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लोकसभा सांसद मोहन मंडावी ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को लिखा पत्र

कांकेर से लोकसभा सांसद मोहन मंडावी ने धान के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा. उन्होंने पत्र में कांग्रेस सरकार पर धान खरीदी में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए, कई मांग की है. खासकर उन्होंने छत्तीसगढ़ में 2019-20 के बचत धान की गुणवत्ता जांच करवाने की मांग की है.

mohan mandavi
सांसद मोहन मंडावी
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Published : Jan 23, 2021, 9:57 PM IST

बालोद: कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में कहा है कि छत्तीसगढ़ में वर्ष 2019-20 के बचत धान के गुणवत्ता की जांच की जाए. उन्होंने पत्र में अंकित किया है की प्रदेश के भूपेश बघेल सरकार की नियंत्रण विहीन खरीदी और खराब रख रखाव के कारण भारी मात्रा में धान खराब हो गया है.

दबाव बनाकर कराया जा रहा मिलिंग
सांसद मोहन मंडावी ने लिखा है कि वर्ष भर दबाव बनाकर मिलर्स को कस्टम मिलिंग कराया जा रहा है और चावल जमा कराया जा रहा है. पिछले वर्ष का धान अधिक मात्रा में अमानक और खराब हो गया है. जिसके कारण आज तक कस्टम मिलिंग का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है और मिलर्स मिलिंग करने में रुचि नहीं ले रहे हैं.

पढ़ें- भूपेश सरकार के जारी किए धान खरीदी के आंकड़े फर्जी-विष्णुदेव साय

इंसानों के खाने योग्य नहीं बचा धान
सांसद मोहन मंडावी ने पत्र में बताया कि भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से राज्य को भौतिक सत्यापन का निर्देश प्राप्त हुआ था. लेकिन उक्त निर्देश के एवज में महज मात्रात्मक परीक्षण कराया गया. बचत धान के गुणवत्ता का जांच कराना भी बेहद आवश्यक है. उन्होंने कहा कि यहां पर गुणवत्ता की जांच कराना आवश्यक है. संग्रहण केंद्रों में बचे हुए धान अमानक और खराब हो चुके हैं और यह लोगों के खाने के योग्य नहीं है. इस स्थान को 31 जनवरी तक मिलर्स को मिलिंग कर जमा कराने दबाव बनाया जा रहा है जो कि सही नहीं है.

लैब में हो जांच
सांसद ने कहा कि बचत धान का CGAL और एफसीआई लैब में निष्पक्ष जांच होना चाहिए ताकि धान की गुणवत्ता की सही जांच हो सके.

बालोद: कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में कहा है कि छत्तीसगढ़ में वर्ष 2019-20 के बचत धान के गुणवत्ता की जांच की जाए. उन्होंने पत्र में अंकित किया है की प्रदेश के भूपेश बघेल सरकार की नियंत्रण विहीन खरीदी और खराब रख रखाव के कारण भारी मात्रा में धान खराब हो गया है.

दबाव बनाकर कराया जा रहा मिलिंग
सांसद मोहन मंडावी ने लिखा है कि वर्ष भर दबाव बनाकर मिलर्स को कस्टम मिलिंग कराया जा रहा है और चावल जमा कराया जा रहा है. पिछले वर्ष का धान अधिक मात्रा में अमानक और खराब हो गया है. जिसके कारण आज तक कस्टम मिलिंग का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है और मिलर्स मिलिंग करने में रुचि नहीं ले रहे हैं.

पढ़ें- भूपेश सरकार के जारी किए धान खरीदी के आंकड़े फर्जी-विष्णुदेव साय

इंसानों के खाने योग्य नहीं बचा धान
सांसद मोहन मंडावी ने पत्र में बताया कि भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से राज्य को भौतिक सत्यापन का निर्देश प्राप्त हुआ था. लेकिन उक्त निर्देश के एवज में महज मात्रात्मक परीक्षण कराया गया. बचत धान के गुणवत्ता का जांच कराना भी बेहद आवश्यक है. उन्होंने कहा कि यहां पर गुणवत्ता की जांच कराना आवश्यक है. संग्रहण केंद्रों में बचे हुए धान अमानक और खराब हो चुके हैं और यह लोगों के खाने के योग्य नहीं है. इस स्थान को 31 जनवरी तक मिलर्स को मिलिंग कर जमा कराने दबाव बनाया जा रहा है जो कि सही नहीं है.

लैब में हो जांच
सांसद ने कहा कि बचत धान का CGAL और एफसीआई लैब में निष्पक्ष जांच होना चाहिए ताकि धान की गुणवत्ता की सही जांच हो सके.

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