बालोद: आपके अंदर हौसला और जुनून हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है. बालोद जिले के डोंडी ब्लॉक के वनांचल क्षेत्र के दुष्यंत कुमार ने भी इस बात को सच साबित किया है. दुष्यंत ने तीसरी बार पीएससी में सफलता हासिल की है. पहली बार पीएससी परीक्षा में दुष्यंत को ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी का पद मिला था. जबकि दूसरी बार पीएससी में कोषालय में सहायक लेखा अधिकारी का पद. अब तीसरी बार पीएससी में दुष्यंत का चयन डीएसपी पद के लिए हुआ है.
रिजल्ट देख रो पड़ी बहनें: दुष्यंत ऐसे क्षेत्र से आते हैं, जहां 12वीं के बाद कौन सा सब्जेक्ट लेकर पढ़ना है, ये बताने वाला भी कोई नहीं होता. यहां पढ़ाई को लेकर कोई गाइड नहीं कर पाता. ऐसी जगह में रहकर सफलता हासिल करना बहुत बड़ी बात है. रिजल्ट देखकर दुष्यंत की बहनें रो पड़ीं. दुष्यंत की बहनों का कहना है कि वो अपने भाई से प्रेरणा ले रही हैं. भाई से वो टाइम मैनेजमेंट सीख रही हैं.
दुष्यंत के पिता कोटवार: घर में मां-पिता, 2 बहन और दुष्यंत...बस इतने लोगों का ही परिवार है. दुष्यंत की मां गृहिणी हैं, जबकि पिता ग्रामीण कोटवार हैं. दो बहनों में योगेश्वरी बीएससी के बाद पीएससी की तैयारी कर रही है. दूसरी बहन रेशमा एमए की पढ़ाई कर रही है.
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"एक साथ तीन बच्चों को पढ़ाना काफी कठिन था. हमने अपने खर्चों में कमी की. बच्चों को पढ़ाया. पति कोटवार हैं और थोड़ी बहुत आय खेती से होती थी. कई तरह की समस्या आई. हमने बच्चों की पढ़ाई को प्राथमिकता दिया. आज हमारी स्थिति थोड़ी बहुत सुधरी है तो वो हमारे बेटे दुष्यंत की वजह से है.- कुंती बाई, दुष्यंत की मां
वर्तमान में कोषालय में पदस्थ: दुष्यंत वर्तमान में कांकेर जिले के चारामा के कोषालय विभाग में सहायक लेखा अधिकारी के पद पर हैं. ढाई साल से वो चारामा में काम कर रहे हैं. चारामा में रहकर उन्होंने पीएससी की तैयारी की. ना किसी कोचिंग का सहारा लिया, ना ही किसी अन्य निजी संस्थानों का. आज जो भी किया दुष्यंत ने अपने दम पर किया.
एमए गोल्ड मेडलिस्ट: दुष्यंत ने गणित विषय लेकर 12वीं बोर्ड एग्जाम क्लियर किया. फिर बीएससी की पढ़ाई भी दुर्ग साइंस कॉलेज में गणित से की. इसके बाद राजनीति शास्त्र लेकर एमए की पढ़ाई की. इसमें दुष्यंत को गोल्ड मेडल मिला. अब दुष्यमंत ने तीसरी बार पीएससी एग्जाम क्लियर कर अपने सपने को पूरा किया है.