बालोद: पुलिस ने सेंट्रिंग प्लेट चोरी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो निर्माणाधीन मकानों ने सेंटरिंग प्लेट की चोरी करते थे धीरे धीरे कर कुछ ही दिनों में उन्होंने बालोद जिले के अलग अलग थानों से 15 लाख रुपए का सेंट्रिंग प्लेट चोरी कर लिए गए थे अब बालोद पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिसमे अर्जुंदा थाना, बालोद थाना और साइबर सेल ने बड़ी भूमिका रही.
एसडीओपी प्रतीक चतुर्वेदी ने बताया कि "आरोपियों के कब्जे से 324 नग जो करीब 8 टन था उसे बरामद किया गया है एक पिकप भी जब्त किया गया है जब्त सामान लगभग 15 लाख के बताए जा रहे हैं."
सब्जियों को ऊपर रख करते थे सप्लाई: आरोपियों से जब पुलिस द्वारा कड़ी पूछताछ की गई तो आरोपियों ने बताया कि "प्लेट चोरी करने के बाद से उसे दूसरे जगह शिफ्ट करने के लिए प्लेट के ऊपर सब्जियों को रख दिया जाता था. जिसके बाद उन्हें सब्जियां होने के कारण उन्हे छोड़ दिया जाता था. लेकिन एक ही गाड़ी सभी घटना स्थलों में देखी गई. जिसपर पुलिस एयर साइबर सेल की टीम नजर लगाए थी और निरंतर तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर यहां आरोपियों को बीती रात दरम्यानी झलमला के पास गिरफ्तार किया गया. कड़ी पूछताछ भी की गई जहां सुपेला से सभी चोरी की गई सभी सेंट्रिंग प्लेट को जब्त किया गया है."
इन जगहों पर हुई थी चोरी: अनुविभागीय अधिकारी पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि "जिले के अर्जुंदा थाना क्षेत्र के ग्राम कुर्दी, झींका, मटिया खैरबना और रन चिराई थाना के ग्राम कलंगपुर, बालोद थाना के ग्राम कोहंगाटोला में लोहे के सेंटरिंग प्लेट की चोरी हुई थी. जिसपर बालोद पुलिस द्वारा बनाई गई उप निरीक्षक शिशिर पांडे साइबर से सहायक उपनिरीक्षक धरम भूआर्य, सहायक उपनिरीक्षक कांताराम घिलेंद्र, उप निरीक्षक रमेश सिन्हा प्रधान आरक्षक भुनेश्वर मरकाम प्रधान आरक्षक रूम लाल चूरेंद्र आरक्षक विवेक शाही, पूरण देवांगन विपिन गुप्ता संदीप यादव राहुल मनहरे आकाश दुबे मिथिलेश यादव योगेश पटेल और योगेश गेडाम की टीम ने मामले में गंभीरता से जांच पड़ताल किया और चार आरोपी जिन्हें शुरू से ही संदिग्ध माना गया था, उन्हें गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आरोपियों के नाम फैय्याज खान, अयाज खान, जैन कुमार गडरिया, रवि यादव पिता भगवान दास को गिरफ्तार किया गया है."
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लोहे को गलाकर, सेंट्रिंग को देते थे किराए पर: उप निरीक्षक शिशिर पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि "यह लोग सेंटरिंग प्लेट को किराए में देते थे. कुछ सेंटरिंग प्लेट कौन लोग बनाकर भेज दिया करते थे. ताकि चोरी में उपयोग किए जाने वाले पैसे का खर्चा निकाला जा सके. इन लोग काफी लंबे समय से इस चोरी की घटना को अंजाम दे रहे थे और पुलिस का यह भी कहना है कि इन चोरों के पकड़ने के बाद गहन पूछताछ में दुर्ग भिलाई के और चोरी की वारदात का खुलासा भी हो सकता है."