व्यवस्था !

कब तक दूर होगी समस्या: ग्रामीणों ने बताया कि ''हमने अधिकारियों की गैरमौजूदगी में विभाग को अपना ज्ञापन दे दिया है. समस्या से अवगत करा दिया है. अब देखना यह है कि विभाग हमारे इस संवेदनशील मामले पर कितने दिनों में संज्ञान में लेता है. यह बच्चों के भविष्य से जुड़ा मामला है.''

समस्या का निदान न होने पर करेंगे आंदोलन: बच्चों ने बताया कि ''यदि उनके शिक्षकों की समस्याएं दूर नहीं होती है तो वे भी आंदोलन की राह अपनाएंगे. हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे.''

बालोद: नये शिक्षा सत्र की शुरूआत हो चुकी है. स्कूलों में शिक्षकों की कमी के साथ स्कूल भवनों की समस्या को लेकर आंदोलन का दौर भी प्रदेश में शुरू हो चुका है. नए शिक्षण सत्र की शुरुआत के साथ ही बालोद जिले में कई ऐसे विद्यालय हैं, जो शिक्षकों की कमी से जूझ रहे (lack of teachers in Balod ) हैं. इसका सीधा-सीधा असर बच्चों की शिक्षा पर पड़ रहा है. यहां पर कुछ गांव ऐसे हैं, जहां के बच्चे शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं. परिजन जिला कार्यालय शिक्षा विभाग के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन उनकी समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है. जिले के मंगचुआ में भी यही समस्या है.

बालोद में शिक्षकों की कमी से परिजन परेशान

इन विषयों के शिक्षक नहीं: बालोद जिले के डौंडीलोहारा अंतर्गत ग्राम मंगचुआ शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में भौतिक, जीव विज्ञान, अर्थ शास्त्र के शिक्षक की कमी है. जिसके कारण बच्चों को आगामी दिनों में पढ़ाई के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. जब शुरुआत में यह स्थिति है, तो आने वाले दिनों को लेकर पालक भी काफी चिंतित हैं.

सरपंच लगा रहे कार्यालयों के चक्कर: शिक्षक की कमी को पूरा करने की मांग को लेकर गांव के उप सरपंच व सरपंच पति बीते 1 सप्ताह में तीन बार जिला शिक्षा अधिकारी के पास चक्कर लगा चुके हैं.

कार्यालय में अनुपस्थित: गांव की समस्या को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे. ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारी एक बार भी कार्यालय में उपस्थित नहीं मिले. जिससे जनप्रतिनिधियों में नाराजगी देखी जा रही है. हालांकि जनप्रतिनिधियों ने आवेदन दे दिया है.

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कब तक दूर होगी समस्या: ग्रामीणों ने बताया कि ''हमने अधिकारियों की गैरमौजूदगी में विभाग को अपना ज्ञापन दे दिया है. समस्या से अवगत करा दिया है. अब देखना यह है कि विभाग हमारे इस संवेदनशील मामले पर कितने दिनों में संज्ञान में लेता है. यह बच्चों के भविष्य से जुड़ा मामला है.''

समस्या का निदान न होने पर करेंगे आंदोलन: बच्चों ने बताया कि ''यदि उनके शिक्षकों की समस्याएं दूर नहीं होती है तो वे भी आंदोलन की राह अपनाएंगे. हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे.''

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