बालोद: लीड कॉलेज लंबे समय से प्राध्यापकों की कमी से जूझ रहा है. प्राध्यापकों के लिए पद तो भरपूर है लेकिन नियुक्ति अधर में लटकी हुई है. जिससे छात्रों को अपना भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है. हर साल हजारों छात्र इसी उम्मीद के साथ कॉलेज में दाखिला लेते हैं कि उन्हें कॉलेज में अच्छी शिक्षा मिलेगी. लेकिन कॉलेज में दाखिला लेने के बाद उन्हें पता चलता है कि यहां प्राध्यापक ही नहीं है. जिससे उनकी उम्मीदों पर पानी फिर जाता है. शासन हर बार नई- नई योजनाएं तैयार करता है ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके. लेकिन बालोद जिले का लीड कॉलेज योजनाओं से अछूता है.
शासकीय घनश्याम सिंह गुप्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राध्यापकों के कुल 32 पद स्वीकृत है. लेकिन वर्तमान में केवल 10 नियमित प्राध्यापक ही हैं. जिसके चलते क्लास नहीं लग पाती है. खास बात यह है कि लीड कॉलेज में प्राचार्य भी खाली है, जिसमें एक प्राध्यापक को प्रभारी बनाया गया है, ताकि कॉलेज को चलाया जा सके.
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लिख रहे चिट्ठी
कॉलेज प्रशासन और छात्र भी प्राध्यापकों की कमी से परेशान है. शासन प्रशासन को बीते कई सालों से चिट्ठी लिख रहे हैं. लेकिन अब तक न तो प्राध्यापकों की नियुक्ति हो पाई है और न ही नियमित प्राचार्य कॉलेज आते हैं. कॉलेज में जो नियमित प्राध्यापक हैं. वह कॉलेज के दस्तावेज के काम में व्यस्त रहते हैं. ऐसे में अतिथि प्राध्यापकों का सहारा लेना पड़ रहा है. बालोद जिले के लीड कॉलेज की स्थिति को देखकर अच्छी शिक्षा देने वाले शासन के दावे खोखले साबित नजर आ रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने छात्रों को भरोसा दिलाया है कि प्रदेश में 1,400 पदों पर जल्द भर्ती हो जायेगी. फिर छात्रों को होने वाली समस्या से मुक्ति मिल जायेगी.