बालोद: तांदुला जलाशय में NDRF (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की तीसरी बटालियन ने मॉक ड्रिल किया. इस दौरान आपदा के समय कैसे निपटें और आपदा प्रबंधन दल कैसे कार्य करता है इसका अभ्यास किया गया. इस दौरान एनडीआरएफ के साथ स्थानीय पुलिस की टीम भी मौजूद रही. ओडिशा से तीसरी वाहिनी की टीम पहुंची थी. मॉक ड्रिल में आपदा का उदाहरण पेश किया गया. आपदा से बचाव के तरीके भी प्रस्तुत किए गए.
संसाधनों की कमी
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डीआर पोर्ते ने कहा कि हमारे पास संसाधन नहीं हैं. बिना संसाधन के भी हम सुरक्षित राह सकते हैं. एक-दूसरे की रक्षा कैसे की जा सकती है, इसे NDRF ने बेहद अच्छे तरीके से बताया है. मॉक ड्रिल में सभी को सीखने को मिला है. NDRF के बदौलत विपरीत परिस्थिति में सबके जीवन की रक्षा हो पाती है. डीआर पोर्ते ने आयोजन की तारीफ की है. उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल में पानी में फंसे परिवार को बचाने और नाव पलटने की स्थिति से बचने के बारे में बताया गया है.
मॉक ड्रिल में क्या सीखा?
- एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन मॉक ड्रिल के जरिए दिखाया
- टीम ने पानी में नाव उतारकर मॉक ड्रिल किया.
- झाड़ियों में फंसे लोगों को बचाया.
- घायल हो चुके लोगों की रक्षा के बारे में बताया.
- पानी पी चुके लोगों के पेट से पानी निकालने की जानकारी दी.
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स्थानीय प्रशासन के साथ सामंजस्य
NDRF के डिप्टी कमांडेंट वर्धमान मिश्रा ने बताया कि जीवन की रक्षा सीखने के लिए दो दिन का कैंप लगाया गया. जिला प्रशासन के साथ टेबल टॉक के माध्यम से चर्चा भी हुई. मॉक ड्रिल के माध्यम से अपने कार्यों का प्रदर्शन किया गया. बिना संसाधन के भी जीवन की रक्षा हो सकती है, इसे प्रदर्शित किया गया. स्थानीय प्रशासन के साथ बेहतर सामंजस्य के साथ काम हो, ये हमारी प्राथमिकता है.